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सभी पुलिस और पैरामिलेट्री फोर्सेस में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी, झांसी में ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ के उद्घाटन पर बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

देश-विदेश

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को झांसी में ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होने कहा कि यह पर्व जहां हमें भारत की गौरव गाथा से जोड़ता है, देश की स्वाधीनता के लिए हुए संग्रामों से जोड़ता है, वहीं यह भारत की आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ से भी जुड़ा हुआ है.

मैं बड़ी श्रद्धा के साथ, शीश झुकाकर, महारानी लक्ष्मीबाई के राष्ट्र-प्रेम, शौर्य, साहस और बलिदान को स्मरण करता हूं और उनकी स्मृतियों को नमन करता हूं.

रक्षामंत्री ने कहा, ‘भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में महारानी लक्ष्मीबाई का योगदान अतुलनीय है. जब अंग्रेजी हूकूमत के सामने एक के बाद एक देसी रियासतें घुटने टेक रही थीं तब महारानी लक्ष्मीबाई ने साफ-साफ कह दिया था कि ‘मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी. महारानी लक्ष्मीबाई ने बड़ी कम उम्र में अपनों को खोया, बच्चे को खोया और यहां तक कि अपना राज-पाट भी खोया मगर उन्होंने मान, सम्मान, स्वाभिमान को कभी नहीं खोया. यह भावना उनमें कूट-कूट कर भरी थी जो उन्हें शौर्य के शिखर पर स्थापित कर देती है.’

उन्होंने कहा, ‘रानी लक्ष्मीबाई की वीरता ने नारी शक्ति को एक नया आयाम दिया था. उन्होंने नारी शक्ति को पुन: जागृत किया था. नारी मे असीम शक्ति होने की भावना और विश्वास का संचार किया था. महारानी लक्ष्मीबाई के लिए उनका एक महिला होना रणभूमि में कभी बाधा नहीं बना. नारी के अबला होने विचार को हमारे समाज में बहुत लोग मान्यता देते हैं मगर उन्हें महारानी लक्ष्मी बाई, अन्वति बाई, झलकारी बाई जैसी वीरांगनाओं से सीखना चाहिए जिन्होंने रणभूमि में बहादुरी का परिचय दिया.’

सेना में भी महिलाओं के लिए हर बंद दरवाजे को खोला जा रहा है’

राजनाथ सिंह ने कहा, ‘जब नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया था तो उन्होंने भी 1942 में एक रानी लक्ष्मीबाई रेजीमेंट का गठन किया था. नेताजी सुभाष चन्द्र बोस भी यह मानते थे कि आजादी की लड़ाई आधी आबादी की भागीदारी के बिना अधूरी है. आजादी के बाद महिलाओं को राष्ट्र-रक्षा के काम में बहुत सक्रिय भागीदारी निभाने का मौका नहीं मिला. मगर अब हालात बहुत तेजी से बदल रहे हैं. विशेष रूप से जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की बागडोर संभाली है महिलाओं की हर फोर्स में भागीदारी बढ़ रही है. जब मैं देश का गृह मंत्री था, तो मैंने एक एडवाइजरी सभी राज्यों को जारी की थी कि सुरक्षा बलों में महिलाओं को 33 फीसदी प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए था. हालात बदले है. सभी पुलिस फोर्सज और पैरामिलेट्री फोर्सेस में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है.’

उन्होंने कहा, ‘अब सेना में भी महिलाओं के लिए हर बंद दरवाजे को खोला जा रहा है. हमने सेना के तीनों अंगों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई है. सैनिक स्कूलों में बच्चियों को भी एडमिशन दिया जा रहा है. अब तो पुणे में मौजूद, भारत की सबसे प्रतिष्ठित सैन्य प्रशिक्षण संस्थान नेशनल डिफेंस एकेडमी भी महिलाओं के लिए खोल दिया गया है. आप सबको यह जानकर हैरानी होगी कि पिछले दिनों, NDA में दाखिले के लिए देश भर से लगभग दो लाख लड़कियों ने प्रवेश परीक्षा दी है.’

डिस्क्लेमरः यह tv9 bharatvarsh न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ श्रमजीवी जर्नलिस्ट टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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