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वाल्मिकी समाज के प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से भेंट की।

उत्तराखंड
देहरादून: प्रदेश में दो आवासीय वाल्मिकी विद्यालय प्रारम्भ किए जा रहे हैं। इसमें पूरा खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। सोमवार को बीजापुर में प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में मिलने आए वाल्मिकी समाज के प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से भेंट की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार वाल्मिकी समाज व सफाई कर्मचारियों की चिंताओ से वाकिफ है। वाल्मिकी समाज की समस्याओं के निदान के लिए हर सम्भव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जाति प्रमाण पत्रों के मिलने में जो दिक्कतें आ रही हैं, उनके कानूनी समाधान के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वाल्मिकी स्वच्छकारों के लिए अंशदायी बीमा योजना प्रारम्भ की जाएगी। इससे पहले मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना में 50 हजार रूपए तक का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया गया है। एक वाल्मिकी कल्याण कोष स्थापित किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सफाई कर्मचारियों को पेंशन व पीएफ का पैसा मिलने में दिक्कतें न हों। वाल्मिकी समाज की आवास संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए संसदीय सचिव राजकुमार को मलिन बस्तियों व वाल्मिकी बस्तियों के नियमितिकरण की जिम्मेवारी दी गई है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वाल्मिकी समाज के अग्रणी लोग अपने समाज में चेतना उत्पन्न करें। राज्य सफाई कर्मचारी आयोग को राज्य अनुसूचित जाति आयोग के समकक्ष शक्तियां प्रदान की जाएंगीं। महिला सफाई कर्मचारियों को सुबह के समय में कुछ शिथिलता दिए जाने की मांग पर उन्होंने कहा कि जितना सम्भव हो सकता है, किया जाएगा। जब नगर पालिकाओं में संसाधनों का नए सिरे से वितरण किया जाएगा तो यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सफाई कर्मचरियों के हित सुरक्षित रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सफाई कर्मचारियों के पद पहले लगभग 3430 जिन्हें कि बढ़ाकर 5225 कर दिया गया है। सीएम ने बैठक में उपस्थित सचिव शहरी विकास डीएस गब्र्याल को इन पदों की संख्या में वृद्धि कर 6000 करने के निर्देश दिए। नायकों के पदों की संख्या को 321 से बढ़ाकर 350 करने के निर्देश दिए। जैसे-जैसे नगर पालिकाओं की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, सफाई कर्मचारियों के हित में और भी निर्णय लिए जाएंगे।
इस अवसर पर राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष किरनपाल, उपाध्यक्ष सिकंदर पंवार सहित बड़ी संख्या में वाल्मिकी समाज के प्रबुद्धजन मौजूद थे।

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