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केंद्रीय मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने जहाज़रानी मंत्रालय के नए नामकरण की पट्टिका का अनावरण किया

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केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग तथा रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनसुख मंडाविया ने आज नई दिल्ली में मंत्रालय के नए नामकरण की पट्टिका का अनावरण किया तथा मंत्रालय के सभी अधिकारियों सहित बंदरगाहों और मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक उपक्रमों के सभी कर्मचारियों को संबोधित किया।

जहाजरानी मंत्रालय का नाम बदलकर अब पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय रखा गया है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 8 नवंबर 2020 को गुजरात में हज़ीरा और घोघा के बीच रो-पैक्स जलमार्ग सेवा के उद्घाटन समारोह को वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए जहाज़रानी मंत्रालय का नाम बदलने की घोषणा की थी।

यह ऐतिहासिक उद्बोधन करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा था कि, “अब यह मंत्रालय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के रूप में जाना जाएगा। इसका लगातार विस्तार किया जा रहा है। अधिकांश विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हैं। भारत में जहाज़रानी मंत्रालय बंदरगाहों तथा जलमार्गों से संबंधित बहुत से काम कर रहा है। अब नाम में स्पष्टता के साथ ही काम में अधिक स्पष्टता भी आएगी। ”

जैसे ही प्रधानमंत्री ने नाम बदलने की घोषणा की थी, तभी मंत्रालय सभी संबंधित औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए कार्रवाई में जुट गया था। सभी औपचारिकताएं दो कार्य दिवसों के भीतर पूरी की गईं और नाम परिवर्तन की आधिकारिक अधिसूचना 10 नवंबर 2020 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित की गई थी।

पट्टिका के औपचारिक अनावरण समारोह के दौरान श्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि, यह वास्तव में हमारे लिए बेहद गर्व की बात है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के व्यापक दृष्टिकोण के साथ, देश मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के समग्र और दीर्घकालिक दृष्टिकोण को लेकर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि, जहां तक बंदरगाहों, पोत परिवहन और जलमार्गों का संबंध है तो वह स्वयं समुद्री परिवहन और व्यापार के विस्तार के संबंध में इस दूरदर्शिता के लिए वास्तव में प्रधानमंत्री के आभारी हैं ।

श्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि “बदले हुए नए नाम के साथ, मंत्रालय जलमार्ग और तटीय शिपिंग के विकास पर अतिरिक्त ध्यान केंद्रित करने जा रहा है। लगभग 1400 किलोमीटर जलमार्ग पहले ही पूरी तरह से विकसित हो चुका है और अतिरिक्त 1000 किलोमीटर प्राथमिकता के आधार पर विकसित किया जा रहा है। इस कार्य के लिए डी.पी.आर./संभाव्यता अध्ययन पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि, पोर्ट ग्रिड के निर्माण के लिए भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जिसमें विभिन्न छोटे बंदरगाह जैसे मत्स्य पालन बंदरगाह, कृषि बंदरगाह और खनिज बंदरगाह आदि शामिल हैं ताकि देश में अधिकाधिक पत्तन विकास और बंदरगाह के नेतृत्व में विकास हो सके।”

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव श्री संजीव रंजन और अतिरिक्त सचिव श्री संजय बंदोपाध्याय, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की अध्यक्ष डॉ अमिता प्रसाद, पोत परिवहन महानिदेशक श्री अमिताभ कुमार, भारतीय पत्तन संघ के अध्यक्ष श्री टी.के. रामचंद्रन सहित सभी प्रमुख बंदरगाहों के अध्यक्ष और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस समारोह में शामिल हुए।

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