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बजट में वृद्धि किए गए पूंजीगत व्यय का अर्थव्यवस्था पर 3-4 गुना गुणक प्रभाव पड़ेगा: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल

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केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, कपड़ा एवं उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि केंद्रीय बजट 2022-23 में मांग प्रोत्साहन पर ध्यान केंद्रित किया गया है और पूंजीगत व्यय में वृद्धि से मांग और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि पूंजीगत व्यय को 35 प्रतिशकी की वृद्धि के साथ 7.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक कर दिया गया है। बुनियादी परियोजनाओं के वित्तपोषण में सहायता के लिए राज्यों को ब्याज मुक्त 50 वर्षीय ऋण के रूप में 1 लाख करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। केंद्र और राज्य दोनों के लिए 10.5 लाख करोड़ का सार्वजनिक व्यय निर्धारित किया गया हैं। मंत्री महोदय ने कहा कि बजट 2022 में प्रदान 10.5 लाख करोड़ रुपये के बढ़ाये गए पूंजीगत व्यय से आर्थिक गतिविधियों में कम से कम 3-4 गुना गुणक प्रभाव होने की आशा है।

केन्द्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयन ने यह विचार आज 5 फरवरी, 2022 को मुंबई के बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में केंद्रीय बजट पर उद्योग जगत से हुए वार्तालाप के दौरान व्यक्त किए।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/Goyal5.JPEGL4Z3.png

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि आयात के आंकड़ों में वृद्धि हो रही है, जो मांग में सुधार का संकेत दे रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रदान किए गए पूंजीगत व्यय के साथ, यह कारोबार के विस्तार और नए व्यापार अवसरों के लिए व्यापक अवसरों का सृजन करता है।

केंद्रीय मंत्री श्री गोयल ने कहा कि भारत कर संग्रह, औद्योगिक उत्पादन, उपभोक्ता मांग के मामले में तेजी से सुधार का साक्षी बन रहा है। उन्होंने कहा कि 2022-23 के बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है। सरकार ने परंपरागत राजस्व आंकलनों का अनुमान लगाया है। उन्होंने कहा कि हम हर विभाग की व्यय जरूरतों को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि बजट 2022 ने पर्याप्त वित्त पोषण प्रदान किया है ताकि अगले वर्ष आर्थिक विकास की दर 8 प्रतिशत से अधिक बनी रहे और कम से कम दो दशकों के विकास, और यह सुनिश्चित करनेके लिए आशान्वित हैसमृद्धि का प्रवाह सभी के लिए निरंतर जारी रह सके।

केंद्रीय मंत्री श्री गोयल ने बजट में पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि इस योजना से हमें बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए अधिक कुशलता से योजना बनाने और रसद लागत को कम करने में मदद मिलेगी।

श्री गोयल ने कहा कि भारत ने कोविड-19 की अवधि के दौरान भी एक भी अंतरराष्ट्रीय दायित्व को हमेशा निभाया है। उन्होंने डिजिटल इंडिया को धन्यवाद देते हुए कहा कि ब्रॉडबैंड विस्तार पर दिए गए जोर सेहम दुनिया के किसी भी हिस्से में सेवाएं प्रदान करने मेंनिरंतरता बनाए रखने में सक्षम रहे हैं।

श्री पीयूष गोयल ने उद्योग जगत से व्यापारिक क्षेत्र और सेवा क्षेत्र को शीर्ष पर पहुंचाने की दौड़ में शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 400 अरब डॉलर के व्यापारिक निर्यात और 240 अरब डॉलर के सेवा निर्यात दोनों को 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य होना चाहिए।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने उद्योग के साथ विचारों को साझा करते हुए कहा कि महामारी के बावजूद, इस वर्ष हमारी सेवाओं के निर्यात का आंकड़ा 240 बिलियन डॉलर को पार कर जाएगा, जो भारत के इतिहास में अब तक का सर्वाधिक है।

केन्द्रीय मंत्री ने ध्यान दिलाया कि भारत के निर्यात लक्ष्य को निर्धारित करने के लिए प्रधानमंत्री ने 180 देशों में उद्योग और विदेशी मिशनों के परामर्श से अपनी तरह का पहला धरातल से शीर्ष तक पहुँचने का दृष्टिकोण अपनाया। श्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी देते हुए प्रसन्नता जताई कि 10 महीने लगातार 30 अरब डॉलर से अधिक के निर्यात के कारण 31 जनवरी तक, भारत पहले ही 336 अरब डॉलर की निर्यात उपलब्धि हासिल कर चुका है।

रत्न एवं आभूषण उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ वार्तालाप करते हुए श्री गोयल ने कहा कि ज्वैलर्स का पंजीकरण आजीवन कर दिया गया है।

वाणिज्य मंत्री ने उद्योग जगत से इस निर्यात चुनौती को स्वीकार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि दुनिया साधारण लोगों के लिए नहीं बल्कि साहसी लोगों के लिए है। उन्होंने कहा कि जब हम सभी अपने सामूहिक ज्ञान और नए भारत के लिए किए जा रहे प्रयासों के साथ मिलकर कार्य करते हैं, तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि 2047 में हम विकसित और समृद्ध भारत इंडिया@100 के लक्ष्य को पूर्ण करने की दिशा में पूरी तरह से आशान्वित हैं।

इस वार्तालाप को यहां देखा जा सकता है:https://youtu.be/5gnNaTELDJA

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