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पारम्परिक लोकरंग उत्सव एवं कार्यशाला

उत्तर प्रदेश

बचपन फाउण्डेशन, बाराबंकी द्वारा ’’पारम्परिक लोकरंग उत्सव एवं कार्यशाला’’ का आयोजन संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से आज दिनांक 05 ुिसतम्बर 2021 को अपरंाह 4ः00 बजे से सामुदायिक केन्द्र साभागार, कुर्माचल नगर, लखनऊ में किया जा रहा है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा0 राजेन्द्री वर्मा (पूर्व सहायक निबन्धन अधिकारी) राज्य महिला आयोग उत्तर प्रदेश एवं श्री रजनीष द्विवेदी मुख्य प्रबन्धक बैंक आफ बडौदा, चौक शाखा, लखनऊ तथा विशिष्ट अतिथि श्री उमेश चन्द्रा वरिष्ठ प्रबन्धक बैंक आफ बडौदा, आर0 एस0 एम0 नगर षाखा, लखनऊ एवं श्री मनोज अवस्थी क्षेत्रीय पार्षद लाल बहादुर शास्त्री वार्ड-2 के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्वलित कर सुभारम्भ किया गया। संस्था के अध्यक्ष श्रीमती सरोज ने मुख्य अतिथि का स्वागत पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर एक एक कर मुख्य अतिथि महोदयो ने अपने आर्शाीवचन में कहा कि संस्थान द्वारा अपनी संस्कृति एवं परम्पराओं को जीविंत रखने का प्रयास सराहनीय है हमे अपनी संस्कृति से जुडा रहना चाहिए। संस्था के संस्थापक सुनील कुमार द्वारा अतिथियों एवं सम्मानित जनों तथा कलाकारों का पुष्पगुच्छ से हार्दिक स्वागत अभिनन्दन किया गया।

इस अवसर पर संस्था के कलाकारों द्वारा गुरू श्रीमती सरोज एवं गुरू शुश्री सविता के निर्देशन में सांस्कृतिक कार्यक्रम ’’पारम्परिक लोकरंग उत्सव एंव कार्यशाला’’ में लोक संस्कृति पर आधारित पारम्परिक लोक गीत एवं नृत्य की सुन्दर प्रस्तुति दी गई।

1. सरस्वती वन्दना जय माँ सरस्वती भवानी
2. पारम्परिक कुमाऊनी लोक गीत एवं नृत्य थलकी बजारा लाल चुननी
3. पारम्परिक गढ़वाली लोक गीत एवं नृत्य अब लगलू मंडाल
4. पारम्परिक डांडिया लोक गीत एवं नृत्य डोलिया डोल रे वगाद महरे
5. पारम्परिक लोक गीत एवं नृत्य हमरो गुलाबी दुपट्टा हमें तो लग जाएगी नजरिया
6. पारम्परिक लोक गीत एवं नृत्य पिया मेहंदी लियादा मोती झील से जाके साइकिल से
7. पारम्परिक अवधी डांडिया लोक गीत एवं नृत्य कान्हा रे थोड़ा सा प्यार दे
8. पारम्परिक अवधी लोक गीत एवं नृत्य फूलों की होली बाजे बरसाने में नगाड़ा, के होली आई
9. पारम्परिक अवधी लोकनृत्य गोरी कब तक नैेन चुरायेगी तेरे पीछो पडो साँवरिया
10. पारम्परिक अवधी लोकनृत्य राधे धीरे धीरे चल कमर में लचक पड जायेगी
11. पारम्परिक युगल लोक गीत एवं नृत्य पिया मेंहदी मंगा दे
12. पारम्परिक एकल लावणी नृत्य

नृत्य कलाकार – कामनी, विशाल, मनोज, सोनी, वैष्णवी, स्वरा, आध्या, अक्षिता, गौरी, अकांक्षा, वर्षा

गायन – यूपिका तिवारी, श्रीमती हरितिमा पंत, प्रिया एवं चन्दन सिंह मेहरा

वादन – ढोलक-शकील, आर्गन-लाले, पैड-आकाश

पुरस्कार वितरण मुख्य अतिथि/विशिष्ट अथितियों के कर कमलों द्वारा किया गया अतं में अध्यक्ष महोदय ने सभी अतिथियों कलाकारो एवं प्रिंट मीडिया, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार का आभार व्यक्त किया गया तथा कार्यक्रम के समापन की घोषणा की कार्यक्रम में श्रीमती सरोज, शुश्री सविता, सुनील कुमार, डा0 रमाकान्त, चन्दन सिंह मेहरा, उर्मिला श्रीवास्तव, आलोक श्रीवास्तव, बृजेश श्रीवास्तव, श्रीमती हरितिमा पंत आदि लोग उपस्थित रहे।

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