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लखनऊ की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को बेहतर करने के लिये प्रमुख सचिव ऊर्जा ने पेंच कसे, व्यवस्था सुधार के लिए 24 घण्टे का अल्टीमेंटम

उत्तर प्रदेशप्रौद्योगिकी

लखनऊ: प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकान्त शर्मा के निर्देशों के अनुपालन में राजधानी लखनऊ में कम से कम ट्रीपिंग हो और राजधानीवासियों को निर्वाध व उच्च गुणवत्तायुक्त विद्युत आपूर्ति हो। इसके लिये प्रमुख सचिव ऊर्जा ने आज लेसा एवं मध्यांचल के अधिकारियों के जमकर पेंच कसे। राजधानी की विद्युत आपूर्ति को लेकर आलोक कुमार ने गहरा असंतोष व्यक्त करते हुये अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने ओवरलोडेड ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि सहित सभी आवश्यक कदम उठाने एवं एक सप्ताह में राजधानी की आपूर्ति व्यवस्था को व्यवधान रहित कर अनवरत विद्युत आपूर्ति के निर्देश दिये। उन्होंने लखनऊ के चिन्हित 300 ओवरलोडेड ट्रांसफार्मर क्षेत्र में हर घर की जाॅचकर लोड बढ़ाने के निर्देश देते हुये कहा कि 10 जून के बाद यदि ओवरलोडेड क्षेत्र में किसी घर में बिना जाॅच के ज्यादा लोड पाया गया तो सम्बन्धित क्षेत्र के अवर अभियन्ता सहित अन्य अधिकारियों के विरूद्ध भी कार्यवाही होगी। ओवरलोंिडंग को समाप्त करने के लिए उन्होंने  15 करोड़ रू0 देने की भी घोषणा की।

उन्होंने अधिकारियों को झाड़ लगाते हुये कहा कि ओवर लोड कम करने के लिये आपने अभी तक आवश्यक कदम क्यों नहीं उठाये। यह काम किसका है। उन्होंने लेसा के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए निर्देशित किया कि राजधानी की विद्युत आपूर्ति व्यवधान रहित रहे। इसके लिये सभी क्षेत्रों में आवश्यक कदम उठाये जाये। अन्यथा इस सम्बन्ध में अगली समीक्षा बैठक बुलानी पड़ी तो जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही होगी। राजधानी की विद्युत व्यवस्था को लेकर आज प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं उ0प्र0 पावर कारपोरेशन अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने मध्यांचल और लेसा के अधिकारियों के साथ शक्ति भवन में बैठक की। सुबह 10.30 पर शक्ति भवन में आयोजित इस समीक्षा बैठक में वितरण, पारेषण से सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

प्रमुख सचिव ने लेसा के मुख्य अभियन्ताओं से पूॅछा कि राजधानी में ट्रिपिंग न हो, विद्युत आपूर्ति में अवरोध न हो इसके लिये अभी तक आपने क्या किया? जिन क्षेत्रों में ज्यादा समस्या है या ओवरलोडिंग है वहाॅ के लिये अभी तक क्यों काम नहीं हुआ? अध्यक्ष ने पूछा कि लखनऊ में कुल कितने वितरण ट्रांसफार्मर हैं और उसमें कितने ओवरलोडेड हैं। लेसा के अधिकारियों ने बताया कि लगभग 15000 वितरण ट्रांसफार्मर हैं जिसमें 300 ओवरलोडेड हैं। इस पर अध्यक्ष भड़क गये। उन्होंने कहा कि ओवरलोडिंग समाप्त करने के लिये अभी तक आपने क्यों घर-घर सर्वे नहीं किया? क्यों लोड नहीं बढ़ाया, चोरी क्यों नहीं रोकी? उन्होंने निर्देशित किया कि अभियान चलाकर 300 अवर अभियन्ता लगकर समस्याग्रस्त क्षेत्र में घर-घर सर्वे कराइये। जो लोग घरों में व्यापार कर रहें हैं उनके टैरिफ को बदलिये, घर-घर लोड बढ़ाइये। जो कार्य नहीं कर पायेगा उसके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। समस्याग्रस्त क्षेत्र के ट्रांसफार्मर का लोड बढ़ाइये, डी0टी0 बदलिये, लेकिन विद्युत दुव्र्यवस्था नहीं चलेगी। 15 करोड़ रूपये ट्रांसफार्मर बदलने और डी0टी0 बदलनें के लिये देने की घोषणा की। लेकिन ओवरलोडेड ट्रांसफार्मर वाले क्षेत्र के हर घर का सर्वे एक सप्ताह में पूर्ण कराइये। इसके लिये अभियान आज से ही शुरू करिये। 24 घण्टे में व्यवस्था में सुधार दिखना चाहिए और एक सप्ताह में लखनऊ की आपूर्ति व्यवस्था में व्यवधान नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर जेई से लिखकर लीजिये कि उसने अपने क्षेत्र के हर घर का सर्वे करा लिया है तथा सभी घरों के लोड चेक कर लिये गये हैं।

प्रमुख सचिव ने पूछा कि राजाजीपुरम में रातभर बिजली क्यों गड़बड़ रही? इसकी पूरी सूचना ऊर्जा मित्र ऐप के माध्यम से उपभोक्ताओं के पास मैसेज से क्यों नहीं भेजी गयी। उन्होंने निर्देशित किया कि अधीक्षण अभियन्ता आज से इसके लिये जिम्मेदार होगा कि वह विद्युत व्यवधान या विद्युत सम्बन्धी महत्वपूर्ण सूचनायें ऊर्जा मित्र ऐप के माध्यम से उपभोक्ताओं तक पहॅुचाना सुनिश्चित कराये। वह अपने क्षेत्र के अवर अभियन्ता पर जिम्मेदारी तय करें। प्रमुख सचिव ने चेतावनी दी कि एक सप्ताह के अन्दर यदि राजधानी की व्यवस्था में बेहतर परिणाम नहीं दिखाई पड़े तो लेसा में कार्यरत अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय की जायेगी और उन्हें यहाॅ से स्थानान्तरित किया जायेगा साथ ही वह दुबारा 10 वर्ष लेसा में न आ सकें, इसके लिये प्रतिबन्ध भी लगाये जायेंगे। अध्यक्ष ने अधिकारियों से पूॅछा कि राजधानी सहित महानगरों में ज्यादा समय के लिये शटडाउन क्यों लिये जाते हैं। हाट लाइन मेन्टेेनेन्स क्यों नहीं हो रहा है। ठेकेदारों से हाट लाइन मेन्टेनेन्स कराइये। हाट लाइन मेन्टेनेन्स के लिये टेलिस्कोपिक राॅड या जो भी सामग्री की आवश्यकता है वह 24 घण्टे के अन्दर मंगाइये। हर बिजलीघर पर एक प्रशिक्षित कर्मचारी लगाइये जो हाट लाइन अनुरक्षण या व्यवधान ठीक कर सके।

बैठक को सम्बोधित करते हुये प्रमुख सचिव ने कहा कि राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के सभी महानगरों एवं नगरों में विद्युत व्यवधान कम से कम समय में ठीक हो तथा बिना ट्रिपिंग और शटडाउन के विद्युत आपूर्ति हो। इसके लिये सभी आवश्यक कदम तत्काल उठाये जाये। अवर अभियन्ताओं से लेकर ऊपर तक के हर अधिकारी की जिम्मेदारी तय हों। प्रत्येक ओवरलोडेड क्षेत्र में घर-घर जाॅच कर लोड बढ़ाया जाये तथा जहाॅ घरों में व्यवसायिक कार्य हो रहे हैं। उनका टैरिफ चेन्ज किया जाये। आज से ही एक सप्ताह तक यह कार्य सुनिश्चित किया जाये। प्रमुख सचिव ने कहा कि यह सभी कार्यो को कराने एवं माॅनीटरिंग की जिम्मेदारी डिस्काम के अधिकारियों की है, जिसके लिये हमें या मंत्री जी को कहना पड़ रहा है। आप लोग क्यों नहीं इसकी गहन समीक्षा करते हैं तथा समस्या का निदान कराते हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ की विद्युत व्यवस्था के लिये लेसा का हर अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझे और कार्य करें। इसके लिये यदि मुझे अगली बैठक करनी पड़ी तो बड़ो पर जिम्मेदारी तय होकर कार्यवाही होगी।

प्रमुख सचिव ने निर्देशित किया कि 10 जून तक अभियान चलाकर लखनऊ के हर अवर अभियन्ता के क्षेत्र में सर्वे होगा। जिसमें हर घर की चेंकिग की जायेगी। लोड बढ़ाया जायेगा एवं आवश्यकतानुसार विद्युत उपयोग की श्रेणी बदली जायेगी। 10 तारीख को अवर अभियन्ता यह लिखकर देगा कि उसने अपने क्षेत्र में हर घर की जाॅच करके विद्युत लोड एवं टैरिफ को सही रूप से दर्ज कर लिया है। बैठक में प्रमुख सचिव ने कानपुर के विद्युत आपूर्ति पर भी गहन पूॅछताछ की। उन्होंने इस संदर्भ में निदेशक वितरण एवं मुख्य अभियन्ता ट्रांसमिशन को निर्देशित किया कि वे प्रदेश के सभी महानगरों एवं नगरों की विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था पर प्रतिदिन रिपोर्ट मंगाये, जिसमें हर फीडर की ट्रिपिंग तथा आधे घण्टे से ज्यादा के विद्युत व्यवधान की कार्यवाही की जानकारी हो।

शक्ति भवन में सम्पन्न इस बैठक में पावर कारपोरेशन की प्रबन्ध निदेशक श्रीमती अपर्णा यू0, मध्यांचल के प्रबन्ध निदेशक श्री संजीव गोयल, लेसा के दोनों मुख्य अभियन्ता, निदेशक, सभी अधीक्षण अभियन्ता तथा उ0प्र0 पावर कारपोरेशन के ट्रांसमिशन एवं वितरण के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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