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जनप्रतिनिधि के रूप में एक जनसेवक का जीवन अत्यन्त संघर्षमय होता, उसे पग-पग पर अग्नि परीक्षा देनी होती: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल, उत्तर प्रदेश विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष तथा पूर्व सदस्य श्री केशरी नाथ त्रिपाठी तथा प्रदेश की वर्तमान विधान सभा के सदस्य श्री राहुल प्रकाश कोल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। आज विधान सभा में प्रस्तुत शोक प्रस्ताव पर विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि के रूप में एक जनसेवक का जीवन अत्यन्त संघर्षमय होता है। उसे पग-पग पर अग्नि परीक्षा देनी होती है। बहुत से ऐसे लोग जिनके पास विजन तथा प्रतिभा होती है, वे राजनीतिक जीवन में आने में संकोच करते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्री केशरी नाथ त्रिपाठी जी का निधन 08 जनवरी, 2023 को 88 वर्ष की अवस्था में हुआ। उन्होंने देश व प्रदेश की महत्वपूर्ण सेवा की। श्री केशरी नाथ त्रिपाठी बहुमुखी प्रतिभा के धनी, मृदुभाषी तथा जनप्रिय नेता थे। उन्होंने अपने प्रारम्भिक जीवन की शुरुआत एक अधिवक्ता के रूप में की थी। वे एक कुशल राजनीतिज्ञ, विधि एवं संवैधानिक मामलों के विशेषज्ञ तथा संसदीय प्रक्रियाओं के मर्मज्ञ थे। उनका उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक दीर्घ अनुभव था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्री केशरी नाथ त्रिपाठी इस सम्मानित सदन के 06 बार सदस्य निर्वाचित हुए थे। सर्वप्रथम वर्ष 1977 मंे वे जनता पार्टी के टिकट पर झूंसी, प्रयागराज से विधान सभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। इसके बाद वर्ष 1989, 1991, 1993, 1996 तथा वर्ष 2002 में वे भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर प्रयागराज से विधान सभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए। श्री केशरी नाथ त्रिपाठी, श्री राम नरेश यादव मंत्रिमण्डल के सदस्य रहे। अपने संसदीय ज्ञान, सर्वग्राह्यता तथा न्यायप्रियता के कारण वे वर्ष 1991, 1997 तथा 2002 में तीन बार विधान सभा के अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचित हुए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विधान सभा अध्यक्ष के रूप मंे केशरी नाथ त्रिपाठी ने इस सदन का गरिमापूर्ण तरीके से तथा सफलता के साथ संचालन किया। उन्होंने अध्यक्ष पीठ से महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए। श्री केशरी नाथ त्रिपाठी जुलाई 2014 से जुलाई, 2019 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पद पर आसीन रहे। उन्हें बिहार, मेघालय तथा मिजोरम राज्य का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया। वे प्रतिष्ठित विधिवेत्ता भी थे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय मंे वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में उन्होंने कार्य किया। वे बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे। वे लोक सभा द्वारा गठित विधायिका, न्यायपालिका तथा सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध बनाये रखने सम्बन्धी समिति के सदस्य भी रहे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्री केशरी नाथ त्रिपाठी की राजनीतिक तथा संवैधानिक विषयों के साथ ही साहित्यिक क्षेत्र में भी गहरी रुचि थी। उन्होंने हिन्दी भाषा तथा साहित्य के उन्नयन के लिए महत्वपूर्ण कार्य किये। उन्होंने अनेक काव्य तथा दोहा संग्रहों की रचना की। हिन्दी भाषा व साहित्य के क्षेत्र मंे किये गये उत्कृष्ट कार्य हेतु उन्हें ‘हिन्दी गरिमा सम्मान’, ‘आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान’, ‘साहित्य वाचस्पति’, ‘बागेश्वरी’, ‘काव्य कौस्तुभ सम्मान’ सहित अनेक सम्मानों सेे विभूषित किया गया। वे उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष रहे। वे प्रान्तीय, राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेक शैक्षणिक, साहित्यिक, विधायी तथा संसदीय संस्थाओं से सम्बद्ध रहे। श्री केशरी नाथ त्रिपाठी को न्याय, संवैधानिक विषयों सहित साहित्य, राजनीति तथा सामाजिक क्षेत्र में किये गये उनके योगदान के लिए ‘चाणक्य’, ‘भारत गौरव’, ‘उत्तर प्रदेश रत्न’ तथा ‘विकास पुरुष’ उपाधियों से सम्मानित किया गया। श्री केशरी नाथ त्रिपाठी का निधन उत्तर प्रदेश की राजनीति के साथ ही भारतीय राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्री राहुल प्रकाश कोल का 02 फरवरी, 2023 को लगभग 40 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका असमय निधन हम सभी के लिए दुःखद है। श्री कोल एक युवा राजनीतिज्ञ थे। वे अल्पायु में ही इस सदन के दो बार सदस्य निर्वाचित हुए थे। वे छात्र जीवन से ही राजनीति मंे सक्रिय रहे। वर्ष 2017 तथा वर्ष 2022 में लगातार दूसरी बार इस सम्मानित सदन के सदस्य रहे। वे अत्यन्त विनम्र, व्यवहार कुशल तथा समर्पित जननेता थे। अपने विधान सभा क्षेत्र के साथ ही सम्पूर्ण जनपद एवं गरीबों, वंचितों तथा वनवासी क्षेत्र के विकास के लिए सतत प्रयत्नशील रहे। वे अपने क्षेत्र में अत्यन्त लोकप्रिय जननेता थे। श्री राहुल प्रकाश कोल के निधन से प्रदेश ने एक युवा नेता व कुशल राजनीतिज्ञ खो दिया है। उनका निधन समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
मुख्यमंत्री जी ने पूर्व विधान सभा सदस्यों श्री राम चरण त्रिपाठी, श्री अमरनाथ यादव, श्री जगन्नाथ सिंह परमार, श्री त्रिलोकीराम, श्री मथुरा प्रसाद तिवारी, श्री ब्रजेन्द्रपाल सिंह, श्री विजय बहादुर पाल, श्री सत्य प्रकाश, श्री विक्रमाजीत मौर्य, श्री सुन्दर लाल दीक्षित, श्री जसवीर सिंह, श्री संजीव राजा, श्री बनवारी लाल दोहरे तथा श्री रामस्वरूप सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके परिजनों के प्रति भी संवेदना व्यक्त की।

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