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उमा भारती ने एनपीसीसी को नमामि गंगे से जुड़ने का किया आह्वान कंपनी के नये कार्यालय परिसर का गुरूग्राम में उद्घाटन

Uma Bharti NPCC calls for the company to join Namami Gange new office complex inaugurated in Gurugram
देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने अपने मंत्रालय के उपक्रम एनपीसीसी से कहा है कि वह नमामि गंगे कार्यक्रम से संबंधित विभिन्‍न  परियोजनाओं में सक्रियता से भाग ले। आज हरियाणा में गुरूग्राम में नेशनल प्रोजेक्‍टस कंस्‍ट्रक्‍शन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनपीसीसी) के नए कार्यालय परिसर का उदघाटन करते हुए उन्‍होंने कहा कि हमारी सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को सक्षम बनाना चाहती है। उन्‍होंने कहा  ‘एनपीसीसी के विलय का एक प्रस्‍ताव आया था, लेकिन हम इसके पक्ष में नहीं है। क्‍योंकि हम प्रत्‍येक उपक्रम को सक्षम बनाने में विश्‍वास रखते है।’

सुश्री भारती ने कहा कि उनका मंत्रालय गंगा की निर्मलता और अविरलता को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्री महोदया ने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शहरों की गंदगी गंगा में न जाए और इसे साफ करने के लिए पर्याप्‍त मात्रा में जल शोधन संयंत्र लगाए जाएं। साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा कि गंगा पर घाट बनाने और सीढियों की मरम्‍मत का काम आम जनता का काम होना चाहिए। सुश्री उमा भारती ने कहा कि इस काम में साधु महात्‍माओं को भी आगे आना चाहिए।

      जल संसाधन मंत्रालय के सचिव श्री अमर जीत सिंह ने कहा कि दूरदराज के उन इलाकों में जहां कोई काम नहीं करना चाहता वहां एनपीसीसी ने अपने झंडे गाड़े है। उन्‍होंने कहा कि एनपीसीसी ने अभी तक बहुत अच्‍छी गुणवत्‍ता का काम किया है और उम्‍मीद जताई कि आने वाले दिनों में यह गुणवत्‍ता और बढ़ेगी।

एनपीसीसी के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री एच एल चौधरी ने विस्तार से निगम की उपलब्धियों के बारे में बताया और कहा कि निगम की पिछले 4-5 वर्षों की उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए आर्थिक अध्ययन संस्थान ने निगम को वर्ष 2016 में उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह सब केवल निगम के कर्मचारियों, शेयर धारकों, ग्राहकों और हितधारकों के सहयोग के सामूहिक प्रयासों की वजह से ही हासिल किया जा सका है।

नेशनल प्रोजेक्ट्स कंसट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड (एनपीसीसी) की स्थापना 9 जनवरी 1957 को एक प्रमुख निर्माण कंपनी के रूप में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के तहत सिंचाई और जल संसाधन, बिजली और भारी उद्योगों जैसे प्रमुख क्षेत्रों में देश के आर्थिक विकास के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार करने के उद्देश्य से की गई थी। एनपीसीसी को आईएसओ 9001-2008 के मानक के आधार पर थर्मल और हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजनाओं के सिविल कार्यों, नदी घाटी परियोजनाओं, औद्योगिक संरचनाओं तथा भवनों, आवासों, सड़कों, पुलों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के परियोजना प्रबंधन परामर्श सेवाओं के निष्पादन के लिए जाना जाता है। निगम पिछले पांच वर्षों से लाभ में चल रहा है। एनपीसीसी “मिनी रत्न” का दर्जा हासिल कर नई ऊंचाई हासिल करने के लिए तैयार हो रहा है। निगम को आईसीआरए ने ए+ कंपनी की क्रेडिट रेटिंग से सम्मानित किया है।

वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान कंपनी ने 1500 करोड़ रूपये के लक्ष्‍य से अधिक 1510 करोड़ रूपये का कार्य हासिल किया है। इस दौरान कंपनी ने 1002 करोड़ रूपये का कारोबार किया। कंपनी का कर पूर्व लाभ पिछले वर्ष 12.89 करोड़ रूपये था जबकि इस वर्ष यह 21.10 करोड़ रूपये रहा और कर के बाद लाभ 10.81 करोड़ रूपये था। इस वर्ष के दौरान कंपनी ने 11 रूपये प्रति इक्विटी शेयर लाभांश भुगतान किया है।

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