40 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने यूनाइटेड किंगडम में ऑक्सफोर्ड में सैटेलाइट एप्लीकेशन कैटापुल्ट का दौरा किया

देश-विदेश

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी त्तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान, प्रधानमन्त्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज ऑक्सफोर्ड में सैटेलाइट एप्लीकेशन कैटापुल्ट का दौरा किया और हारवेल, ऑक्सफोर्डशायर, यूनाइटेड किंगडम(यूके) में मुख्य तकनीकी अधिकारी पॉल फेवरे द्वारा प्रस्तुत एक तकनीकी प्रदर्शन देखा ।

सैटेलाइट एप्लिकेशन कैटापुल्ट उन  नौ कैटापुल्ट्स में से एक है, जो विशिष्ट क्षेत्रों में नवाचार के लिए यूके की क्षमता को बदलने और भविष्य के आर्थिक विकास को चलाने में सहायता करने के लिए विशिष्ट रूप से स्थापित किए गए हैं । यह विभिन्न संगठनों को उपग्रह प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने और उनसे लाभान्वित होने में मदद करने के साथ ही एक खुले नवाचार वातावरण में विचार एवं  समाधान उत्पन्न करने के लिए बहु-अनुशासनात्मक टीमों को एक साथ ला रहा है। कैटापुल्ट सेंटर का उद्देश्य उपग्रह अनुप्रयोगों के विकास में तेजी लाने और 2030 तक वैश्विक अंतरिक्ष बाजार के 10% हिस्से पर आधिपत्य स्थापित करने  में योगदान देने के लिए यूके के उद्योग का समर्थन करना है ।

कैटापुल्ट केंद्र की अपनी यात्रा के दौरान डॉ जितेंद्र सिंह ने भारत का उल्लेख  अंतरिक्ष क्षेत्र में एक प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी के रूप में किया और दोहराया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत यूनाइटेड किंगडम के साथ अपने अंतरिक्ष सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का इच्छुक है । उन्होंने सैटेलाइट एप्लिकेशन कैटापुल्ट द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की और कहा कि भारत की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसी इसरो कैटापुल्ट सेंटर और यूनाइटेड किंगडम के व्यापक अंतरिक्ष क्षेत्र के साथ सहयोग करने के लिए उत्सुक है ।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र बड़ी संख्या में विदेशी उपग्रहों के प्रक्षेपण के माध्यम से एक प्रमुख विदेशी मुद्रा अर्जक के रूप में उभर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि भारत ने अब तक 385 विदेशी उपग्रह प्रक्षेपित किए हैं, जिनमें से 353 इस सरकार के अंतर्गत  पिछले 8 वर्षों में छोड़े  गए हैं, जो सभी प्रक्षेपणों  का लगभग 90 प्रतिशत है।

मंत्री महोदय ने कहा कि इसरो धीरे-धीरे दुनिया की छह सबसे बड़ी अंतरिक्ष एजेंसियों में से एक बन गया है। भारत के पास संचार उपग्रहों (इनसैट- आईएनएसएटी ) और सुदूर संवेदी उपग्रहों (रिमोट सेंसिंग–आईआरएस) उपग्रहों के सबसे बड़े बेड़े में से एक विद्यमान है। उन्होंने कहा कि ये उपग्रह क्रमशः तेज और विश्वसनीय संचार और पृथ्वी अवलोकन की बढ़ती मांग को पूरा करते हैं ।

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लिए अनुसंधान करने और अकादमिक-उद्योग इकोसिस्टम  विकसित करने के लिए नवीन विचारों/अनुसंधान योग्यता के साथ युवा शिक्षाविदों को आकर्षित और पोषित करने के लिए, मंत्री महोदय ने कहा कि इसरो ने देश के 6 क्षेत्रों- अर्थात मध्य, पूर्व, उत्तर, उत्तर-पूर्व, दक्षिण और पश्चिम में एक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किया है। यह युवा शिक्षाविदों को अंतरिक्ष श्रेणी के  घटकों/तत्वों में उनके नवीन विचारों/अनुसंधान योग्यता को अनुभव  करने में सक्षम करेगा, जिसका उपयोग अंतरिक्ष अनुप्रयोगों के लिए किया जा सकता है और जो  भविष्य के स्टार्ट-अप्स की स्थापना के लिए उनका मार्गदर्शन करेगा।

अपनी यात्रा के दौरान  डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत- यूके अंतरिक्ष पार्क साझेदारी की भी घोषणा की। उन्होंने यूके के स्पेस पार्कों से भारत के स्पेस पार्कों के साथ सहयोग करने का आग्रह किया।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, भारत के अंतरिक्ष उद्योगों की उपलब्धियों की सूची काफी लंबी है और यह सूचना दी इसरो ने अब तक 100 से अधिक उपग्रह प्रक्षेपित किए हैं और हमारे पास जीसैट, पृथ्वी अवलोकन उपग्रह आधारित सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम और अंतरिक्ष के लिए स्वदेशी उपग्रह निर्माण क्षमताएं हैं । उन्होंने गर्व से कहा कि भारत ने अपना जीपीएस भी विकसित कर लिया है, जिसे हम इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम या आईआरएनएसएस कहते हैं । 2013 में भारत के मंगल  मिशन के सफल प्रक्षेपण के अलावा, भारत ने चंद्रयान 1 और चंद्रयान 2 के रूप में ज्ञात अपने मिशन को चंद्रमा पर भेजने का दो बार प्रयास किया है। मंत्री महोदय ने बताया कि चंद्रमा के लिए तीसरा उपग्रह मिशन, चंद्रयान 3 अगले साल लॉन्च किया जाएगा।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के अन्य प्रमुख अंतरिक्ष कार्यक्रमों में मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र या जिसे हम भारत में गगनयान परियोजना कहते हैं, भी  शामिल है और  जिसके अंतर्गत हम 2024 में अंतरिक्ष में अपनी पहले चालक दल की उड़ान भेजने की योजना बना रहे हैं ।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र का विकास भारत और यूके दोनों के नेताओं के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है और कहा कि भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा सात दशक पहले बहुत छोटे स्तर से शुरू की थी और आज इसे एक अग्रणी अंतरिक्ष शक्ति माना जाता है। उन्होंने कहा कि भारत की इस यात्रा का मुख्य आकर्षण नेताओं की प्रतिबद्धता से निर्देशित अपने वैज्ञानिकों के समर्पण और कड़ी मेहनत के माध्यम से स्वदेशी विकास पर जोर देना रहा है ।

मंत्री महोदय  कहा कि भारत विदेशी सरकारों और निजी क्षेत्र की संस्थाओं के प्रवेश की सुविधा के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्ट-अप्स के विकास को भी बढ़ावा दे रहा है । इस संबंध में, उन्होंने आगे कहा कि  भारत ने भारतीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इंडियन स्पेस प्रमोशन एंड ऑथोराइजेशन सेंटर या आईएन– एसपीएसीई) नामक एक समर्पित संगठन की स्थापना की है, जिसे अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारी नवजात निजी संस्थाओं को संभालने के उद्देश्य से काम सौंपा गया है ।

डॉ जितेंद्र सिंह ने यह कहते हुए अपने सम्बोधन को समाप्त किया कि यह भारत- यूके अंतरिक्ष सहयोग को पूरी तरह से अलग और बहुत अधिक स्थानिक कक्षा में ले जाने का समय है। मंत्री महोदय ने एक बार फिर भारत की अध्यक्षता की अवधि में जी-20 शिखर सम्मेलन और जी-20 बैठकों में यूके का स्वागत किया।

डॉ जितेंद्र सिंह इस समय यूनाइटेड किंगडम की 6 दिवसीय यात्रा पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक उच्च स्तरीय आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं ।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More