देहरादून: प्रदेश के श्रम, सेवायोजन, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, एम.एस.एम.ई., खादी एवं ग्रामोद्योग, दुग्ध विकास विभाग मंत्री उत्तराखण्ड सरकार, हरीश चन्द्र दुर्गापाल ने आज विधान सभा स्थित कार्यालय सभा कक्ष में सूक्ष्म एवं लघु मध्यम विभाग उत्तराखण्ड का त्रैमासिक एमएसएमई न्यूज लैटर का विमोचन किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विभाग के कार्यक्रमों को आमजनों के बीच पहुंचाने हेतु विभाग द्वारा एमएसएमई न्यूज लैटर का त्रैमासिक आधार पर प्रकाशन करने का निर्णय लिया गया है। इसका प्रथम अंक आपके सम्मुख है। महिला उद्यमी को नव दिशा योजना के माध्यम से पंूजी निवेश पर अधिकतम 25 लाख तक सब्सिडी और ब्याज में 6 प्रतिशत तक सब्सिडी देने हेतु नीति प्रख्यापित की जा रही है। अल्मोड़ा में नन्दा देवी सेन्टर और एक्सीलेंस स्थापित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से पूरे राज्य के हैण्डलूम एवं प्राकृतिक रेशे के क्षेत्र से जुड़े व्यक्यिों को नए उत्पाद और डिजाइन की ट्रेनिंग देते हुए उनके उत्पादों को अन्तर्राष्ट्रीय बाजार के मानकों के अनुरूप बनाने का प्रयास किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा एमएसएमई क्षेत्र में आर्थिक उन्नति के तीन महामंत्रों में से एक माना गया है और सर्वाधिक महत्व प्रदान किया जा रहा है। सरकार द्वारा जनवरी, 2015 में नई एमएसएमई नीति प्रख्यापित की गई। माह जुलाई, 2015 तक इस नीति के अन्तर्गत विभिन्न क्षेत्रों में लगभग रू0 500 करोड़ के पूंजी निवेश के प्रस्ताव जनपदों में प्राप्त हुए हैं। इनमें फार्मा क्षेत, आई.टी. एवं इलेक्ट्रानिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, पैकेजिंग, रेडीमेड कपडे़, आयुर्वेदिक दवाएं, मिनरल वाटर तथा होटल क्षेत्र प्रमुख है।
इस अवसर पर उन्होंने बताया कि एमएसएमई नीति में प्राविधानित स्वरोजगार एवं उद्यमिता दिवस का आयोजन प्रत्येक माह के अंतिम शुक्रवार को सभी जनपदों के जिला उद्योग केन्द्रों में किया जा रहा है इसके माध्यम से भावी उद्यमियों को स्वरोजगार कार्यक्रमों के बारे में अवगत कराते हुए उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया जायेगा।
हैण्डलूम व हैण्डीक्राप्ट पर आधारित 10 कलस्टर विकसित किये जाने की योजना प्रख्यापित की जा रही है। इसके माध्यम से 2000 शिल्पियों को जोड़ते हुए उनकी आय रू0 3-4 लाख प्रतिवर्ष तक ले जाना है। महिला उद्यमियों हेतु पृथक वेब पोर्टल तैयार किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने, आपस में समन्वय करने तथा ई-मार्केटिंग का लाभ दिया जाना है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार के माध्यम से राज्य के 15 विकास खण्डों में एकीकृत हस्तशिल्प विकास योजना संचालित की जा रही है, जिसमें डिजाइन कार्यशालाएं अगस्त माह में आरम्भ कर दी गई हैं। सरकार द्वारा उद्यमियों की सुविधा हेतु सिंगल विंडो रूल जारी कर दिये गये हैं और विभाग द्वारा एक माह के भीतर पोर्टल आरंभ कर दिया जायेगा।
स्फूर्ति योजना के माध्यम से प्रदेश के सभी जनपदों में संभाव्य कलस्टरों की पहचान करते हुा उनके विकास की योजना क्रियान्वित करने की है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के पारंपरिक शिल्प को बचाये रखने में महती भूमिका निभाने वालों को उत्तराखण्ड राज्य शिल्प रत्न पुरस्कार हेतु चयनित किया है।