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उ0प्र0 में शिक्षुता प्रशिक्षण योजना का कार्यान्वयन

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: प्रदेश के सचिव व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन श्री भुवनेश कुमार ने बताया कि विद्यमान व्यवस्था में शिक्षुता प्रशिक्षण कार्यक्रम विभिन्न माध्यमों तथा केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय के कार्यालयों द्वारा विभिन्न वर्गों के अभ्यर्थियों के लिए किया जा रहा है। राज्य सरकार के पक्ष में प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय द्वारा व्यावसायिक शिशिक्षुओं का कार्यक्रम नियंत्रित किया जाता है।

अधिनियम के अंतर्गत औद्योगिक प्रतिष्ठानों का सर्वेक्षण किया जाता है तथा संस्थानों में कार्य कुशल कर्मचारियों की संख्या के अनुपात में निर्दिष्ट मानकों के अनुसार शिशिक्षुओं के प्रशिक्षण का उत्तरदायित्व नियोजन का होता है। शिशिक्षुओं की नियुक्ति के समय नियोजक तथा शिशिक्षु के मध्य एक काॅन्टेªक्ट भरा जाता है। प्रशिक्षण के साथ ही यह काॅन्टेªक्ट भी समाप्त हो जाता है। जिसके बाद नियोजक तथा शिशिक्षु दोनों स्वतंत्र हो जाते है।
प्रशिक्षण संस्थानों से प्रशिक्षित अभ्यर्थियों का आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करने की आवश्यकता नहीं होती है। गैर प्रशिक्षण अभ्यर्थी जो निर्धारित शैक्षिक योग्यता रखते है, का आधारभूत प्रशिक्षण संस्थानों में दिया जाता है। व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिशिक्षुओं को पूर्ण दक्ष कारीगर बनाने के लिए आवश्यक सैद्धान्तिक ज्ञान देने हेतु संबंधित अनिवार्य रूप से दिए जाने की भी व्यवस्था है। इसके लिए शिशिक्षु को निर्धारित संबंधित अनुदेश केन्द्रों पर भेजा जाता है, प्रदेश में इस समय कानपुर, गोरखपुर, इलाहाबाद, बरेली, मेरठ, सहारनपुर, लखनऊ, झांसी, आगरा, गाजियाबाद, मीरजापुर, फैजाबाद एवं अलीगढ़ अनुदेश केन्द्र संचालित है।
शिशिक्षु अधिनियम के अंतर्गत आरक्षण की सुविधा उपलब्ध है। विकलांगों, समाज के कमजोर वर्ग, महिलाओं एवं अल्पसंख्यकों को भी नियुक्ति में प्राथमिकता दी जाती है। शिशिक्षु प्रशिक्षण की अवधि छात्रवृत्ति प्रथम वर्ष 2100 रुपये प्रति माह की दर से, द्वितीय वर्ष 2100 रुपये प्रति माह की दर से, तृतीय वर्ष 2800 रुपये प्रति माह की दर से तथा चतुर्थ वर्ष 3100 रुपये प्रति माह की दर से दी जाती है। शिशिक्षु प्रशिक्षण योजनांतर्गत शिक्षु नियोजन की अद्यतन स्थिति में निर्धारित लक्ष्य 54150 निजी क्षेत्र में चिन्हित स्थान 18952 एवं नियोजित शिशिक्षु  18753 हैं तथा सार्वजनिक क्षेत्र में चिन्हित स्थान 3750 एवं नियोजित शिशिक्षु 3505 हैं।

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