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रेल मंत्री ने ‘भारतीय रेलवे को कार्बन रहित करने- मिशन विद्युतीकरण’ पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने ‘भारतीय रेलवे को कार्बन रहित करने- मिशन विद्युतीकरण’ पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया, जिसे एसोचैम इंडिया की साझेदारी में रेल विद्युत अभियंता संस्थान (आईआरईई) ने आयोजित किया। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन श्री ए.के. मित्‍तल, रेलवे बोर्ड के सदस्‍य (संकर्षण) श्री अश्‍विनी कुमार कपूर, रेलवे बोर्ड के अन्‍य सदस्‍य और वरिष्‍ठ अधिकारीगण भी इस अवसर पर उपस्‍थित थे।

इस अवसर पर रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने एक मोबाइल एप ‘रेल सेवर’ लांच किया। इस एप से ऊर्जा खपत में 15-20 फीसदी की कमी आने की आशा है।

इस अवसर पर श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि भारतीय रेलवे अगले कुछ वर्षों में मौजूदा 28,000 किलोमीटर के अलावा 24,000 किलोमीटर और रेल लाइनों को विद्युतीकृत करके रेलवे को और ज्‍यादा हरित बनाए जाने को लेकर आशान्‍वित है। उन्‍होंने यह भी कहा कि ऊर्जा का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता होने के नाते भारतीय रेलवे लगभग 18 अरब विद्युत यूनिटों और तकरीबन 2.4 अरब लीटर र्इंधन ऑयल की खपत करती है, जो देश की कुल ऊर्जा खपत का लगभग 2 फीसदी है। भारतीय रेलवे की ऊर्जा मांग के वर्ष 2030 तक तिगुना हो जाने की आशा है। भारतीय रेलवे की विद्युत मांग का मौजूदा स्‍तर 49 अरब यूनिट है। रेलवे को कार्बन रहित करने से पेरिस समझौते के तहत भारत द्वारा व्‍यक्‍त की गई प्रतिबद्धता को पूरा करने में मदद मिलेगी। भारत ने पेरिस समझौते में ग्रीन हाउस गैस के उत्‍सर्जन को वर्ष 2005 के स्‍तर के मुकाबले वर्ष 2030 तक 33-35 फीसदी घटाने की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की है। उन्‍होंने यह भी कहा कि हरित ऊर्जा के उत्‍पादन और रेलवे के व्‍यापक विद्युतीकरण जैसे कदमों से रेलवे का स्‍वरूप काफी हद तक बदल जाएगा। विद्युतीकरण से आयातित तेल की खपत कम हो जाएगी, जिससे राजकोष पर बोझ घट जाएगा। उन्‍होंने यह भी कहा कि विद्युतीकरण की रफ्तार तेज होने से इसका र्इंधन बिल 10,000 करोड़ रुपये वार्षिक घट जाएगा।

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन श्री ए.के. मित्‍तल ने सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मिशन विद्युतीकरण के तहत 24,000 किलोमीटर और लंबी रेल लाइनों को विद्युतीकृत कर देने से भारतीय रेलवे के अधीनस्‍थ लगभग 90 फीसदी रेल लाइनें विद्युतीकृत हो जाएंगी। कम ऊर्जा खपत वाले उपकरणों/उपस्‍करों के उपयोग के जरिए मिशन विद्युतीकरण के तहत ऊर्जा की खपत घटाई जाएगी। उन्‍होंने यह भी कहा कि भारतीय रेलवे ने वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा के जरिए संचयी विद्युत उत्‍पादन क्षमता का 40 फीसदी हासिल करने का लक्ष्‍य रखा है।

रेलवे बोर्ड के सदस्‍य (संकर्षण) श्री अश्‍विनी कुमार कपूर ने कहा कि भारतीय रेलवे ने आयातित ईंधन पर निर्भरता घटाने और रेलवे के लिए ऊर्जा की लागत को तर्कसंगत बनाने के लिए ‘कार्बन रहित करने के मिशन’ के साथ-साथ ‘मिशन विद्युतीकरण’ शुरू किया है।

‘भारतीय रेलवे को कार्बन रहित करने- मिशन विद्युतीकरण’ पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के बारे में पृष्‍ठभूमि :

• इस सम्मेलन का उद्देश्य विभिन्न हितधारकों को एक साझा मंच पर लाना है, ताकि विचारों का आदान-प्रदान हो सके और इसके साथ ही विद्युतीकरण की गति में उल्लेखनीय वृद्धि करने और वर्ष 2020 तक 1000 मेगावाट की कुल क्षमता के साथ नवीकरणीय ऊर्जा के संयंत्रों की स्थापना के लक्ष्य को पाने के लिए विभिन्न अमल योग्य प्रौद्योगिकी समाधानों एवं वित्तीय विकल्पों पर विचार किया जा सके।

• इसके अलावा, भारतीय रेलवे के विद्युतीकृत नेटवर्क और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग की दिशा में अगले पांच वर्षों के दौरान भारी-भरकम निवेश से जुड़ी इसकी योजना को ध्यान में रखते हुए सम्मेलन में भारतीय रेलवे को एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में पेश किया जाएगा।

• सम्मेलन के दौरान नीति, तकनीकी आधुनिकीकरण, यंत्रीकरण, नवाचार और रेलवे के विद्युतीकरण एवं इसे कार्बन रहित बनाने के मॉडल के वित्त पोषण के विभिन्न पहलुओं को भी कवर किया जाएगा।

• राष्ट्रीय परिवहन विकास नीति समिति (एनटीडीपीसी) ने अपनी रिपोर्ट में रेलवे ट्रैकों के विद्युतीकरण की पहचान ईंधन की खपत को कम करने के एक साधन के रूप में की है। रिपोर्ट में विद्युतीकरण परियोजनाओं की प्रगति की राह में मौजूद बाधाओं को समुचित तरीके से दूर करते हुए प्राथमिकता के आधार पर विद्युतीकरण के कार्य को आगे बढ़ाने की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि विद्युतीकरण को एक ऐसे साधन के रूप में देखा जाना चाहिए, जिससे रेल परिवहन को आयातित जीवाश्म ऊर्जा की निर्भरता से मुक्त किया जा सकता है। इसके साथ ही यह ऊर्जा की प्राप्ति में एक विकल्प की भी पेशकश करता है।

• ऊर्जा के टिकाऊ एवं हरित स्रोतों के उपयोग के जरिए कार्बन स्तर में कमी किए जाने पर भी ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है।

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