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शिक्षा का वास्तव में अर्थ केवल ज्ञान अर्जन करना ही नहीं बल्कि मेंटल अप्रोच को बढ़ाना है: सुरेश कुमार खन्ना

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: नौजवान हवाओं का रुख बदलने वाली पीढ़ी होती है। इसमें  पाने और कुछ भी कर डालने का जुनून होता है। जिंदगी में किसी भी क्षण कोई बुरा विचार मन में आए तो उसे तुरंत कुचल देना चाहिए। ऐसे बहुत से उदाहरण मिलते हैं कि यदि बुरा विचार मन में पलता है तो किसी न किसी रूप में हमारा रास्ता गलत करता है और उसका परिणाम भी गलत होता है। यह विचार उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने आज एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी पुणे में भारतीय संसद फाउंडेशन एवं एमिटी स्कूल आफ गवर्नमेंट पुणे द्वारा आयोजित कार्यक्रम में छात्र संसद को संबोधित करते हुये कही।
उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि व्यक्ति को ग्रह नक्षत्र और वातावरण प्रभावित करते हैं। व्यक्ति अपने ग्रह नक्षत्र तो नहीं बदल सकता परंतु वातावरण को अपने अनुसार बना सकता है। उन्होंने कहा कि जिंदगी में हमेशा कुछ ना कुछ सीखने की तमन्ना होनी चाहिए और हमें अपना समाज और वातावरण भी ऐसा ही बनाना चाहिए। अपने कर्तव्य के प्रति पाबंद और अनुशासित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत की एक शानदार परंपरा, विरासत और इतिहास रहा है। इस विरासत को संजोए एवं बनाए रखने का दायित्व हमारी युवा पीढ़ी का है। उन्होंने कहा कि समर्पण भाव से किए गए कार्य में सफलता निश्चित रूप से मिलती है। व्यक्ति को भाग्यवादी ना होकर पुरुषार्थ पर भरोसा करना चाहिए
श्री खन्ना ने कहा कि शिक्षा का वास्तव में अर्थ केवल ज्ञान अर्जन करना ही नहीं है। शिक्षा का सही मायने में अर्थ मेंटल अप्रोच को बढ़ाना है। शिक्षा का अर्थ है कि हमारा दृष्टिकोण ऐसा बने जिससे कि हम किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हो सके। उन्होने कहा कि देश के निर्माण में युवाओं को राजनीति में आना चाहिये, ताकि उनकी ऊर्जा, प्रतिभा और क्षमता का लाभ देश को मिल सके। उन्होने छात्रों का आह्वान करते हुये कहा कि यदि युवा वर्ग राजनीति में नहीं आयेगा तो देश को पंडित दीनदयाल उपाध्याय, भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अरूण जेटली, सुषमा स्वराज, उ0प्र0 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे देश निर्माता एवं कर्णधार कहां से मिलेंगे।
वित्त मंत्री ने लोकतंत्र एवं कॉरपोरेट में संबंध विषय पर बोलते हुए कहा कि भारत विकसित राष्ट्र की ओर तेजी से अग्रसर है इसलिए आर्थिक मजबूती आवश्यक है। आर्थिक मजबूती के लिए कारपोरेट सेक्टर के अस्तित्व में होना भी आवश्यक है तथा उसका विकास करना उसका बेहतरी भी जरूरी है। कारपोरेट सेक्टर का बहुत बड़ा योगदान हमारी अर्थव्यवस्था पर होता है। इसका सबसे बड़ा योगदान रोजगार के अवसर से सृजित करना है। हमारी नीति है कि उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए। उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़े उद्योग घरानों के साथ-साथ एमएसएमई एवं ओडीओपी को भी विशेष रूप से महत्व देते हुए बढ़ावा दिया है। कारपोरेट सेक्टर की मजबूती से रोजगार के अवसर बढ़ने के साथ-साथ प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ती है और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में बहुत बड़ा योगदान होता है।
श्री सुरेश कुमार खन्ना ने अपने संबोधन में कहा कि कल्याणकारी सरकार की कल्पना में यह उम्मीद की जाती है कि सभी को समान अवसर उपलब्ध हो और  यही हमारा लक्ष्य भी है। उन्होंने कहा कि कारपोरेट सेक्टर को भी अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए। सरकार उनकी सहायता के लिए हरसंभव साधन एवं अवसर उपलब्ध कराएगी। जहां आवश्यक होगा उनके सुझाव को भी सरकार सम्मान देगी परंतु यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि कारपोरेट सेक्टर सरकार की नीति निर्धारण में सहायक होगा। भारतीय लोकतंत्र में भारत की जनता ही सर्वश्रेष्ठ है और उसी की श्रेष्ठता हमेशा बनी रहनी चाहिए। भारतीय संविधान में भी लोगों को ही तंत्र से ऊपर रखा गया है।
श्री सुरेश कुमार खन्ना ने सीएसआर के लोगों को बधाई देते हुए उनके द्वारा चिकित्सा स्वास्थ्य एवं शिक्षा के लिए असेवित राज्यों में किए गए कार्य की सराहना की और उनसे अपेक्षा की कि वे और अधिक जन सेवा भाव से कार्य करेंगे। समान परिस्थिति में समान अवसर सभी को मिले। हम जीवन के कार्य एवं व्यवहार शुचिता एवं पवित्रता को सबसे अधिक महत्व देते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था एवं भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस नीति पर चल रही है। इसका नतीजा है कि उ0प्र0 की कानून व्यवस्था दूसरे राज्यों के लिए नजीर बन गयी है।

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