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भूकम्प पीडि़तों की सहायता हेतु राज्य सरकार द्वारा राहत व बचाव कार्य तेजी से किए जा रहे हैं: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: नेपाल में आए विनाशकारी भूकम्प के मद्देनजर मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के निर्देशों के क्रम में भूकम्प पीडि़तों की सहायता हेतु राज्य सरकार द्वारा राहत व बचाव कार्य तेजी से किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए थे कि नेपाल में फंसे लोगों को निकालने के लिए लगातार बसें भेजी जाएं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को सकुशल वापस लाया जा सके। प्रदेश सरकार की ओर से नेपाल को ज्यादा से ज्यादा सहायता उपलब्ध करायी जा रही है।
यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अब तक 205 बसें नेपाल पहुंच चुकी हैं। इनमें से 80 बसें एवं 29 छोटे वाहन नेपाल से वापस आ चुके हैं। जिनमें 42 बसों में मुख्यतः बिहार के लोग हैं। अब तक कुल 6 हजार 972 व्यक्तियों को राजकीय व्यवस्था से वापस लाया जा चुका है, जिनमें 30 विदेशी और लगभग 2 हजार उत्तर प्रदेश एवं शेष अन्य प्रान्तों के हैं। सोनौली सीमा से अब तक लगभग 2500 भूकम्प पीडि़त व्यक्ति अन्य साधनों से नेपाल से भारत आ चुके हैं। सोनौली और भैरवा के मध्य स्थित स्थानों से इस पार आ रहे पैदल व्यक्तियों को भी बसों द्वारा वापस लाया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त, 44 बसों द्वारा लगभग 3400 व्यक्ति भैरवां/सोनौली सीमा पहुंच चुके हैं तथा 33 अन्य बसों से लगभग 2000 व्यक्ति काठमाण्डू से चल चुके हैं। इन लोगों को उनके गंतव्य तक निःशुल्क पहुंचाया जा रहा है।
प्रवक्ता के अनुसार आज पूर्वाह्न तक विभिन्न प्रदेशों जैसे-आन्ध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात एवं कर्नाटक के लगभग 5 हजार 500 लोग विश्वविद्यालय में स्थापित राहत शिविर में आकर आगे के लिए प्रस्थान कर चुके हैं। साथ ही, रूपडिया, जिला बहराइच से 47 व्यक्तियों द्वारा भारतीय सीमा में प्रदेश किया गया है। इससे अभी तक कुल 12 हजार 419 व्यक्तियों के भारत में आने की सूचना है।
प्रवक्ता के अनुसार 01 ट्रक दवाइयां, 10 ट्रक बिस्कुट व 07 ट्रक मिनरल वाटर कुल 18 ट्रक राहत सामग्री राष्ट्रीय आपदा मोचक दल को नेपाल में भूकम्प पीडि़तों हेतु वितरण के लिए उपलब्ध कराया जा चुका है।
जनपद लखनऊ से कल 28 ट्रक राहत सामग्री के साथ रवाना किए गए थे, जो अब नेपाल सीमा में प्रवेश कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त बड़ी मात्रा में चावल, दाल, आटा, कम्बल, बिस्कुट, क्लोरीन टैबलेट, टेण्ट, प्लास्टिक तिरपाल, ब्लीचिंग पाउडर, सैनिटरी पैड, तौलिये, नमकीन, ड्राई लन्च पैकेट, मिनरल वाटर की बोतलें, चीनी, ग्लूकोज, मिल्क पाउडर इत्यादि भेजे जा चुके हैं।
राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद, उ0प्र0 द्वारा 775 कुन्तल चावल, 15 कुन्तल दाल, 705 कुन्तल आटा, 928 कुन्तल आलू, 71 कुन्तल गेहूं, 106 कुन्तल प्याज, 12 कुन्तल चीनी, 21 कुन्तल नमक, 15 गत्ते बिस्कुट, 01 कुन्तल गुड़, 24 कार्टन पानी की बोतल, डेढ़ कुन्तल लाई, .75 कुन्तल भुना चना एवं मसालों युक्त राहत सामग्री प्रदेश के विभिन्न जनपदों से भेजी जा रही है।
इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार से भूकम्प पीडि़तों के सहायतार्थ अनेक निजी एवं स्वयंसेवी संस्थाओं तथा सामान्य नागरिकों ने राशन, खाद्य सामग्री, कपड़े, दवाइयां, अन्य आवश्यक वस्तुएं एवं श्रमदान करने हेतु सम्पर्क किया है, जिसे नेपाल सरकार से समन्वय स्थापित कर हस्तान्तरित कराया जा रहा है।
राज्य सरकार द्वारा सीमावर्ती जनपदों पर स्थित सीमा चैकी राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। इन राहत शिविरों में जनपदों द्वारा खान-पान की उचित व्यवस्था के साथ-साथ जीवनरक्षक दवाइयांे व स्थानीय चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। भारत-नेपाल सीमा पर टूठीबाड़ी कन्ट्रोल रूम का फोन नं0-05523248691, 9454403912, 9454416301 तथा सोनौली कन्ट्रोल रूम का फोन नं0-05522238056, 9454403911 एवं 9454416302 है।
प्रवक्ता ने कहा कि नेपाल से आ रहे भूकम्प पीडि़त शरणार्थियों के लिए मुख्य राहत शिविर गोरखपुर विश्वविद्यालय में स्थापित कर दिया गया है। इसके अलावा, कैम्पियरगंज जनपद गोरखपुर में कन्ट्रोल रूम/सहायता केन्द्र स्थापित है, जो भूकम्प पीडि़तों को गोरखपुर विश्वविद्यालय स्थित मुख्य राहत शिविर तक पहुंचने में सहायता प्रदान कर रहा है। कैम्पियरगंज कन्ट्रोल रूम का नं0-05512201004, 9454416232 है।
प्रवक्ता ने बताया कि नेपाल में भूकम्प पीडि़तों को चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बिहार से लगी हुई नेपाल की सीमा पर किंग जाॅर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के 45 चिकित्सक एवं 05 एम्बुलेन्स तैनात हैं।

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