Online Latest News Hindi News , Bollywood News

तकनीक का प्रयोग पुलिसबल के आखिरी व्यक्ति को सशक्त और सक्षम बनाने के लिए करें: अजीत डोभाल

उत्तराखंड

देहरादून: गुरूग्राम में तृतीय युवा पुलिस अधीक्षक सम्मेलन तथा पुलिस एक्सपो का शुभारंभ देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल ने किया। यह दो दिवसीय सम्मेलन तथा एक्सपो सैक्टर-44 के अपैरल हाउस में आयोजित किया जा रहा है। इसका विषय ‘प्रभावी और कुशल पुलिसिंग के लिए नए युग के समाधान‘ रखा गया है।

हरियाणा पुलिस, पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो तथा फिक्की द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किए जा रहे इस राष्ट्रीय स्तरीय कार्यक्रम में श्री डोभाल के अलावा, हरियाणा के पुलिस महानिदेशक श्री मनोज यादव, बीपीआर एंड डी के महानिदेशक श्री वी एस के कौमुदी ,फिक्की की अध्यक्ष डॉ. संगीता रेड्डी, पुलिस आधुनिकीकरण के महानिदेशक करूणा सागर ने भी भाग लिया। श्री डोभाल ने दीप प्रज्जवलित कर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया और हरियाणा पुलिस स्मारिका तथा बीपीआर एंड डी की ‘सार संग्रह‘ का विमोचन किया। इस सम्मेलन में देशभर से 150 से ज्यादा युवा एसपी तथा एक्सपो में 110 से ज्यादा कंपनियां भाग ले रही हैं।

श्री डोभाल ने इस अवसर पर बोलते हुए युवा पुलिस अधीक्षकों से कहा कि आप तकनीक जानते हैं , इतना काफी नही है बल्कि तकनीक का प्रयोग पुलिस बल के आखिरी व्यक्ति को सशक्त और सक्षम बनाने के लिए करें। उन्हें तकनीक का प्रशिक्षण दें ताकि वे इसका प्रयोग आसानी से कर सकें क्योंकि तकनीक के ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण है इसके साथ समन्वय होना। उन्होंने कहा कि आज के आधुनिक युग मे सुरक्षा की दृष्टि से ड्रोन आदि से नई चुनौतियां सामने आ रही हैं, जिनका समाधान तकनीक के बल पर ही किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अपनी दक्षता को बढ़ाने के लिए आप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग सुरक्षा उद्देश्यों के लिए कर सकते हैंै। कुंभ मेले का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यदि आपके पास भारी मात्रा में डेटा है , तो पहले से उसका अध्ययन करके आप बड़े आयोजनो में सुरक्षा के लिए अच्छी प्लान तैयार कर सकते हैं।

पुलिसकर्मियों की भूमिका के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “अगर कानून लागू करने में विफल रहते हैं तो वह लोकतंत्र की असफलता मानी जाएगी‘‘। श्री डोभाल ने कहा कि पुलिस की छवि जनता में अच्छी जानी चाहिए और इसके लिए भी तकनीक का प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने एक भाषण में कहा था कि यदि किसी पुलिस स्टेशन में हुआ एक अच्छा काम जनता तक पहुंचता है, तो पुलिस बल की विश्वसनीयता बढ़ती है। उन्होंने कहा कि आज हम रिफाॅमर्स की बात नही कर रहे बल्कि ट्रांसफोर्मेशन की बात करते हैं। रिफोर्मस का मतलब होता है पिछली घटनाओं से सबक लेकर आगे की स्थिति में सुधार करना लेकिन ट्रांसफोर्मेशन का अर्थ है हम कल के लिए प्लान करें। उन्होंने कहा कि आवेश में आकर लोग पुलिस के वाहनों तथा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुचाते हैं, लेकिन जब वे यह सोचने लगेंगे कि वह संपत्ति भी जनता के टैक्स के पैसे से खरीदी गई है और उसको नुकसान पहुंचाना पब्लिक का अपना नुकसान है। यही जनता की सोच में ट्रांसफोर्मेशन लाने की जरूरत है। उन्होंने युवा पुलिस अधीक्षकों से मुखातिब होते हुए कहा कि पहले आप समस्या को पहचाने और उसके बाद तकनीकी समाधान उपलब्ध करवाने वाली एजेंसियों जैसे बीपीआर एंड डी, डीआरडीओ आदि से संपर्क करें। ये एजेंसियां 30 से 40 प्रतिशत समाधान दे सकती हैं। यदि कोई समाधान उपलब्ध नही है तो आप स्वंय समाधान ढूंढ सकते हैं।

इससे पहले अपने विचार रखते हुए बीपीआर एंड डी के महानिदेशक श्री वी एस के कामौदी ने कहा कि पुलिसबल को तकनीक और प्रौद्योगिकी के साथ तालमेल करने का समय है। यह सम्मेलन तथा एक्सपो ना केवल युवा अधिकारियों को सुरक्षा के क्षेत्र में नई तकनीकों को जानने में मददगार होगा बल्कि उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का भी अवसर प्रदान करेगा।

हरियाणा पुलिस के महानिदेशक श्री मनोज यादव ने अपने संबोधन में कहा कि इस सम्मेलन में देश भर से 150 से ज्यादा युवा पुलिस अधीक्षक भाग ले रहे हैं जिन्हें आंतरिक सुरक्षा विषय पर श्री अजीत डोभाल के विचारों से लाभ होगा क्योंकि श्री डोभाल की इस मामले में विशेषज्ञता सर्वविदित है। उन्होंने बताया कि श्री डोभाल के साथ उन्हें आईबी में काम करने का अवसर मिला और उस समय देखा कि वे आंतरिक सुरक्षा पर ना केवल थियोरिटिकल ज्ञान रखते है बल्कि उसका उन्हे व्यावहारिक अनुभव भी है।

भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग प्रसंघ (फिक्की) के अध्यक्ष डा. संगीता रेड्डी ने अपने संबोधन में कहा कि देश के समग्र आर्थिक विकास के लिए सुरक्षा  अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि  अगर सुरक्षा और विकास साथ-साथ चलेंगे तो नकारात्मक परिणामों की गुंजाइश कम होगी। जब आंतरिक सुरक्षा का ध्यान रखा जाता है, तो सुरक्षा की समग्र भावना को स्वीकार किया जाता है। उन्होंने कहा कि हिंसा भारतीय अर्थव्यवस्था पर बहुत बड़ा बोझ है। हिंसक गतिविधियों में बर्बाद किया गया सार्वजनिक धन जनकल्याण में लगाया जा सकता है। यदि आंतरिक सुरक्षा को मजबूत किया जाता है तो यह विदेशी निवेश को आकर्षित करेगा। इसलिए, बेहतर पुलिसिंग और जनता के बीच की खाई को पाटने के लिए एक सुरक्षित और सुचारु पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More