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कृषि क्षेत्र के असंगठित श्रमिकों और भूमिहीन कृषकों को रेाजगार देने और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार के उद्देश्य से भूमि सेना बनाने का सुझाव : श्री राजेन्द्र चैधरी

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि समाजवादी चितंक डा0 राम मनेाहर लोहिया ने कृषि क्षेत्र के असंगठित श्रमिकों और भूमिहीन कृषकों को रेाजगार देने और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार के उद्देश्य से भूमि सेना बनाने का सुझाव दिया था। इसको अमली जामा पहनाने का काम अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में श्री मुलायम सिंह यादव ने किया। प्रदेश में जब समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने भूमि सेना योजना को पुनर्जीवित कर चलाए जाने हेतु वर्ष 2012-13 के पहले ही बजट में उन्होने 47.83 करोड़ रूपए रखे थे। इस योजना के अंतर्गत ऊसर, बंजर, तथा बीहड़ जमीन को खेती योग्य बनाकर भूमिहीन एवं गरीबों को आंवटित किया जाना है।

    विश्व बैंक की सहायता से उत्तर प्रदेश भूमि सुधार निगम द्वारा ऊसर बहुल जनपदों में ऊसर सुधार की परियोजनाओं का कार्यान्वयन किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान 15,000 हेक्टेयर ऊसर भूमि सुधार का लक्ष्य निर्धारित है, जिससे परियोजना जनपदों के लगभग 45,000 कृषक लाभान्वित होगें। इसमें 9.750 हेक्टेयर ऐसी भूमि का उपचार किया जाना प्रस्तावित है, जिसमें उपचार के उपरांत प्रथम बार धान एवं गेहूॅ की फसल प्राप्त की जाएगी।
      भूमि सुधार कार्यक्रम के प्रथम चार वर्षो में कुल 1,54,127 कृषक लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं जिसमें 1,44,391 (94 प्रतिशत) लघु एवं सीमांत कृषक लाभान्वित हुए हैं। लाभान्वित कृषकों में लगभग 30 प्रतिषत अनुसूचित जाति एवं जनजाति के और लगभग 49 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग के लाभार्थी सम्मिलित है। कुल लाभार्थियों में 14886 महिला लाभार्थी भी शामिल है।
    भूमि सेना योजना के अंतर्गत नाबार्ड वित्त पोषित आर0आई0डी0एफ0 योजना, बुंदेलखण्ड एवं विंध्य क्षेत्र में सिंचाई जल उपयोग की क्षमता बढ़ाने की योजना एवं कटरी क्षेत्र में भूमि सुधार की योजना के अंतर्गत वर्ष 2014-15 में अब तक 54,290 हेक्टेयर भूमि का उपचार किया गया।
     भूमि सुधार की योजनाओं से जहां एक ओर कृषि उत्पादन हेतु भूमि की उपलब्धता बढ़ी है वहीं कृषि क्षेत्र में उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हो रही है इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आय के नएस्रोत उत्पन्न हुए है। गांवो की जिन्दगी को खुशहाल बनाने का मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव का यह प्रयास पूरे देश में एक अनोखा प्रयास है। किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले विपक्षी दलों को इससे सबक लेना चाहिए।
    कृषि क्षेत्र के विस्तार की आवश्यकता आज इसलिए भी है कि बढ़ती आबादी की आवास व्यवस्था करने में कृषि योग्य भूमि का क्षेत्रफल घटता जा रहा है। आबादी और कृषि क्षेत्रफल का अनुपात 3ः 1 का हो चला है। इसलिए चैधरी चरण सिंह और श्री मुलायम सिंह यादव का हमेशा यह विचार रहा है कि कृषि समृद्ध हो और उसकी पैदावार में निरन्तर वृद्धि हो तभी बढ़ती आबादी का पेट भर सकेगा। चैधरी साहब और नेताजी ने गांवो और कृषि पर 70 प्रतिशत बजट की व्यवस्था की थी जिसे बढ़ाकर समाजवादी सरकार में मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने 2015-16 के बजट में 75 प्रतिशत धन आवंटित किया है।

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