देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वन भूमि हस्तान्तरण के मामलों को आपसी समन्वय एवं समयबद्धता के साथ निस्तारण के निर्देश सभी जिला अधिकारियों एवं वनाधिकारियों को दिये है, उन्होने ऐसे प्रकरणों के निस्तारण के लिये वन व लोक निर्माण के साथ ही सम्बंधित विभागीय अधिकारियों के साथ साप्ताहिक बैठक भी आयोजित करने को कहा।
शुक्रवार को देर सांय सचिवालय में सभी जिला अधिकारियों, वनाधिकारियों एवं लोक निर्माण आदि विभागों के अधिकारियों के साथ वीडियों कांफेसिंग के माध्यम से वन भूमि हस्तान्तरण के आन लाईन प्रकरणों की समीक्षा की। उन्होने प्रकरणों के निस्तारण में अब तक हुई प्रगति पर सन्तोष व्यक्त करते हुए इसमें तेजी लाने को कहा। उन्होने सभी जिलाधिकारियों से जनपदवार स्थिति की जानकारी प्राप्त की तथा उस सम्बंध में आ रही कठिनाई की जानकारी प्राप्त की, उन्होने प्रमुख सचिव वन एवं वन संरक्षक भूमि सर्वेक्षण को इस सम्बंध में सभी जिलाधिकारियों को आन लाईन प्रकरणों के निस्तारण में आ रही कठिनाईयों के निराकरण के लिये एक बार पुनः स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करने को कहा ताकि प्रकरणों के निस्तारण में तेजी लाई जा सके।
मुख्यमंत्री ने इस सम्बंध में शासन स्तर पर वन एवं लोनिवि के अधिकारियों की चार टीम गठित कर जनपदों के भ्रमण के निर्देश दिये ताकि उनके द्वारा स्थलीय निरीक्षण के साथ ही इस सम्बंध में आ रही कठिनाईयों का भी निराकरण किया जा सके।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि 15 अप्रेैल को आयोजित होने वाली वाईल्ड लाइफ बौर्ड की बैठक में पार्क एवं सेन्चुरी से जुडे प्रकरणों को भी बौर्ड के समक्ष रखा जाय ताकि इसमें सम्बंधित लम्बित प्रकरणों का भी शीघ्रता से निस्तारण हो सके।
उन्होने कहा कि वन भूमि हस्तांतरण में शीघ्रता होने से सडकों आदि के निर्माण में तेजी आयेगी तथा इससे उत्पन्न जन असन्तोष को दूर करने में भी मदद मिलेगी।
उन्होेने यह भी निर्देश दिए कि ज्वाइंट सर्वे के बाद जिन प्रकरणों पर अब केवल डीएफओं को रिपोर्ट देनी है उसमें भी शीघ्रता बरती जाय। इन मामलों में कन्जरवेटरों को भीसहयोगात्मक रूख अपनाने की बात उन्होने कही।
बैठक में मुख्य सचिव एन रविशंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, एस राजू, प्रमुख सचिव वन डाॅ0 रणवीर सिंह, सचिव लोनिवि अमित नेगी, अपर सचिव लोनिवि अरविन्द हंयाकी, वन संरक्षक भूमि सर्वेक्षण मनोज चन्दन आदि उपस्थित थे।