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उत्तराखण्ड सृजन 2015 राष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं गोष्ठी/कृषि उद्यान एवं पर्यटन विकास मेले के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत का स्वागत करते हुए

उत्तराखंड
चमोली/देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण में आयोजित उत्तराखण्ड सृजन 2015 राष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं गोष्ठी/कृषि उद्यान एवं पर्यटन विकास मेले का दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन करते हुए कहा कि एक आदर्श उत्तराखण्ड निर्माण के लिए सभी की भागीदारी आवश्यक है। प्रदेश की तस्वीर बदलने में सभी को आगे आना होगा। इस अवसर पर उन्होंने गैरसैंण-रिखोली-फरकण्डे महाविद्यालय तक मोटर मार्ग तथा मैहलचैरी में मिनी स्टेडियम के चैड़ीकरण की घोषणा की।

उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये स्टाॅलों का भी अवलोकन करते हुए प्रदर्शनी मे लगाये गये स्थानीय उत्पादों पर खुशी जाहिर करते हुए उत्पादकों की सराहना की। मुख्यमंत्री श्री रावत के स्वागत में स्कूली बालिकाओं द्वारा स्वागत गीत गाया गया। स्कूली बच्चों द्वारा भारतीय तकनीकी, आपदा प्रबन्धन, स्वच्छ भारत मिशन, साक्षरता, पर्यावरण बचाओं व राजजात जैसी विभिन्न झाकियों का प्रदर्शन किया गया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रदेश के चहुमुखी विकास के लिए तीन मंत्रों को अमल में लाना जरूरी है जिसमें पहला मंत्र शिक्षा की गुणवत्ता पर विषेष ध्यान देना है। उन्होंने अभिभावकों का आह्वान करते हुए कहा कि बच्चों की पढ़ाई में पूरा सहयोग प्रदान करें तथा घर में शिक्षा का वातावरण तैयार करें। पूर्णतः अध्यापकों पर निर्भर न रहें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब डिग्री कालेजों व तकनीकी विद्यालयों की पर्याप्त संख्या हो गयी है, इनका भरपूर लाभ युवाओं को उठाना चाहिए। हमारा दूसरा रास्ता खेत खलियानों का है हमें अपनी पारम्परिक खेती जैसे सब्जी, दाल, मडुवा, झंगौरा, चैलाई, फल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए पूर्ण प्रयास करना है, ताकि हमारी आर्थिकी में सुधार लाया जा सकें। उन्होंने कहा कि इनके विपणन की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जायेगी। किसान को केवल उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान देना है। खेती को बन्दरों तथा जंगली सुअरों से निजात दिलाने के लिए बन्दरबाड़े व सुअर रोधी दीवार का निर्माण पर सरकार कार्य करने जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस मैस, अस्पताल, जेल में मंडुवे की रोटी अनिवार्य की गयी है। गर्भवती महिलाओं के लिए अब अन्य पौष्टिक आहार के साथ 2 किलो मंडुवा भी दिया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि हमारा तीसरा मंत्र हस्तशिल्प, नक्काशी व दस्तकारी को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि कुशल हस्तशिल्पियों के लिए भी पेंशन योजना लागू की जा रही है।
उन्होंने फलों के उत्पादन को भी बढ़ावा देने पर बल दिया। दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए महिला दुग्ध संघों का गठन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अभी तक प्रदेश में 5 दुग्ध संघ लाभ में चल रहे हैं। उन्होंने सिमली दुग्ध संघ उत्पादन में वृद्धि के लिए जिलाधिकारी को निर्देशित किया। उन्होंने उत्तराखण्ड के बदलाव के लिए प्रशासन को अपनी कार्य क्षमता से 10 प्रतिशत अधिक कार्य करने की हिदायत दी है। उन्होंने जिलाधिकारी को वृद्धा, विकलांग, किसान आदि पेंशन का हर तीसरे माह मे वितरण के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हर थाने में एक महिला सब इंस्पेक्टर की तैनाती, 1800 कांस्टेबलों की भर्ती एवं पीआरड़ी तथा होमगाडऱ् में 30 प्रतिशत महिलाओं की भर्ती का निर्णय लिया गया है।

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