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उग्रवाद से निपटने में कामयाब रही है सरकारः राजनाथ सिंह

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: देश में फैले आतंकवाद, माओवाद और उग्रवाद की तमाम चुनौतियों से निपटने में मौजूदा केन्द्र सरकार कामयाब रही है। देश की सीमाओं के साथ

ही आंतरिक सुरक्षा भी काफी अहम है क्योंकि अगर देश सुरक्षित नहीं होगा तो देश के विकास का स्वप्न भी साकार नहीं हो सकेगा। यह बातें आज लखनऊ के गोमती नगर में केन्द्रीय गृहमंत्री माननीय राजनाथ सिंह ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय भवन औऱ आवासीय परिसर की आधार ईंट रखते हुए कहीं।

इस मौके पर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए की कार्यकुशलता की तारीफ करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि एनआईए ने जटिल मामलों की जांच में अपनी कुशल क्षमता का परिचय दिया है। अपराध की तहकीकात में 95 फीसदी और दोषियों को सजा दिलाने में एनआईए का प्रतिशत लगभग 92 फीसदी रहा है लेकिन ये किसी भी सूरत में 100 फीसदी सफलता से कहीं कम नहीं माना जायेगा। चूंकि अपराधी आज के युग में हाईटेक हो चुके हैं लिहाजा उनके तहकीकात का तरीका भी हाईटेक करना पड़ेगा जिसके लिए एनआईए बिल्कुल सही दिशा में काम कर रही है। नये भवन में ये संस्था आधुनिक प्रणाली का उपयोग और भी प्रभावी तरीके से अपराध को रोकने के लिए कर सकेगी।

केन्द्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि इस समय दुनिया के सामने आईएसआईएस की चुनौती है लेकिन भारत में इसका कोई खतरा नहीं है क्योंकि यहां की तहजीब औऱ जीवन मूल्य ही युवाओं को इस संगठन में जाने से रोकते हैं।

इस मौके पर उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय राज्यमंत्री जंतु, उद्यान एवं चिकित्सा विभाग डॉ. शिव प्रताप यादव ने कहा कि राज्य सरकार सभी केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। जैसे ही केन्द्र सरकार द्वारा एनआईए के भवन के लिए भूमि की मांग की गई तो सरकार द्वारा इसे तुरंत मुहैया करा दिया गया।

कार्यक्रम में एनआईए की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए एनआईए के महानिदेशक श्री शरद कुमार ने बताया कि मुंबई धमाकों के बाद देश में एक एकीकृत प्रोफेशनल जांच एजेंसी की जरूरत महसूस की गई औऱ इसीलिए 19 जनवरी 2009 में एनआईए का गठन किया गया। ये एजेंसी उग्रवाद, माओवाद और आतंकवाद से जुड़े तमाम अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों को देखती है। एजेंसी ने विगत 6 सालों में 112 मामलों की जांच की है। एनआईए की लखनऊ शाखा 20 मई 2012 को स्थापित हुई थी जो उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार औऱ झारखंड राज्यों से संबंधित आतंकवादी घटनाओं का विश्लेषण करती है। फिलहाल संस्था का कार्यालय किराये पर था लेकिन ये भवन सिर्फ 18 माह में तैयार करने का लक्ष्य है जिस पर 52 करोड़ रुपये का खर्चा आयेगा।

कार्यक्रम में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, केन्द्रीय अर्धसैनिक बल, भारतीय सेनाओं के पुलिस अधिकारियों और पुलिस संगठनों तथा अन्य सरकारी विभागों के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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