लखनऊ: प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन ने बच्चों मंे निर्जलीकरण (पानी की कमी) की पहचान होते ही तत्काल प्रभावी उपचार के निर्देश प्रदेश के समस्त चिकित्सकों को दिये हैं।
इस संबंध में महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा0 विजय लक्ष्मी ने जानकारी देते हुये बताया कि बच्चे के शरीर में पानी की कमी होने से उसकी आंखे धॅसी हुई, बच्चे का बेचैनी से पानी पीना तथा बहुत ज्यादा प्यास लगने के साथ उसका अचानक बेहोश हो जाना या पानी ना पी पाना प्रमुख लक्षण है। इसके अतिरिक्त बच्चे के पेट के बाजू में चिकोटी काटने पर त्वचा का बहुत धीरे वापस आना प्रमुख लक्षणों में से एक है। उन्होंने कहा कि बच्चों में इनमें से कोई भी दो लक्षण दिखने पर तत्काल डाक्टर को दिखायें।
डा0 विजय लक्ष्मी ने कहा कि बच्चे को दस्त रोग से बचाव हेतु स्तनपान कराएं। इससे उसके शरीर में बीमारियों से लड़ने की शक्ति बढ़ेगी। इसके साथ ही ताजा बना खाना खिलाएं। ठंडे खाने को गर्म करके खाएं। खाने को हमेशा ढक कर रखें। अपने घर और आस-पास की जगह को साफ-सुथरा रखें ताकि मक्खियां ना आ पाएं। उन्होंने कहा कि माताएं और बच्चे खाना बनाने, परोसने या खिलाने के पहले एवं शौंच के बाद हाथ साबुन से जरूर धोएं। इसके साथ ही यही भी सुनिश्चित करें कि बच्चे का टीकाकरण पूरा हुआ हो और खासरे का टीका तो अवश्य ही लगा हो। इस रोग से बचाव के लिए डाक्टर/चिकित्साकर्मी द्वारा निर्देशित तरीके से बनाये गये ओ0आर0एस0 का घोल व जिंक की टैबलेट 14 दिनों तक दें।