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पिछले पांच वर्षाे में 88 हजार करोड़ से 1.75 लाख करोड़ हुआ उत्तर प्रदेश का निर्यातः नन्दी

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: देश का पांचवां सबसे बड़ा निर्यातक राज्य बन चुके उत्तर प्रदेश में निर्यात को और अधिक बढ़ावा देने व निर्यातकों का प्रोत्साहित करने के लिए सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ’नन्दी’ की अध्यक्षता में योजना भवन सभागार लखनऊ में कार्यशाला आयोजित की गई, जिसके जरिये प्रदेश भर के उद्यमियों, व्यापारियों और किसानों से अपने उत्पादों का निर्यात करने की अपील की गई। “विदेश व्यापार नीति 2023 प्रमुख विशेषताएं एवं प्रदेश से निर्यात प्रोत्साहन में इसकी भूमिका” विषय पर विस्तृत चर्चा हुई, जिसमें अधिकारियों के साथ ही निर्यातकों ने भी अपनी बात रखी, जिनकी बातों को सुनने के बाद हर सम्भव मदद का वादा किया गया।
इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आए प्रमुख निर्यातकों को सम्बोधित करते हुए मंत्री नन्दी ने कहा कि निर्यात किसी भी देश एवं प्रदेश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण आधार स्तम्भ होता है तथा देश एवं प्रदेश के विकास में अग्रणी भूमिका का निर्वहन करता है, इसलिए सभी निर्यातकों की जिम्मेदारी है कि वे प्रदेश के विकास के लिए निर्यात बढ़ाएं और नए निर्यातकों को भी निर्यात के लिए प्रोत्साहित करें। मंत्री नन्दी ने कहा कि देश से होने वाले निर्यात में 5 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश देश का 5वां सबसे बड़ा निर्यातक राज्य है तथा विगत 5 वर्षाे में प्रदेश का निर्यात लगभग दोगुना हो गया है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रदेश से रू0 88 हजार करोड़ का निर्यात हुआ वहीं वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह आंकड़ा बढ़कर रू0 174 हजार करोड़ हो गया हैै। निर्यात में हुई इस अभूतपूर्व निरंतर वृद्धि की यात्रा को जारी रखते हुए आगामी 3 वर्षों में रू0 3 लाख करोड़ के निर्यात को प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग अमित मोहन प्रसाद ने निर्यातकों से आगे आने की अपील की।
मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि प्रदेश के कुल निर्यात को दोगुना किये जाने की दिशा में एक और सशक्त कदम बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ग्रेटर नोएडा में यू०पी० इंटरनेशनल ट्रेड शो के नाम से प्रतिवर्ष एक इंडस्ट्रियल ट्रेड शो प्रारंभ होने जा रहा है। इस वर्ष के शो का आयोजन 21 से 25 सितंबर के मध्य प्रस्तावित है। इस मेले में विश्व भर से लगभग 400 से अधिक बायर्स प्रतिभाग करने वाले हैं। उत्तर प्रदेश एक सोर्सिंग हब के रूप में नई पहचान के साथ राष्ट्रीय पटल पर उभरने वाला है। शो में मुख्य रूप से एम.एस.एम.ई., टूरिज्म, एजूकेशनल, हेल्थ,  टेक्सटाइल, स्टार्ट-अप जीआई टैग, एग्रो, फूड प्रोसेसिंग एवं ओ.डी.ओ.पी. जैसे अति महत्वपूर्ण क्षेत्र सम्मिलित होंगे।
कार्यशाला में अजय सहाय डायरेक्टर जनरल फेडरेशन ऑफ इंण्डियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) द्वारा प्रदेश के निर्यात परिदृश्य एवं देश के निर्यात में प्रदेश की हिस्सेदारी को बढ़ाये जाने हेतु रणनीति पर चर्चा की गयी। प्रीतम बनर्जी हेड सेंटर फॉर डब्ल्यू.टी.ओ. स्टडीज आईआईएफटी नई दिल्ली द्वारा फ्री ट्रेड एग्रीमेन्ट्स से प्रदेश को लाभान्वित किये जाने के सम्बन्ध में बताया गया। ज्वाइंट डीजीएफटी कानपुर अमित कुमार द्वारा विदेश व्यापार नीति 2023ः विशेषतायें एवं प्रदेश से निर्यात प्रोत्साहन में इसकी भूमिका विषय पर विस्तृत चर्चा की गयी। उत्तर प्रदेश निर्यात संवर्धन परिषद की पैनल कमेटियों के संयोजक भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कारपेट एवं दरी पैनल के संयोजक विनय कपूर द्वारा कारपेट्स सेक्टर के निर्यात परिदृश्य के सम्बन्ध में अवगत कराया गया। वहीं विनय गुप्ता संयोजक हैण्डीक्राफ्ट पैनल तथा एस.पी.दादू संयोजक, मार्बल स्टोन एवं सिरेमिक्स पैनल द्वारा क्रमशः हैण्डीक्राफ्ट सेक्टर तथा मार्बल, पॉटरी एवं सिरेमिक्स, सेक्टर के निर्यात परिदृश्य पर चर्चा की गयी।
इस अवसर पर मंत्री नन्दी ने विपणन विकास सहायता योजना तथा गेटवेपोर्ट योजना अंतर्गत लाभान्वित निर्यातक बंधुओं को सांकेतिक चेक वितरित किया।

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