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केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने भागलपुर आईआईटी के स्थायी परिसर का ऑनलाइन माध्यम से शिलान्यास किया

देश-विदेश

केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज वर्चुअल / ऑनलाइन माध्यम से भागलपुर आईआईआईटी के स्थायी परिसर का शिलान्यास किया। स्थायी परिसर में अकादमिक ब्लॉक, प्रशासनिक ब्लॉक, व्याख्यान कक्ष, कंप्यूटर केंद्र और पुस्तकालय ब्लॉक, कार्यशाला सह इनक्यूबेशन केन्द्र, लड़कियों और लड़कों के लिए छात्रावास और संकाय के सदस्यों के लिए निवास बनाए जाएंगे। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने इस अवसर पर स्वयं और प्रख्यात साहित्यकारों द्वारा लिखी गई हिंदी पुस्तकों के संग्रह का विमोचन किया। बिहार सरकार के शिक्षा और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अशोक चौधरी, भागलपुर के सांसद श्री अजय मंडल,केन्द्रीय शिक्षासचिव श्री अमित खरे और आईआईआईटी भागलपुर के निदेशक प्रोफेसरअरविंदचौबे भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

श्री पोखरियाल निशंक ने इस अवसर पर कहा कि यह संस्थान देश के अन्य शीर्ष संस्थानों के समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए नए मानक स्थापित कर रहा है। उन्होंने तकनीकी ज्ञान के प्रसार के लिए आस-पास के 4-5 गाँवों को गोद लेने की संस्थान की पहल की प्रशंसा की। केन्द्रीय मंत्री को यह जानकर खुशी हुई कि लॉकडाउन के दौरान आईआईआईटी भागलपुर लगातार काम करता रहा। उन्होंने कहा कि संस्थान में कोविड-19 से निबटने के उपायों पर भी लगातार अनुसंधान हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि किस तरह से बहुत कम समय में संस्थान ने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है और सामाजिक मुद्दों के लिए पहल की है। श्री निशंक ने संस्थान से उच्च गुणवत्ता वाले रेशम के कपड़े बनाने और आत्मानिर्भर भारत पहल के तहत भागलपुर के रेशम के निर्यात के लिए तकनीकी इनपुट और सहायता प्रदान करके रेशम उद्योग को मदद करने का आह्वान किया।

श्री अश्विनी चौबे ने कहा कि आईआईटी भागलपुर रेशम तकनीक को उन्नत बनाने के लिए बेहतर काम कर सकता है। उन्होंने रेशम उद्योग के लिए बेहतर काम करने के लिए भी संस्थान की सराहना की।

संस्थान के निदेशक श्री अरविंद चौबे ने संस्थान के प्रस्तावित नए भवन की वास्तुकला, विजन और मिशन के बारे में बात की। उन्होंने कोविड-19 के दौरान संस्थान द्वारा की गई पहलों के बारे में जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि आईआईआईटी भागलपुर के स्थायी परिसर के निर्माण जाने के बाद, यहां देश भर के लगभग 600 छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान की जा सकेगी।  संस्थान उभरते हुए क्षेत्रों जैसे डेटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलॉजी और इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी में नए कार्यक्रम शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि इन पहलों के साथ संस्थान देश और उद्योग की आवश्यकता को पूरा करने के लिए दक्ष और कुशल इंजीनियर तैयार करेगा।

बिहार सरकार के मंत्री श्री अशोक चौधरी ने कहा कि भागलपुर आईआईटी निजी और सावर्जनिक क्षेत्र की भागीदारी से चलाया जा रहा है। थोड़े से समय में इस संस्थान ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा शुरु की गई पहलों से बिहार को काफी लाभ होगा।

संस्थान के सभी नए भवनों के निर्माण के लिए संस्थान और केन्द्रीय लोकनिर्माण विभाग के बीच करार किया गया है। कुल 25000 वर्गमीटर क्षेत्र में इन नए भवनों का निर्माण लगभग 122 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा। नई शिक्षा नीति-2020 के मद्देनजर, इन भवनों के प्रत्येक हिस्से में उच्च स्तर की सुविधाएं होंगी। 250 की क्षमता वाले लेक्चर हॉल का निर्माण किया जाएगा। नवाचार और स्टार्ट-अप प्रचार के लिए कार्यशाला सह इनक्यूबेशन केंद्र का निर्माण भी किया जाएगा।सभी भवन पूरी तरह से फर्नीचर और उपकरणों से सुसज्जित होंगे। कंप्यूटर सेंटर सह लाइब्रेरी में आसपास के ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन के साथ कैंटीन, पार्किंग, एलईडी बल्ब और लाइटें, सौर फोटो वोल्टिक बिजली उत्पादन प्रणाली और उच्च क्षमता वाले ओपन थियेटर जैसी सुविधाओं का प्रावधान होगा। ये सारे भवन आईआईटी भागलपुर की शान बनेंगे।

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