26 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

उपराष्ट्रपति ने ब्रुनेई दारुसलम विश्वविद्यालय को संबोधित किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: भारत के उपराष्ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी ने कहा है कि अब समय आ गया है कि हम अपनी साझेदारी को और ऊंचे स्तर पर ले जाए, जिससे कि हमारे लोगों के

बीच अधिक समृद्धि बढ़े तथा क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता आए। वह आज ब्रुनेई में ब्रुनेई दारुसलम विश्वविद्यालय को संबोधित कर रहे थे।

उपराष्ट्रपति ने ब्रुनेई और भारत के बीच ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक रिश्तों का जिक्र किया, जिससे एक मजबूत और टिकाऊ संबंध का जन्म हुआ। उन्होंने कहा कि 1984 में जब ब्रुनेई स्वतंत्र हुआ तो भारत राष्ट्रमंडल के देशों में ब्रुनेई का स्वागत करने वाला पहला देश था और ब्रुनेई के सुल्तान की भारत के लोगों के दिल और दिमाग में सर्वोच्च सम्मान का भाव है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत में टिकाऊ आर्थिक विकास में भारत को विश्व में सबसे निर्भर दीर्घकालिक ऊर्जा बाजार बना दिया है और ऊर्जा व्यापार ऐसा क्षेत्र है जहां भारत और ब्रुनेई एक-दूसरे का मजबूत पूरक बन सकते हैं। भारत ब्रुनेई से एक बिलियन डॉलर के बराबर के कच्चे तेल का आयात करता है और इस प्रकार ब्रुनेई के लिए भारत तीसरा सबसे बड़ा आयातक देश है। उन्होंने कहा कि बहरहाल, जैसे-जैसे मांग और अधिक बढ़ेगी, भारत में हाइड्रोकार्बन के निर्यात का अवसर लगातार बढ़ता रहेगा।

उपराष्ट्रपति ने अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि भारत के आर्थिक विकास ने ऊर्जा के क्षेत्र में पारम्परिक विक्रेता-क्रेता संबंधों से और आगे बढ़ने का अवसर प्रदान किया जिसमें विविधीकृत होने तथा हाइड्रोकार्बन निर्यात श्रृंखला में मूल्य संवर्द्धन करने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इसलिए, भारत एक उर्वरक संयंत्र स्थापित करने में ब्रुनेई सरकार के साथ काम करने के इच्छुक है जो भारत में कृषि आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उर्वरक उत्पादन करने के लिए यहां उपलब्ध हाईड्रोकार्बन संसाधनों का उपयोग करेगा तथा अतिरिक्त राजस्व स्रोतों का सृजन करेगा और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देगा।

उपराष्ट्रपति ने “मेक इन इंडिया” एवं “डिजिटल इंडिया”; 100 स्मार्ट सिटी का सृजन तथा व्यापक सड़क एवं रेलवे उन्नयन और विस्तार परियोजनाओं जैसे कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए भारत के ढांचागत एवं विनिर्माण क्षेत्रों में ब्रुनेई से निवेश आमंत्रित किया। उपराष्ट्रपति ने ब्रुनेई में इसरो के टेलीमेट्री ट्रैकिंग एवं टेलीकमांड स्टेशन के जरिए भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए दी गई सहायता एवं सहयोग के लिए ब्रुनेई को धन्यवाद दिया। इसकी मंगल ग्रह के इर्द-गिर्द अंतरिक्ष मे मंगलयान की तैनाती में भारत की उल्लेखनीय सफलता में एक महत्वपूर्ण भूमिका थी। उपराष्ट्रपति ने सूचना प्रौद्योगिकी का भी एक ऐसे क्षेत्र के रूप में जिक्र किया, जिसमें भारत ने तेज प्रगति की है और जिसमें भारत ब्रुनेई के साथ अपने अनुभव तथा विशेषज्ञता को साझा करने का इच्छुक है। उपराष्ट्रपति ने विभिन्न क्षेत्रों में ब्रुनेई में भारतीय समुदाय के योगदानों का भी जिक्र किया।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र संघ एवं राष्ट्रकुल समेत अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में कई मुद्दों पर घनिष्टतापूर्वक एक-दूसरे के साथ सहयोग करते है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की बढ़ी हुई भूमिका एवं संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए इसकी उम्मीद्वारी की ब्रुनेई की समझ की भी सराहना की।

आतंक के खतरे को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह सभी शांति पसंद देशों के लिए एक चुनौती बन चुका है और भारत समान विचारधारा वाले देशों के मजबूत सहयोग के साथ इस खतरे का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध है।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More