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सरकार कोविड-19 से संबंधित प्रत्येक आवश्यक दवा की आपूर्ति की निगरानी कर रही है

देश-विदेश

राज्यमंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने आज इस बात के लिए आश्वस्त किया कि सरकार कोविड-19 से संबंधित प्रत्येक आवश्यक दवा की आपूर्ति की निगरानी कर रही है। उत्पादन और आयात में वृद्धि के जरिए कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली सभी दवाएं अब भारत में उपलब्ध हैं। आपूर्ति श्रृंखला के प्रबंधन, मांग पक्ष के प्रबंधन और खरीदे जा सकने लायक कीमत की त्रिस्तरीय रणनीति को लागू करके इन दवाओं की उपलब्धता की निगरानी की जा रही है।

प्रोटोकॉल वाली दवाएं:

  1. रेमडेसिविर
  2. एनोक्सापरिन
  3. मिथाइल प्रेडनिसोलोन
  4. डेक्सामिथासोन
  5. टोसीलिजुमाब
  6. आइवरमेक्टिन

गैर-प्रोटोकॉल वाली दवाएं:

  1. फेविपिराविर
  2. एम्फोटेरिसिन
  3. एपीक्साबन

सीडीएससीओ और एनपीपीए उत्पादन बढ़ाने और मौजूदा स्टॉक, मौजूदा क्षमता एवंमई,2021 के लिए अनुमानित उत्पादन के बारे में आंकड़े प्राप्त करने के लिए उत्पादकों के साथ समन्वय कर रहे हैं।

  1. रेमडेसिविर:
  • रेमडेसिविर का उत्पादन करने वाले संयंत्रों की संख्या 20 से बढ़कर 60 हो गई है जिसके कारण सिर्फ 25 दिनों में दवा की उपलब्धता 3 गुना से अधिक हो गई है।
  • उत्पादन 10 गुना बढ़ गया है, अप्रैल 2021 में 10 लाख खुराक प्रति माह से बढ़कर मई 2021 में 1 करोड़ खुराक प्रति माह तक जा पहुंचा।
  1. टोसीलिजुमाब इंजेक्शन:
  • सामान्य समय के मुकाबले 20 गुना ज्यादा आयात कर इसे देश में उपलब्ध कराया गया है।
  1. डेक्सामिथासोन 0.5 मिलीग्राम की गोलियां:
  • एक महीने के भीतर उत्पादन 6-8 गुना बढ़ाया गया।
  1. डेक्सामिथासोन इंजेक्शन का उत्पादन लगभग दोगुना बढ़ाया गया।
  2. एनोक्सापरिन इंजेक्शन का उत्पादन महज एक महीने के भीतर चार गुना बढ़ाया गया।
  3. मिथाइल प्रेडनिसोलोन इंजेक्शन:

•एक महीने के भीतर उत्पादन लगभग तिगुना बढ़ाया गया।

  1. आइवरमेक्टिन 12 मिलीग्राम की गोली का देश में उत्पादन एक महीने के भीतर 5 गुना बढ़ाया गया, जोकि अप्रैल 2021 में 150 लाख से बढ़कर मई, 2021 में 770 लाख हो गया।
  2. फेविपिराविर:
  • एक गैर-प्रोटोकॉल वाली दवा, लेकिन इसका उपयोग वायरस के भार को कम करने के लिए किया जाता है।
  • एक महीने के भीतर उत्पादन 4 गुना बढ़ाया गया।
  • उत्पादन अप्रैल 2021 में 326.5 लाख से बढ़करमई में 2021 से 1644 लाख तक जा पहुंचा।
  1. एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन:
    • एक महीने में उत्पादन 3 गुना बढ़ा
    • 3.80 लाख खुराकों का उत्पादन हो रहा है और
    • 3 लाख खुराकों का आयात किया जा रहा है
    • देश में कुल 6.80 लाख खुराकें उपलब्ध होंगी

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