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उ0प्र0 देश की सबसे बड़ी आबादी का राज्य, हमारी चुनौतियां और आम जनमानस की अपेक्षाएं भी बड़ी: सीएम

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के भवन का शिलान्यास और भूमिपूजन किया। उन्होंने आपदाओं के दौरान उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले एन0डी0आर0एफ0 एवं एस0डी0आर0एफ0 के 10 अधिकारियों/जवानों को प्रशस्ति पत्र वितरित किये। विभिन्न आपदाओं से बचाव हेतु लघु फिल्म एवं रेडियो जिंगल की लाॅन्चिंग की। उन्होंने ‘उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबन्धन योजना-2023’ तथा ‘बाढ़ कार्य योजना-2023’ पुस्तकों का विमोचन तथा राज्य आपदा प्रबन्धन योजना का शुभारम्भ भी किया। ज्ञातव्य है कि राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण का भवन 1.5 एकड़ क्षेत्रफल में 66.40 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश, देश की सबसे बड़ी आबादी का राज्य है। बड़ी आबादी का राज्य होने के कारण हमारे सामने चुनौतियां और आम जनमानस की अपेक्षाएं भी बड़ी हैं। उत्तर प्रदेश की सीमा नेपाल, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखण्ड और दिल्ली के साथ मिलती है। यहां पर सामाजिक और भू-सांस्कृतिक विभिन्नता के कारण तथा स्थानीय जैव विविधता के कारण अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग परिस्थितियां देखने को मिलती हैं। हिमालय से निकलने वाली नदियों के कारण उत्तर प्रदेश में बाढ़ का खतरा जुलाई से लेकर सितम्बर तक बना रहता है। विंध्य और बुन्देलखण्ड क्षेत्र में आकाशीय बिजली का खतरा रहता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश भूकम्प त्रासदी के अतिसंवेदनशील जोन के अन्तर्गत आता है। प्रदेश में नेपाल से सटा हुआ तराई का क्षेत्र मानव और वन्य जीव संघर्ष के कारण भी जाना जाता है। उत्तर प्रदेश में 09 जलवायु क्षेत्रों के कारण आपदा की आशंका सदैव बनी रहती है। यदि समय रहते आपदा के प्रति आम जनमानस को जागरूक किया जाए तो जन-धन हानि को न्यूनतम किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछले 06 वर्षाें में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश प्रगति के नये-नये प्रतिमान स्थापित कर रहा है। उत्तर प्रदेश ने भी विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति की है, उनमें आपदा प्रबन्धन का क्षेत्र भी है। प्रदेश सरकार ने आपदा को नियंत्रित करने और इससे होने वाली जन-धन हानि को न्यूनतम करने के लिए जो कदम उठाये हैं, उसके परिणाम सभी के सामने हैं। उत्तर प्रदेश के बाढ़ के प्रति 24 जनपद अति संवेदनशील तथा 16 जनपद संवेदनशील हैं। प्रदेश में बाढ़ प्रबन्धन के बेहतरीन प्रयासों के कारण अब केवल 04-05 जनपद ही बाढ़ संकट से ग्रस्त हैं।
बाढ़ के समय एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0, पी0ए0सी0 या आपदा मित्र जैसे स्वयं सेवक पूरी तत्परता से पुलिस व प्रशासन से मिलकर जन-धन हानि को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाते हैं। बाढ़ आने से पहले जो कदम उठाये जाने हैं प्रदेश सरकार उसकी समीक्षा करती है। साथ-साथ आसन्न चुनौती से निपटने के लिए तैयारी की जाती है। प्रदेश सरकार ने आपदा से निपटने के लिए अनेक प्रयास किये हैं। पहले पीलीभीत, लखीमपुर, बहराइच, तराई के जंगलों में वन्य जीव संघर्ष के कारण जनहानि पर किसी परिवार को मुआवजा नहीं मिलता था। अब प्रदेश सरकार ने वन्य जीव संघर्ष के कारण हुए नुकसान पर मुआवजे की व्यवस्था अनिवार्य कर दी है। पीड़ित परिवार को तत्काल मुआवजा उपलब्ध करा दिया जाता है। डूबने से हुई मौत भी आपदा प्रबन्धन के दायरे में आती है। मुआवजा अन्तिम विकल्प है, हमें बचाव के प्रयास करने चाहिए।
आकाशीय बिजली से बचाव के लिए प्रत्येक जनपद में अर्ली वाॅर्निंग सिस्टम की व्यवस्था की जा रही है। यदि रेनगेज यंत्र न्याय पंचायत/ग्राम पंचायत स्तर पर लगाएंगे तो सूखे की सम्भावित स्थिति में किसान फसल बुवाई के समय अलर्ट होकर तैयारी कर सकेंगे। वर्ष 2017 में प्रदेश सरकार ने एस0डी0आर0एफ0 की 03 बटालियन गठित की थी। अब एस0डी0आर0एफ0 का अपना मुख्यालय तथा उपकरण हैं। एस0डी0आर0एफ0 तथा एन0डी0आर0एफ0 प्रदेश में उच्च कोटि का कार्य कर रहे हैं। पी0ए0सी0 की फ्लड यूनिट के साथ इस कार्यक्रम को और तेजी के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से प्रदेश के 25 जनपदों में आपदा मित्रों की तैनाती की गयी है। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में आपदा मित्रों को तैनात किया जाए। आपदा मित्रों को सभी जनपदों में पहुंचाने के साथ-साथ जो आपदा मित्र अच्छा कार्य कर रहे हैं, उन्हें कैसे हम व्यवस्था के साथ जोड़ सकते हैं, इसके बारे में विचार करने के लिए राजस्व विभाग और एस0डी0एम0ए0 को आगे बढ़कर कार्य करना चाहिए। जिससे एक समय के बाद वह सम्मानजनक मानदेय भी प्राप्त कर सकें। एस0डी0आर0एफ0 के यह जवान राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण भवन के शिलान्यास में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। इस भवन में वह सारे प्रबन्ध किये जा रहे हैं, जो आपदा से निपटने के लिए आवश्यक हैं। आपदा मित्रों को ट्रेनिंग प्रदान करने की व्यवस्था तथा जनजागरूकता का प्रसार करने के साथ-साथ यह भवन एस0डी0आर0एफ0, एन0डी0आर0एफ0, स्थानीय प्रशासन, पी0ए0सी0 फ्लड यूनिट, आपदा मित्र, होमगार्ड के जवानों के समन्वय का कार्य भी करेगा।
एस0डी0आर0एफ0, एन0डी0आर0एफ0 के जवान अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर राहत कार्याें, प्रबन्धन और जनजागरूकता कार्यक्रमों में सहभागिता सुनिश्चित करते हैं। प्रदेश में आपदा को न्यूनतम स्तर तक पहुंचाने के लिए डबल इंजन की सरकार युद्धस्तर पर कार्य कर रही है। प्राधिकरण का यह भवन उत्तर प्रदेश में किसी भी आपदा को न्यूनतम करने में मील का पत्थर साबित होगा। एस0डी0आर0एफ0, एन0डी0आर0एफ0 के जवान केवल डूबने पर बचाव कार्य नहीं करते, बल्कि बड़े-बड़े अग्निकाण्ड, दुर्घटनाओं जैसी अनेक आपदाओं में सहयोग करने के लिए तत्पर रहते हैं। उनकी सेवा को प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित किया जा रहा है। आपदा मित्र भी इन कार्यक्रमों के साथ आगे बढ़ेंगे। आपदा मित्रों का प्रयोग आपदा के दौरान जनता की सेवा में किया जाना चाहिए। सामान्य दिनों में स्कूल, काॅलेज, नगर निकायों में गोष्ठी और हैण्डबिल वितरण के माध्यम से भूकम्प, अग्नि दुर्घटना, आकाशीय बिजली आदि से बचने के बारे में जागरूकता के लिए आपदा मित्रों का प्रयोग किया जाना चाहिए। यह जागरूकता का कार्यक्रम अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उपचार से महत्वपूर्ण बचाव होता है। तकनीकी के उपयोग और जागरूकता के माध्यम से यह सम्भव है।
इस अवसर पर राजस्व राज्य मंत्री श्री अनूप प्रधान ‘वाल्मीकि’, विधायक श्री राजेश्वर सिंह, उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ले0 जनरल रविन्द्र प्रताप साही, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्री सुधीर गर्ग, डी0जी0 फायर सर्विस श्री अविनाश चन्द्र सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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