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सूचना के अधिकार से कालेज की मनमानी सामने आई

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान की कोर्ट में वादी श्री सुखदेव व प्रतिवादी उपस्थित हुए। वादी ने बताया कि उन्होंने मुजफ्फरनगर के छपार स्थित जय भारत इण्टर कालेज के प्रबंधक द्वारा की जा रही आर0टी0आई एक्ट का सहारा लिया

और जिला विद्यालय निरीक्षक और संयुक्त शिक्षा निदेशक के जरिए नई कमेटी के गठन से संबंधित सूचना मांगी, लेकिन नहीं मिली। आखिर में सुखदेव ने सूचना आयोग में अपील कर पूरे मामले की जानकारी मांगी। आयोग के हस्तक्षेप में जब कमेटी के गठन से संबंधित सूचनाएं सामने आई, तो पता चला कि कमेटी की आम सभा की बैठक 26 जनवरी, 2012 को हुई, जिसमें कमेटी के 26 नए सदस्यों की नियुक्ति कर चुनाव करावाया गया, लेकिन जिन्हें 26 जनवरी की बैठक में सदस्य बनाया गया। उन्होंने अपने सदस्य बनने का फार्म तीन दिन बाद 29 जनवरी को भरा, जो नियम विरूद्ध है, इतना ही नहीं नए सदस्यों के फीस की धनराशि भी कालेज के खाते में नहीं जमा हुई, जो सदस्य बनने के लिए जरूरी है दस्तावेज के जरिए प्रबंधक और कमेटी द्वारा किए गए कई अन्य जालसाजों का भी खुलासा हुआ। वादी ने राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान को लिखित तौर पर बताया कि मुजफ्फरनगर के छपार में स्थित जय भारत इण्टर कालेज के पास करीब एक सौ तीस बीघे का फार्म हाउस है, जिसकी सालाना आय एक करोड़ रुपये के करीब है। फार्म हाउस की आय और उसके खर्च का अधिकार कालेज की कमेटी को है। कमेटी के सदस्य अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों का चुनाव करते हैं। कमेटी में हाई कोर्ट के आदेश से पांच सदस्य थे। आरोप है कि पुराने सदस्य कालेज प्रबंधक के इशारे पर काम नहीं करते थे। इसलिए 26 जनवरी, 2012 को कालेज में आम सभा की बैठक कर 26 नए आजीवन सदस्य बना दिए गए और पुराने सदस्यों को बाहर कर दिया गया। उस बैठक में चुनाव कर विष्णुकांत त्यागी को कमेटी को अध्यक्ष, ऋषिपाल त्यागी को उपाध्यक्ष और शशिभूषण त्यागी को कोषाध्यक्ष बना दिया गया। आरोप है कि यह सारा खेल कालेज के तत्कालीन प्रबंधक योगेन्द्र कुमार त्यागी के परिवार के परिवारिक सदस्य और करीबी है। श्री हाफिज उस्मान के सामने आए दस्तावेज से कई घोटालों का खुलासा हो रहा है। साथ ही दस्तावेज से कमेटी के गठन पर भी सवालिया निशान लग रहे है। मामले को गम्भीरता से लेते हुए राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने इस पुरे प्रकरण को संयुक्त शिक्षा निदेशक सहारनपुर को जांच के आदेश दिए है। यह भी आदेश दिया है कि 30 दिन के अन्दर आयोग को अपनी रिपोर्ट पेश करें। इस संबंध में जो दोषी पाये जाये उनके खिलाफ कार्यवाही करते हुए आयोग को रिर्पोट पेश करें जांच अधिकारी को आदेश दिया गया है कि कमेटी के चुनाव से संबंधित सभी दस्तावेज आयोग के समक्ष पेश करें। वादी कथनानुसार कालेज के फार्म हाउस से होनी वाली करोड़ों की आय हड़पने के लिए प्रबंधक ने डी0एस0ओ0 के साथ मिलकर स्कूल की फर्जी कमेटी बना ली। आर0टी0आई0 एक्ट के तहत मांगी गई जानकारी से खुलासा हुआ कि आम सभा की बैठक में नए सदस्यों के नामों पर मोहर पहले लगा दी गई और उनके फार्म बाद में भरवाए गए। सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने संयुक्त शिक्षा निदेशक को अपनी जांच में इसे भी शामिल करने तथा पूरे मामले की जांच के आदेश दिए है।

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