नैनीताल: अलविदा होते साल के दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सरोवर नगरी पहंुचे। नये साल का जश्न मनाने आये पर्यटकों एवं उनके परिजनों से मुख्यमंत्री ने मुलाकात कर उनका
गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। वहीं पर्यटकों को उत्तराखण्डी व्यंजनों एवं लोक गीत एवं लोक संगीत से भी रूबरू कराया। मुख्यमंत्री की पहल पर पहली दफा उत्तराखण्ड के पहाडों की रानी मसूरी और सरोवर नगरी नैनीताल में विंटर कार्निवाल का आयोजन किया गया। नैनीताल में आयोजित कार्निवाल का आयोजन जिला प्रशासन द्वारा 25 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक आयोजित कर विविध कार्यक्रमों के जरिये पर्यटकों के आनन्द को दोगुना कर दिया।
मुख्यमंत्री श्री रावत द्वारा पर्यटकों के बीच उत्तराखण्ड के श्यामखेत में उगायी गयी चाय की पत्तियों से तैयार की गयी कुल्हडों में दी गयी चाय का लुफ्त भी लिया। वहीं पर्यटकों ने मुख्यमंत्री के साथ पहाडी कटके की चाय के साथ ही पकौडी-रायता, पूए, बडा, सिंगल, आलू गुटखे व्यंजनों का आनन्द लिया।
तैयार किये गये मंच पर कुमाऊंनी एवं गढ़वाली गायकों ने लोक गीत व लोक संगीत के जरिये पर्यटकों का मनोरंजन किया। वहीं उत्तराखण्ड के पारम्परिक वाद्ययंत्रों की प्रस्तुति भी संगीतज्ञों द्वारा दी गयी। रंग बिरंगे परिधानों में सजे होलियारो ने छोलिया नृत्य प्रस्तुत कर समा बांध दिया।
कार्यक्रम में मौजूद पर्यटकों एवं लोगों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत ने कहा कि काफी पुराने समय से पर्यटक समय-समय पर उत्तराखण्ड का रूख करते रहे हैं। नैनीताल पर्यटन की जननी है, वहीं मसूरी पहाडों की रानी के रूप में विश्वविख्यात है। सरकार ने प्रयास किये हैं कि उत्तराखण्ड का हर शहर, कस्बा जिसका अपना पुरातन इतिहास है, पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाये। इस दिशा में सरकार ने काफी हद तक इस लक्ष्य में कामयाबी हासिल की है। जाते वर्ष 2015 के आंकडों को पेश करते हुए उन्होनें कहा कि इस वर्ष प्रदेश में लगभग 15 लाख पर्यटकों ने अपनी आमद दर्ज करायी है। विगत दिनों हुई आपदा की तबाही के बाद सरकार ने प्रदेश के पर्यटन को सजाने व संवारने की दिशा में कार्य किया। जिसका जीता जागता उदाहरण है कि चारधाम यात्रा में देश दुनिया के लाखों पर्यटकों एवं श्रद्धालुओ ने दुनिया को यह संदेश दिया की उत्तराखण्ड सुरक्षित है। उन्होनें कहा कि नैनीताल, मसूरी के अलावा पर्यटकों ने दयारा बुग्याल, पाण्डुकेश्वर, औली, गुंजी, मुश्यारी, केदारनाथ-बद्रीनाथ, हरिद्वार, नानकमत्ता, हेमकुण्ड साहिब तथा पिरान कलियर का रूख किया।
श्री रावत ने कहा कि हम आने वाले समय में सहासिक पर्यटन की दिशा में काम करने की योजना बना रहे हैं। प्रदेश में ऐरो स्पोर्टस, हैली हिम दर्शन, हाॅट एयर बैलून, माउण्टेन बाईकिंग, पैराग्लाडिंग की योजना पर काम कर रहे हैं। उन्होनें कहा कि अभी तक शिवपुरी, ऋषिकेश में ही रिवर राफ्टिंग हो रही थी। प्रदेश सरकार द्वारा पंचेश्वर, जौलजीवी, चन्द्रपुरी तथा पूर्णागिरी टनकपुर को भी रिवर राफ्टिंग कराये जाने के लिए चिन्हित किया है। हमारे प्रदेश में आने वाले पर्यटक यहाँ के वनों में निवास करने वाले गुलदार, लैपर्ड के साथ वक्त गुजारे, सैल्फी ले सके इसके लिए यहाँ के वन्य पार्कों में लैपर्ड सफारी की व्यवस्था भी की जा रही है। जीवन में पक्षियों एवं तितलियों से प्रेम करना अद्भुत है। इनकी संगत हमें ईश्वर से जोडती है। प्रदेश में तीन बटरफलाई पार्क तथा तीन वर्ड फैस्टिवल आयोजित करने की कार्य योजना सरकार ने तैयार की है। इसके साथ ही देहरादून में एक रैप्टाइल पार्क भी तैयार किया जा रहा है।
उन्होनें पर्यटकों से कहा कि जहाँ उत्तराखण्ड की प्राकृतिक छटा निराली, अद्भुत है। वहीं यहाँ की पहनावा, यहाँ की संस्कृति, लोक गीत, लोक संगीत सादगी से भरे हैं। इनका अध्यन करने के लिए प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे योजना पर कार्य कर रही है, ताकि आने वाले पर्यटक ग्रामीण इलाकों में जाकर गांव वालों के मेहमान बनकर इन सबका अध्ययन एवं आनन्द ले सके।
श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड अध्यात्म एवं ज्ञान की देवभूमि है और इस भूमि का योग विद्या से भी गहरा नाता रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए आने वाले वर्ष में प्रदेश सरकार द्वारा योग कुम्भ का आयोजन किया जा रहा है। उन्होनेें पर्यटकों को जनवरी माह से शुरू हो रहे अर्द्धकुम्भ में आने का न्यौता देते हुए कहा कि अर्द्धकुम्भ हरिद्वार में पहुंचकर पतित पावनी गंगा के तटों पर बिखरे सौन्दर्य का आनन्द ले और भव्य गंगा आरती में भाग लेकर जीवन सफल बनायें।
श्री रावत ने कार्यक्रम में मौजूद समस्त पर्यटकों एवं लोगों को नव वर्ष की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सरकार कि हल्द्वानी महानगर मे अन्तर्राष्ट्रीय चिडियाघर एवं ज्यिोलोजिकल पार्क का निर्माण प्रारम्भ कर देगी। उन्होनें कहा कि अतिथि देवो भव उत्तराखण्ड की प्राचीन परम्परा व विरासत है। हम आने वाले हर व्यक्ति एवं पर्यटक का हाथ जोडकर सहृदयता से स्वागत करने के लिए तत्पर रहते हैं।
कार्यक्रम से पूर्व मुख्यमंत्री श्री रावत ने पर्यटकों के साथ नैनी झील में नौकायन किया वहीं मल्लीताल से तल्लीताल के बीच रिक्शे की सवारी का भी आनन्द लिया। वाद्य यन्त्रों की सुर लहरी पर मुख्य मंत्री पर्यटकों के साथ थिरकते हुए भी नजर आये।