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आत्मनिर्भर भारत की दिशा में काम करने के लिए वैज्ञानिक प्रतिभाओं और स्टार्ट-अप की पहचान हेतु केंद्र-राज्य समन्वय की आवश्यकता है: डॉ. जितेन्द्र सिंह

देश-विदेश

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, राजयमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच निरंतर समन्वय के माध्यम से उद्यमियों और स्टार्टअप के साथ-साथ संभावित युवा शोधकर्ताओं और महिला वैज्ञानिकों की पहचान करने तथा जनता तक पहुंचने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए सभी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी  परिषदों की भागीदारी के साथ आयोजित एक साल के ‘विज्ञान उत्सव’ का आज उद्घाटन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत को प्राप्त करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी बहुत महत्वपूर्ण है तथा इसमें राज्यों की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (एस एंड टी) परिषदों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी एक बुनियादी निर्धारित आवश्यकता है तथा देश, केंद्र-राज्य के समन्वित प्रयासों से वैज्ञानिक दुनिया में अब एक बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है।

प्रधानमंत्री के 75वें  स्वतंत्रता दिवस के संबोधन  का उल्लेख करते हुए कि “ भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्ष का उत्सव केवल एक समारोह तक सीमित नहीं होना चाहिए “, डॉ. सिंह ने कहा कि अब नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ने की आधारशिला रखी जानी चाहिए। उन्होंने कहा  “यहां से शुरू होने से लेकर अगले 25 वर्षों की यात्रा पूरी करने के बाद जब हम भारतीय स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएंगे तब वह एक नए भारत के निर्माण की अमृत अवधि का प्रतीक होगा और जीवन के सभी क्षेत्रों में अगले 25 वर्षों के लिए कार्य योजना (रोडमैप) वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचारों द्वारा निर्धारित की जाएगी ।

  मध्य प्रदेश सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग में मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सभी प्रौद्योगिकियों के मानचित्रण की आवश्यकता पर बल दिया ताकि राज्यों को सभी क्षेत्रों में अपनी प्रगति के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी हस्तक्षेपों का उपयोग करने में मदद मिल सके।

भारत सरकार के  विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप, ने उल्लेख किया कि यह विज्ञान उत्सव सभी राज्यों के संपूर्ण विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) के पारिस्थितिकी तंत्र को आगे लाने के लिए पहचाने गए विषयों के माध्यम से सभी सम्बद्ध हितधारकों के साथ एक बड़ा जुड़ाव स्थापित करने में सक्षम होगा और यह निश्चित रूप से राष्ट्रीय विकास की दिशा में आगे जाएगा I

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार में वैज्ञानिक “जी “ और सलाहकार डॉ. देवप्रिया दत्ता ने कहा, “राज्यों की विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषदों के माध्यम से कई राज्यों में उत्साहजनक परिणाम मिले हैं और इस कार्यक्रम से  विज्ञान और प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र को और बढ़ावा देगा।” अगस्त 2022 तक यह विज्ञान उत्सव सभी राज्यों की भागीदारी से मनाया जाएगा।

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