40 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का कहना है कि अन्वेषण के लिए तीन व्यक्तियों को समुद्र में सतह से 6000 मीटर नीचे भेजा जाएगा

देश-विदेश

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए समुद्रयान मिशन के एक भाग के रूप में  भारत का लक्ष्य तीन व्यक्तियों को अन्वेषण के लिए अब समुद्र सतह से 6000 मीटर नीचे गहराई में भेजना है।

इस सम्बन्ध में विवरण साझा करते हुए केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2021 और 2022 में लगातार दो वर्षों के अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में गहन समुद्र अभियान (डीप सी मिशन) का उल्लेख किया था।

मंत्री महोदय ने कहा कि यह अभियान  “नीली अर्थव्यवस्था (ब्लू इकॉनमी)” के युग में भारत के उन प्रयासों की शुरुआत करता है जो आने वाले वर्षों के दौरान भारत की समग्र अर्थव्यवस्था के निर्माण में एक प्रमुख भूमिका निभाने जा रहे हैं।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001IF69.jpg

डॉ जितेंद्र सिंह ने आगे विस्तार से बताया कि मत्स्य नामक एक वाहन खनिजों जैसे गहरे समुद्र के संसाधनों की खोज के लिए तीन व्यक्तियों को समुद्र में 6000 मीटर की गहराई तक ले जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान के अगले तीन साल में साकार होने की संभावना है।

इस मिशन के अगले तीन वर्षों में साकार होने की संभावना बाते हुए डॉ सिंह ने कहा कि मत्स्य 6000 को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी), चेन्नई द्वारा डिजाइन और विकसित किया जा रहा है। “यह मानव सुरक्षा के लिए सामान्य संचालन के अंतर्गत 12 घंटे और आपातस्थिति  में 96 घंटे की धारण क्षमता रखता है।”

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस वाहन का डिजाइन तैयार कर लिया गया है और वाहन के विभिन्न उपकरणों/घटकों की प्राप्ति का कार्य प्रगति पर है। यह वाहन मानव युक्त सबमर्सिबल निकल, कोबाल्ट, दुर्लभ मृदा तत्व, मैंगनीज आदि से समृद्ध खनिज संसाधनों की खोज में गहरे समुद्र में मानव द्वारा प्रत्यक्ष अवलोकन की सुविधा प्रदान करने के साथ ही विभिन्न नमूनों का संग्रह करता है, जिनका उपयोग बाद में विश्लेषण के लिए किया जा सकता है ।

मंत्री महोदय ने कहा कि लाभ के रूप में वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी सशक्तिकरण के अलावा इस मिशन में संपत्ति निरीक्षण, पर्यटन और समुद्री साक्षरता को बढ़ावा देने में पानी के नीचे इंजीनियरिंग नवाचारों के रूप में इसके तत्काल अन्य सह-उत्पाद (स्पिन-ऑफ) हैं।

डॉ सिंह ने आगे कहा कि “गहरे समुद्र में संसाधनों और जैव विविधता मूल्यांकन का पता लगाने के लिए 6000 मीटर गहराई में एकीकृत खनन के लिए इस मशीन और मानव रहित वाहनों (टेथर्ड एंड ऑटोमेटेड) का विकास किया गया है ।

केंद्र ने पांच साल के लिए 4,077 करोड़ रुपये के कुल बजट में गहन सागर मिशन को स्वीकृति दी थी। तीन वर्षों (2021-2024) के लिए पहले चरण की अनुमानित लागत 2,823.4 करोड़ रुपये है।

भारत की एक ऐसी अनूठी समुद्री स्थिति है जिसमे नौ तटीय राज्यों और 1,382 द्वीपों  के साथ 7517 किलोमीटर लंबी तटरेखा भी है।  इस मिशन का उद्देश्य केंद्र सरकार के ‘नए भारत’ के उस दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है जो नीली अर्थव्यवस्था को विकास के दस प्रमुख आयामों में से एक के रूप में उजागर करता है ।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More