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रमेश पोखरियाल निशंक और श्री हरदीप एस. पुरी ने मिलकर देशभर के स्‍थानीय शहरी निकायों में छात्रों के लिए इंटर्नशिप की सुविधा के लिए ट्यूलिप प्रोग्राम का शुभारंभ किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और केन्‍द्रीय आवास और शहरी विकास मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप एस. पुरी ने मिलकर आज देश में अपनी तरह का पहला अर्बन लर्निंग इंटर्नशिप प्रोग्राम-ट्यूलिप लॉन्च किया। इसके तहत स्‍नातक स्‍तर की शिक्षा पूरी कर चुके नए छात्रों को देश भर के शहरी स्थानीय निकायों और स्‍मार्ट सिटी से जैसे प्रोजेक्‍ट में इंटर्नशिप करने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही दोनों मंत्रियों ने ट्यूलिप का एक पोर्टल भी जारी किया।

इस अवसर पर मानव संसाधन मंत्रालय के सचिव श्री अमित खरे, आवास और शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, एआईसीटीई के अध्‍यक्ष श्री अनिल सहस्रबुद्धे तथा दोनों मंत्रालयों के कई वरिष्‍ठ अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बोलते हुए, श्री पोखरियाल ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्र-निर्माण में युवाओं की क्षमता का भरपूर इस्‍तेमाल किए जाने की सोच के अनुरुप है। उन्‍होंने कहा कि ट्यूलिक कार्यक्रम न्यू इंडिया की नींव रखने में मददगार होगा क्‍योंकि यह छात्रों को व्यावहारिक अनुभव देने के साथ ही शहरी स्थानीय निकायों और स्मार्ट शहरों के कामकाज में नए विचारों और नवीन सोच को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

युवाओं की सराहना करते हुए श्री पोखरियाल ने कहा कि देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। गूगल,माइक्रोसाफ्ट और अडोब जैसी दुनिया की शीर्ष कंपनियो के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी मुख्‍यत भारतीय मूल के लोग ही हैं। उन्‍होंने कहा कि देश के प्रतिभावान छात्रों की क्षमता स्‍मार्ट इंडिया हैकाथॉन जैसे कार्यक्रमों मे भी परिलक्षित होती है जिसमें वे उद्योगों/सार्वजनिक उपक्रमों/सरकारी/गैर सरकारी संगठनों से जुड़ी समस्‍याओं का समाधान करते हैं। श्री पोखरियाल ने बताया कि ट्यूलिप कार्यक्रम 4400 शहरी स्‍थानीय निकायों और स्‍मार्ट शेहरों के माध्‍यम से भारत में इंटर्नशिप का बड़ा अवसर प्रदान करेगा।

केन्‍द्रीय मंत्री ने इस पहल के लिए एआईसीटीई,मानव संसाधन तथा आवास और शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों के प्रयासों की सराहना करते हुए उम्‍मीद जताई कि ट्यूलिप युवाओं को नई सोच और अभिनव तौर तरीकों से स्‍थानीय शहरी निकायों के काम काज में सुधार लाने का अवसर प्रदान करेगा। उन्‍होंने कहा कि इस तरह के मिलते जुलते  कार्यक्रम और मंत्रालयों साथ मिलकर चलाए जाएं तो तो इससे आने वाले समय में एक करोड़ छात्रों को इंटर्नशिप के ज्‍यादा अवसर मिल सकेंगे।

ट्यूलिप प्रोग्राम की विस्‍तार से जानकारी देते हुए श्री हरदीप पुरी ने बताया कि उम्‍मीद की जा रही है कि पहले साल में इस कार्यक्रम के तहत 25000 छात्रों को इंटर्नशिप का अवसर मिलेगा। इससे ज्‍यादा से ज्‍यादा युवाओं को शहरी स्‍थानीय निकायों के विस्‍तृत कामकाज के प्रत्‍यक्ष अनुभव का लाभ मिल सकेगा बल्कि इसके जरिए एक ऐसा मानव संसाधन पूल भी तैयार होगा जिसे उद्योग अपनी आवश्‍यकताओं के अनुरुप काम के लिए अनुबंधित कर सकेंगे।

वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने ‘आकांक्षापूर्ण भारत’ के अंतर्गत वर्ष 2020-21 के बजट के अनुरूप ट्यूलिप की कल्पना की गई। घोषणा इस प्रकार थी: सरकार ने एक कार्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव किया है जिसके तहत देश भर के शहरी स्थानीय निकाय एक वर्ष तक की अवधि के लिए नए इंजीनियरों को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करेंगे।” इस तरह के कार्यक्रम से भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का फायदा लेने में मदद मिलेगी, क्योंकि आने वाले वर्षों में यह दुनिया की काम करने वाली उम्र की सबसे बड़ी आबादी होगी। भारत में तकनीकी स्नातकों का पर्याप्त पूल है, जिनकोउनके पेशेवर विकास के लिए वास्तविक दुनिया की परियोजना कार्यान्वयन और नियोजन तक पहुंचाना आवश्यक है। सामान्य शिक्षा समाज में मौजूद उपयोगी ज्ञान की गहराई को नहीं दर्शा सकती है। शिक्षा को, अध्‍ययन से कार्य के बजाय, ‘हमारे समाजके लिएआवश्‍यक है कि वह ‘कार्य से अध्‍ययन’ के रूप में शिक्षा की नये सिरे से कल्‍पना करे।

ट्यूलिप भारत के स्नातकों के बाज़ार मूल्‍य को बढ़ाने में मदद करेगा और शहरी नियोजन, परिवहन इंजीनियरिंग, पर्यावरण, नगरपालिका वित्त आदि जैसे विविध क्षेत्रों में एक संभावित प्रतिभा पूल बनाने में मदद करेगा। इससे न केवल संभावित शहर प्रबंधकों बल्कि प्रतिभाशाली निजी / गैर-सरकारी क्षेत्र के पेशेवरों के सृजन में तेजी आएगी। ट्यूलिप से यूएलबीऔर स्मार्ट शहरों को अत्यधिक लाभ होगा। यह भारत की शहरी चुनौतियों के समाधान के लिए सह-निर्माण में युवाओं को जोड़ने के साथ नए विचारों और ऊर्जा के प्रसार को बढ़ावा देगा। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सामुदायिक भागीदारी और सरकार-शिक्षा-उद्योग-नागरिक समाज के संबंधों को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों को आगे बढ़ाएगा। इस प्रकार ट्यूलिप- “द अर्बन लर्निंग इंटर्नशिप प्रोग्राम” भारत के यूएलबी और स्मार्ट शहरों के कामकाज में नई ऊर्जा और विचारों को विकसित करने के साथ-साथ प्रशिक्षुओं के सीखने के अनुभव के दोहरे लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगा।

यह शुरूआत वर्ष 2025 तक एमएचआरडी और एआईसीटीई के 1 करोड़ सफल इंटर्नशिप के लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। ट्यूलिप को अधिकार देने वाला डिजिटल प्लेटफॉर्म खोज, जुड़ाव, एकत्रीकरण, प्रवर्धन और पारदर्शिता को सक्षम बनाएगा। प्लेटफ़ॉर्म विशिष्‍ट रूप से निर्मित है और सुविधाजनक पहुँच के लिए यूएलबी / स्मार्ट शहरों और प्रशिक्षुओं को अत्यधिक लचीलापन प्रदान करता है। सुरक्षा विशेषताओं का पूरी तरह से परीक्षण किया गया है।

एमओएचयूएऔर एआईसीटीईके बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। एमओयू, अन्य बातों के साथ, एआईसीटीईऔर एमओएचयूएकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को 5 साल की अवधि में पूरा करता है। मंच के लिए तकनीकी सहायता एआईसीटीई द्वारा और एमओएचयूए द्वारा कार्यक्रम के अनुसार गैर-तकनीकी सहायता दी जाएगी। कार्यक्रम की प्रगति की समय-समय पर समीक्षा करने के लिए एआईसीटीई के अध्यक्ष सहित एचयूए सचिव सहित अन्य अधिकारियों की अध्यक्षता में एक संचालन समिति का गठन किया गया है।

कार्यान्वयन में आसानी के लिए, दिशानिर्देश भी तैयार किए गए हैं, जो उद्देश्य, पात्रता की शर्तों, इंटर्नशिप की अवधि, व्‍यवसाय की शर्तों, रसद और कार्यक्रमों की अन्य परिचालन विशेषताओं आदि के बारे में बताते हैं। ये दिशानिर्देश इंटर्न के लिए व्‍याख्‍यात्‍मक भूमिका भी प्रदान करते हैं जिन्हें यूएलबी और स्मार्ट शहरों के स्तर परऔर अधिक परिष्कृत किया जा सकता है। कार्यान्वयन में आसानी के लिए यूएलबी / स्मार्ट सिटीज और इंटर्न के लिए एक हैंडबुक भी तैयार की गई है। कार्यक्रम के तहत एमओएचयूएवजीफा/ भत्तों के भुगतान के लिए अपने मिशनों / कार्यक्रमों के तहत प्रशासनिक खर्चों के उपयोग की अनुमति देने पर भी सहमत हुआ है।

एमओएचयूएअपने शहरों में इंटर्नशिप को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए राज्य सरकारों तकपहुंचेंगे। ट्यूलिप के अंतर्गत यूएलबीऔर स्मार्ट शहरों की भागीदारी को सक्षम करने के लिए राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में क्षमता निर्माण की पहल करेगा। चूंकि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को शहरी स्तर पर क्षेत्रीय चुनौतियों और अवसरों की गहरी समझ है, इसलिए वे इस तरह की इंटर्नशिप के माध्यम से विकसित कौशल के साथ अपनी आवश्यकताओं को पूरा करके ट्यूलिपको प्रभावी ढंग से लागू कर सकते हैं।

बी टेक, बी आर्किटेक्‍चर, बी प्‍लानिंगऔर बीएसई आदि जैसी स्‍नातक डिग्री प्राप्‍त कर चुका कोई भी छात्र स्‍नातक होने के 18 महीने की अवधि के अंदर ट्यूलिप कार्यक्रम के तहत इंटर्नशिप के लिए नीचे लिखे वेब पते पर आवेदन कर सकता है:

https://internship.aicteindia.org/module_ulb/Dashboard/TulipMain/index.php

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