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मंत्री ने कहा कि यह योजना पूर्वोत्तर क्षेत्र के युवाओं के लिए गेम चेंजर साबित होगी

देश-विदेश

उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय, पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने आज कौशल विकास मंत्रालय द्वारा उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए एक विशेष कौशल विकास पहल- ट्रांसफॉर्मिंग लाइव्सबिल्डिंग फ्यूचर्स‘ – नॉर्थ ईस्ट में कौशल विकास और उद्यमिता के शुभारंभ में भाग लिया। इस मौके पर शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, कौशल विकास और उद्यमिता तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर भी उपस्थित थे।

मंत्री ने इस पहल के लिए कौशल मंत्रालय की सराहना की, जो क्षेत्र में कौशल विकास और उद्यमिता ईकोसिस्टम में नई जान डालेगा। उन्होंने आगे कहा कि यह कार्यक्रम क्षेत्र के 2.5 लाख युवाओं के लिए गेम चेंजर साबित होगा और उत्तर पूर्व क्षेत्र की आकांक्षाओं और सपनों को भी नए पंख लगाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि यह पहल न केवल युवाओं को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय नौकरी बाजार में एक विशिष्ट स्थान प्रदान करेगी, बल्कि उद्यमियों को उत्तर पूर्व को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए भी सशक्त बनाएगी।

श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि क्षेत्र में एक मजबूत कौशल और उद्यमिता ईकोसिस्टम स्थापित करने से कृषि, बागवानी, पर्यटन, सेवाओं, आईटी आदि क्षेत्रों में क्षेत्र की अपार संभावनाओं का दोहन करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि एक कुशल और प्रतिभाशाली कार्यबल पूर्वोत्तर क्षेत्र को भारत के विकास इंजन के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण होगा।

श्री रेड्डी ने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृढ़ विश्वास को दोहराया कि भारत उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास के बिना विकास नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे में अग्रणी प्रयास किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि पिछले 9 वर्षों में 5 लाख करोड़ से अधिक खर्च किए गए हैं, जिससे उत्तर पूर्वी क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास की गति तेज हो गई है।

बुनियादी ढांचे में कुछ उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि 2014 तक केवल 9 हवाई अड्डे थे, लेकिन आज उत्तर पूर्वी क्षेत्र में 17 हवाई अड्डे हैं, जिससे पर्यटन और गतिशीलता को बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा कि 1.02 लाख करोड़ से अधिक की सड़क परियोजनाओं पर काम चल रहा है और रेलवे कनेक्टिविटी के लिए लगभग 82,000 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं। उन्होंने काम की तेज गति का हवाला देते हुए कहा कि 121 रेलवे सुरंगों पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार 500 दिनों के भीतर पूर्वोत्तर क्षेत्र में पूर्ण दूरसंचार कनेक्टिविटी के लक्ष्य पर काम कर रही है – जिसका लक्ष्य 2023 के अंत तक है।

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