33 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

प्रधानमंत्री ने कोविड के हालात पर चर्चा करने के लिए देश भर के डॉक्टरों के समूह के साथ बातचीत की

देश-विदेश

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड से जुड़ी स्थितियों पर चर्चा करने के लिए देश भर के डॉक्टरों के एक समूह के साथ बातचीत की।

प्रधानमंत्री ने चिकित्सा वर्ग और पैरामेडिकल स्टाफ को कोविड की दूसरी लहर की असाधारण परिस्थितियों के खिलाफ दिखाए गए अनुकरणीय संघर्ष के लिए धन्यवाद दिया और आगे कहा कि पूरा देश उनका ऋणी है। उन्होंने कहा कि चाहे परीक्षण हो, दवाओं की आपूर्ति करना हो या रिकॉर्ड समय में नए बुनियादी ढांचे की स्थापना हो, यह सब कुछ तेज गति से किया जा रहा है। ऑक्सीजन उत्पादन और आपूर्ति में आने वाली कई चुनौतियों को दूर किया जा रहा है। देश की ओर से मानव संसाधन को बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों, जैसे कोविड उपचार में एमबीबीएस छात्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को शामिल करना, ने स्वास्थ्य प्रणाली को अतिरिक्त सहायता उपलब्ध कराई है।

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि टीकाकरण कार्यक्रम को अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं (फ्रंटलाइन वॉरियर्स) के साथ शुरू करने की रणनीति ने दूसरी लहर में काफी लाभ दिया है। देश में लगभग 90% स्वास्थ्य पेशेवरों को पहले ही टीके की पहली खुराक लग चुकी है। टीकों ने अधिकांश डॉक्टरों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया है।

प्रधानमंत्री ने डॉक्टरों से ऑक्सीजन ऑडिट को अपने दैनिक प्रयासों में शामिल करने का आग्रह किया। यह देखते हुए कि बड़ी संख्या में मरीजों का ‘घर पर एकांतवास में रहकर’ (होम आइसोलेशन) इलाज हो रहा है, उन्होंने डॉक्टरों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि मरीज की घर में होने वाली देखभाल एसओपी के आधार पर संचालित हो। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के लिए टेलीमेडिसिन ने बड़ी भूमिका निभाई है और इस सेवा का ग्रामीण क्षेत्रों में भी विस्तार करने की जरूरत है। उन्होंने उन डॉक्टरों की सराहना की, जो टीम बना रहे हैं और गांवों में टेलीमेडिसिन सेवा उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने सभी राज्यों के डॉक्टरों से ऐसी टीम बनाने, एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्रों और एमबीबीएस इंटर्न को प्रशिक्षित करने और देश की सभी तहसीलों व जिलों में टेलीमेडिसिन सेवा सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने की अपील की।

प्रधानमंत्री ने म्यूकोरमिकोसिस की चुनौती पर भी चर्चा की और कहा कि डॉक्टरों को सक्रिय कदम उठाने और इस बारे में जागरूकता लाने के अतिरिक्त प्रयास करने की जरूरत हो सकती है। उन्होंने शारीरिक देखभाल के महत्व के साथ मनोवैज्ञानिक देखभाल के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वायरस के खिलाफ लगातार चल रही इस लंबी लड़ाई को लड़ना चिकित्सा वर्ग के लिए निश्चित तौर पर चुनौती भरा है, लेकिन इस लड़ाई में उनके साथ नागरिकों की आस्था की शक्ति है।

बातचीत के दौरान, डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री को हाल के दिनों में मामलों में उछाल के दौरान उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व के लिए धन्यवाद दिया। डॉक्टरों ने टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को प्राथमिकता देने के लिए भी प्रधानमंत्री का आभार जताया। उन्होंने प्रधानमंत्री को कोविड की पहली लहर के बाद से अपनी तैयारियों और दूसरी लहर में अपने सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बताया। डॉक्टरों ने अपने अनुभव, काम करने के सर्वोत्तम तरीकों और नए-नए प्रयासों को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि कोविड के खिलाफ लड़ाई में, गैर-कोविड मरीजों की उचित देखभाल करने के लिए भी हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के अपने अनुभव को भी साझा किया, जिसमें रोगियों को दवाओं के अनुचित इस्तेमाल के प्रति रोगियों को संवेदनशील बनाना शामिल है।

इस बैठक में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य), स्वास्थ्य सचिव, औषधि सचिव और पीएमओ, केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों के अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More