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उत्तराखण्ड पुलिस मोबाईल ऐपलिकेशन का शुभ्भारम करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड
देहरादून : आम जनता की सुविधा के लिए उत्तराखण्ड पुलिस मोबाईल एप लांच किया गया है। एंड्रायड आधारित 3 एमबी के इस एप को गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।

शनिवार को पुलिस लाईन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने औपचारिक रूप से उत्तराखण्ड पुलिस मोबाईल एप लांच किया। पुलिस विभाग को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी खुशी की बात है कि हमारी पुलिस आधुनिक तकनीक को अपनाने की पहल कर रही है। अपराधों पर प्रभावी रोकथाम के लिए जरूरी है कि उनसे चार कदम आगे की बात सोच कर रखी जाए। इसमें तकनीक का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण होगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि तकनीक को अपनाने के साथ ही पुलिसकर्मियों के एटीट्यूड व एप्टीटृयूड में भी परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। अपराधियों में पुलिस व कानून का भय होना जरूरी है। इसके लिए सिस्टम की खामियों व जटिलताओं को दूर करने पर ध्यान देना होगा। भ्रष्टाचार के मामलों पर कड़ी नजर रखना भी बड़ी चुनौति है। पुलिस का सर्तकता विभाग इसके लिए सरलतम तरीका विकसित करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोबाईल एप से लोगों को सहूलियत होगी। उन्होंने एप के ‘‘वांटेड क्रिमीनल’’ विकल्प में बलात्कार आदि लैंगिक अपराधों में संलिप्त लोगों का विवरण भी डालने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि एप को बनाने मे हुए व्यय के लिए धनराशि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से दी जाएगी।
गृह मंत्री प्रीतम सिंह ने कहा कि अपराधों पर अंकुश लगाने में यह एप बहुत मददगार साबित होगा। पुलिस को अत्याधुनिक होने की आवश्यकता है। इस मोबाईल एप के माध्यम से आमजन अपनी बात आसानी से पुलिस तक पहुंचा सकता है।
आईजी संजय गुंज्याल ने जानकारी देते हुए बताया कि एंड्रायड आधारित 3 एमबी के इस एप को गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। फिलहाल इसे गढ़वाल मंडल में लागू किया जा रहा है। बाद में पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। डाउनलोड करने बाद सरलतम प्रारूप में नाम, फोन नम्बर व इमरजेंसी कान्टेक्ट नम्बर की जानकारी देते हुए रजिस्टेªशन करना होगा। इसमें किराएदार सत्यापन, अपराध विवरण, घरेलू नौकर/कर्मचारी सत्यापन, खोया-पाया विवरण, आई नीड हेल्प के विकल्प हैं। इसके साथ ही वांटेड क्रिमीनल का विकल्प भी है जहां राज्य पुलिस द्वारा घोषित वांछित अपराधियों का फोटो सहित विवरण उपलब्ध होगा। यदि कोई खतरे में हो तो आई नीड हेल्प विकल्प पर टच करने से पुलिस को उसकी जानकारी मिल जाएगी। उस व्यक्ति की जीपीएस से लोकेशन भी मिल जाएगी। व्यक्ति अपने खोऐ हुए डाक्यूमेंट, सिम, मोबाईल आदि सामानों की गुमशुदगी भी दर्ज करा सकते हैं।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव गृह डा.उमाकांत पंवार, पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू, एडीजी अनिल के रतूड़ी, आरएस मीणा, अशोक कुमार सहित पुलिस विभाग के आला अधिकारी उपस्थित थे।

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