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केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, डॉ. वीरेंद्र कुमार ने “श्रेष्ठ” योजना की शुरूआत की

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केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने लक्षित क्षेत्रों के हाई स्‍कूल में पढ़ने वाले छात्रों के लिए आवासीय शिक्षा की योजना “श्रेष्ठ” की शुरूआत की।

इस समारोह में सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री, श्री ए नारायणस्वामी, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव, श्री आर सुब्रह्मण्यम, अपर सचिव, श्री सुरेंद्र सिंह, डॉ. महेश शर्मा, सांसद, गौतम बुद्ध नगर भी शामिल हुए। यह योजना अनुसूचित जाति के उन छात्रों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी जिनकी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा तक पहुंच अब तक नहीं हो सकी है। यह पहल उनके जीवन को बेतहर बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव लेकर आएगी।

लक्षित क्षेत्रों के उच्च विद्यालयों में छात्रों के लिए आवासीय शिक्षा की योजना (श्रेष्ठ) का निर्माण, संवैधानिक अधिदेश के अनुसार, अनुसूचित जाति के गरीब छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया है। असमानता के शिकार अनुसूचित जाति समुदायों के छात्रों को लंबे समय तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से दूर रखा गया है और एक ऐसी स्थिति कायम की गई जो कि पर्याप्त शिक्षा के अभाव में उनकी पीढ़ियों को आगे बढ़ने के लिए नुकसानदायक साबित हुई।

सरकार द्वारा बिना किसी भेदभाव के शैक्षिक सुविधाओं का प्रसार करने से उन्हें सार्वभौमिक पहुंच प्राप्त करने में बहुत सहायता मिली है। हालांकि, एक समान अवसर प्रदान करने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक उनकी पहुंच प्रदान करने वाले उद्देश्य अभी भी वास्तविकता से दूर है। लेकिन, विभाग ने एक नई पहल के रूप में अनुसूचित जाति के उन मेधावी छात्रों को उच्च श्रेणी के निजी आवासीय विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए योजना की शुरूआत की है जो ऐसे स्कूलों की फीस देने में असमर्थ हैं।

लक्षित क्षेत्रों के उच्च विद्यालयों में छात्रों के लिए आवासीय शिक्षा योजना (श्रेष्ठ) पूरे देश की सीबीएसई से संबद्ध प्रतिष्ठित आवासीय स्कूलों में मेधावी लेकिन गरीब अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करती है। प्रत्येक वर्ष लगभग 3,000 सीटें कक्षा 9 और 11 में प्रवेश करने के लिए उपलब्ध है तथा शिक्षा और आवासीय शुल्क का पूरा खर्च विभाग द्वारा उठाया जाता है। वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में कक्षा 8 और 10 में पढ़ने वाले अनुसूचित जातियों के छात्र योजना का लाभ उठा सकते हैं और उनका चयन एक पारदर्शी तंत्र के माध्यम से श्रेष्ठ के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित परीक्षा के माध्यम से होगा, जो कक्षा 9 और 11 में नामांकन के लिए आयोजित की जाती है। अनुसूचित जाति समुदाय के हाशिए पर रहने वाले निम्न आय वर्ग के छात्र, जिनके माता-पिता की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये तक या उससे कम है, इसके पात्र हैं। सफल उम्मीदवारों को ई-काउंसलिंग प्रक्रिया से गुजरने के बाद, उनकी अकादमिक पढ़ाई के लिए देश में कहीं भी उनके पसंदीदा स्कूलों में प्रवेश दिया जाता है। विभाग द्वारा 12वीं कक्षा तक पढ़ाई पूरी करने तक शिक्षा और छात्रावास शुल्क पूर्ण रूप से वहन किया जाता है। उसके बाद इस योजना में शामिल छात्र अपनी उच्च शिक्षा के लिए विभाग की अन्य योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार के विस्तृत भाषण को इस लिंक के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है

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