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सरकार युवाओं के नेतृत्‍व वाले विकास पर ध्‍यान दे रही है: सर्बानंद सोनोवाल

देश-विदेश

नई दिल्ली: युवा मामले और खेल (स्‍वतंत्र प्रभार) राज्‍य मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में सरकार युवाओं के नेतृत्‍व वाले विकास पर ध्‍यान दे रही है। सरकार का पक्‍के तौर पर यह मानना है कि युवा विकास की प्रक्रिया को निष्क्रिय रूप से ग्रहण करने वाले नहीं होने चाहिए, बल्कि उसके सक्रिय वाहक होने चाहिए। ”शासन के सभी स्‍तरों पर युवाओं की भागीदारी सुगम बनाना” भारत की वर्तमान राष्‍ट्रीय युवा नीति के प्रमुख उद्देश्‍यों में से एक है।

आज यहां एशिया क्षेत्र के राष्‍ट्रमंडल देशों के युवा मंत्रियों की बैठक में उन्‍होंने कहा कि शासन की प्रक्रिया मे युवाओं की भागीदारी वर्तमान भारत सरकार के लिए विश्‍वास का विषय है। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की निजी पहल के रूप में पोर्टल MyGov.nic.in बनाया गया है, जिस पर युवा शासन के व्‍यापक मामलों पर अपने सुझाव दे सकते हैं। सरकार के मंत्री विभिन्‍न ऑनलाइन और ऑफलाइन चैनलों का इस्‍तेमाल करते हुए नीतिगत मसलों पर युवाओं से परामर्श कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि युवा मामलों पर सरकार को राय देने के लिए राष्‍ट्रीय युवा सलाहकार परिषद का गठन किया गया है। इस परिषद में प्रत्‍येक राज्‍य/संघ शासित प्रदेश से युवाओं का प्रतिनिधित्‍व होगा।

श्री सर्वानंद सोनोवाल के भाषण का मूल पाठ निम्‍नलिखित है:

”सबसे पहले मैं महान शिक्षक, राजनेता, दृष्‍टा डॉ. ए पी जे अब्‍दुल कलाम को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहता हूं, जिनके निधन ने पूरे राष्‍ट्र को स्‍तब्‍ध कर दिया है। राष्‍ट्र अभी तक इस महान आत्‍मा की क्षति से शोकाकुल है।

एशिया क्षेत्र के राष्‍ट्रमंडल देशों के युवा मंत्रियों की इस प्रथम बैठक में मैं आप सभी का हार्दिक स्‍वागत करता हूं। यह सर्वथा उपयुक्‍त है कि अप्रैल 2013 में पापुआ‍ न्‍यू गिनी में आठवीं राष्‍ट्रमंडल युवा मंत्रियों की बैठक में, अन्‍य बातों के साथ-साथ युवाओं के विकास सम्‍बन्‍धी क्षेत्रीय प्राथमिकताओं पर परामर्श करने के लिए चार साल में एक बार होने वाली इस बैठक के बीच में क्षेत्रीय स्‍तर की बैठकें आयोजित करने का फैसला किया गया। हमारा सौभाग्‍य है कि हम एशिया क्षेत्र के लिए ऐसी पहली क्षेत्रीय बैठक की मेजबानी कर रहे हैं।

इस सम्‍मेलन का विषय ”निरन्‍तर विकास के केन्‍द्र में युवाओं की भागीदारी” बेहद महत्‍वपूर्ण है। युवा समाज का सबसे ऊर्जावान और गतिशील वर्ग है। युवा विश्‍व का भविष्‍य हैं। सौभाग्‍य से आज विश्‍व में किसी भी दौर से ज्‍यादा युवाओं की आबादी है। विश्‍व के युवाओं की लगभग 60 प्रतिशत आबादी 15-24 वर्ष के आयु वर्ग में एशिया में रहती है, इनमें से अधिकांश राष्‍ट्रमंडल के सदस्‍य देश हैं। भारत में, लगभग 65 प्रतिशत आबादी की आयु 35 साल से कम है। ये जनसांख्यिकीय लाभांश महान अवसर की पेशकश करता है।

हमारे सामने युवाओं का विकास करने और उन्‍हें सशक्‍त बनाने, उनकी समस्‍त क्षमताओं का एहसास कराने और उनके देशों के विकास में उनका योगदान कराने की चुनौती है। इसमें अन्‍य बातों के साथ-साथ युवाओं को सही शिक्षा प्रदान करना, उन्‍हें रोजगार दिलाने के लिए जरूरी कौशल सिखाना, उद्यमियों के रूप में उनका विकास करना, उन्‍हें स्‍वस्‍थ बनाना और उनमें सही सामाजिक और नैतिक मूल्‍यों को अंतर्विष्‍ट करना शामिल है। युवा शांति के महान संदेशवाहक हो सकते हैं। प्रत्‍येक देश में कुछ ताकतें और कुछ कमजोरियां हैं। अपनी कमजोरियां दूर करने के लिए हमें दूसरे देशों की ताकतों से सबक लेना चाहिए।

सतत मानव मूल्यों के साथ सफलता विश्‍व में मानव समाज की वास्‍तविक प्रगति के साथ सदैव मददगार होती है। पूरे विश्‍व में ऐसा माना जाता है कि विकास की प्रकिया में युवाओं को महत्‍वपूर्ण भूमिका निभानी है। युवाओं ने माई वर्ल्‍ड सर्वे, राष्‍ट्रीय परामर्शों आदि में भागीदारी के माध्‍यम से ”2015 के बाद सतत विकास की कार्यसूची” को आकार देने में बहुमूल्‍य योगदान दिया है। विभिन्‍न अंतर्राष्‍ट्रीय मंचों पर युवाओं की भागीदारी बढ़ रही है। हाल के ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन से पहले ब्रिक्‍स युवा शिखर सम्‍मेलन हुआ था और ब्रिक्‍स के सदस्‍य देशों के युवाओं ने ब्रिक्‍स नेताओं को बहुत उपयोगी जानकारियां दीं। मुझे खुशी है कि क्षेत्रीय बैठकों के लिए राष्‍टमंडल भी इसी तरह की संरचना का अनुकरण कर रहा है और अलग से युवा नेताओं का मंच आयोजित किया गया है। मुझे यकीन है कि मंत्री युवा मंच से मिली जानकारी को बेहद विवेकपूर्ण और महत्‍वपूर्ण पाएंगे।

भारत में, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी की अगुवाई वाली सरकार युवाओं के नेतृत्‍व वाले विकास पर ध्‍यान दे रही है। सरकार का पक्‍के तौर पर यह मानना है कि युवा विकास की प्रक्रिया को निष्क्रिय रूप से ग्रहण करने वाले नहीं होने चाहिए, बल्कि उसके सक्रिय वाहक होने चाहिए। ”शासन के सभी स्‍तरों पर युवाओं की भागीदारी सुगम बनाना” भारत की वर्तमान राष्‍ट्रीय युवा नीति के प्रमुख उद्देश्‍यों में से एक है।

दरअसल, शासन की प्रक्रिया मे युवाओं की भागीदारी वर्तमान भारत सरकार के लिए विश्‍वास का विषय है। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की निजी पहल के रूप में पोर्टल MyGov.nic.in बनाया गया है जिस पर युवा शासन के व्‍यापक मामलों पर अपने सुझाव दे सकते हैं। सरकार के मंत्री विभिन्‍न ऑनलाइन और ऑफलाइन चैनलों का इस्‍तेमाल करते हुए नीतिगत मसलों पर युवाओं से परामर्श कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि युवा मामलों पर सरकार को राय देने के लिए राष्‍ट्रीय युवा सलाहकार परिषद का गठन किया गया है। इस परिषद में प्रत्‍येक राज्‍य/संघ शासित प्रदेश से युवाओं का प्रतिनिधित्‍व होगा।

इस गरिमापूर्ण सदन को यह सूचित करते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है कि भारत में शासन में युवाओं की भागीदारी का बढ़ावा देने की दिशा में हाल ही में ”क्षेत्रीय युवा संसद” कार्यक्रम के रूप में एक बेहद महत्‍वपूर्ण पहल की गई है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत गांवों पर आधारित युवा क्‍लबों को युवा संसदों के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाया जा रहा है। प्रारम्‍भ में प्रखंड स्‍तरीय युवा संसद कार्यक्रमों के माध्‍यम से युवा क्‍लब के नेताओं का क्षमता निर्माण किया गया है और उसके बाद, उनसे इसी तरह के कार्यक्रम अपने युवा क्‍लबों में आयोजित कराने की अपेक्षा है। क्षेत्रीय युवा संसद कार्यक्रमों में युवाओं को सामान्‍य रूप से स्‍थानीय समुदायों और विशेषकर युवाओं से सम्‍बन्धित समकालीन सामाजिक-आर्थिक विकास के मसलों से अवगत कराया जाता है और उन्‍हें ऐसे मसलों पर बहस/चर्चा में शामिल किया जाता है। युवा इन कार्यक्रमों के माध्‍यम से स्‍थानीय प्रशासन और निर्वाचित निकायों को सुझाव दे सकते हैं।

मुझे यकीन है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र का प्रत्‍येक राष्‍ट्रमंडल देश विकास की प्रक्रिया में युवाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए नई-नई पहलें कर रहा है। ये सम्‍मेलन हमें अपनी सर्वोत्‍तम पद्धतियों को साझा करने और एक-दूसरे से सीखने का अनोखा मंच उपलब्‍ध कराता है।

हमने अपने सम्‍मानित अतिथियों के लिए सर्वोत्‍तम प्रबन्‍ध किए हैं। हमें आशा है कि भारत में आपका प्रवास खुशगवार रहेगा। कृपया भारत को समझने के लिए कुछ वक्‍त निकालने की कोशिश करें।

मुझे यकीन है कि अगले दो दिनों में हम लोग बहुत उपयोगी विचार-विमर्श करेंगे। सम्‍मेलन के अंत में, एशिया क्षेत्र के युवाओं के सशक्तिकरण और वैश्विक निरन्‍तर विकास कार्यसूची में एशियाई युवाओं की चिन्‍ताओं को व्‍यक्‍त करने के लिए ठोस सिफारिशें करेंगे।

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