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विधानसभा स्थित सभागार में विदेशी प्रशिक्षणार्थियों की कार्यशाला को संबोधित करते हुएः वि0स0 अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल

उत्तराखंड
देहरादून: इंटरनेशल इंस्टिट्यूट आॅफ इनफोरमेशन सिस्टम एण्ड आॅडिट के 45 प्रशिक्षणार्थियों ने राज्य विधानसभा भवन का का भ्रमण किया। अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थान की ओर से उक्त कार्याशाला आयोजन किया गया। इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल तथा मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कार्यशाला को संबोधित किया।

उन्होंने फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुए आंतकी हमलों में मारे गए लोगों तथा कश्मीर में आंतकी मुठभेड़ में मारे गए शहीद कर्नल संतोष महादिक को श्रद्धांजलि अर्पित की, और उन्होंने कहा भारत के लोग दुख की इस घड़ी में फ्रंास के साथ है। आज के युग में आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है, जिसका सामना करने के लिए सभी देशों को एकजुट होकर प्रयास करने होंगे।
विदेशी मेहमानों को अपने राज्य की विशेषताओं से परिचित कराते हुए श्री कुंजवाल ने कहा कि उत्तराखण्ड देश की राज्य श्रंृखला का एक सुन्दर मोती है। जो देवभूमि कहलाने वाले उत्तराखण्ड को प्रकृति ने प्रचुर प्राकृतिक सौंदर्य तथा विविधता से नवाजा है जिसके दर्शन मात्र से मन आनन्दित हो जाता है। यहां बर्फ से ढके पहाड़, गलेशियर, नदियां, हरे-भरे मैदान, नेशनल पार्क आरक्षित वन संरक्षित क्षेत्र और यहां प्राकृतिक सौन्दर्य के अनेक पर्यटन व तीर्थ स्थान भी हैं। विश्व प्रसिद्ध यामुनोत्री, गंगोत्री केदारनाथ तथा बद्रीनाथ की चारधाम यात्रा के साथ-साथ हरिद्वार तथा कैलाश मानसरोवर की यात्रा संपूर्ण विश्व के लोगों को आकर्षित करती है।
उन्होंने कहा उत्तराखण्ड राज्य का जन्म 9 नवम्बर 2000 को नई विधानसभा के रूप में गठित हुआ  राज्य में इस समय तृतीय विधानसभा गठित है, जिसमें 70 माननीय विधायक सदस्य सम्मिलित है। उन्होंने कहा कि 15 वर्ष की अपेक्षाकृत कम अवधि में ही राज्य विधानसभा द्वारा आम जनता के दैनिक जीवन से संबंधित लगभग सभी क्षेत्रों मंे एक मजबूत विधायी ढांचा स्थापित किया गया है। जिससे क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, सुशासन, पर्यावरण संरक्षण, स्थानीय निकाय, भूमि संबंधी सुधार तथा जमीनी स्तर पर विकास को अन्तिम व्यक्ति तक ले जाने के लिए राज्य में विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना लागू की गई हैं। भारत में यह योजना वर्ष 1993 में प्रारम्भ की गई थी, इसके माध्यम से पेयजल सुविधा, विद्यालय, बिजली, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सिंचाई, गैर परम्परागत उर्जा, सामुदायिक केन्द्र, सार्वजनिक जन पुस्तकालय, बस स्टैण्ड, सड़क, पुल तथा खेल कूद संबंधी सुविधाओें आदि के निर्माण से जनता की वास्तविक आवश्यकताओं को पूर्ण करने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है
उन्होंने विस्तार से भारत की बड़ी वित्त सेवा के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय राज्यों मंे विधायक निधि के अन्तर्गत विधायक विभिन्न परियोजनाओं की संस्तुति करते है, जिनकी लेखा परीक्षा भारत के लेखा महापरीक्षक द्वारा की जाती हैै। और क्रियान्वयन का दायित्व कार्यपालिका को दिया गया है। जिसमें प्रभावी एवं संतुलन प्रणाली विद्यमान है। एक अन्य नियंत्रण तंत्र सूचना का अधिकार अधिनियम है, जिसके अन्तर्गत भारत के प्रत्येक नागरिक को सरकार की चलाई जाने वाली योजनाओं से संबंधित सूचना प्राप्त करने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है।
उन्होंने यह भी कहा है कि दूसरा विषय उत्तरदायिता, कार्यकुशलता तथा समानता का है। विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में मेरा यह मत है कि इस योजना की सफलता का सबसे बड़ा दायित्व मा0 सदस्यों का है। विधायक के रूप में अपने 15 वर्षों के अनुभव मंे मैनें यह पाया है कि मा0 सदस्यों को परियोजना की पहचान करने, संस्तुति करने, मूल्याँकन करने तथा कार्यदायी संस्था को सौंपे जाने से लेकर उनके वास्तविक क्रियान्वयन तक सतर्क तथा जागरूक रहने की आवश्यकता है। इससे इन कार्याें में पारदर्शिता तथा उत्तरदायिता लायी जा सकती है।

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