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केन्द्र सरकार ने दो टूक कहा…विदेशों में रखे गये कालेधन का आधिकारिक अनुमान नहीं

देश-विदेश

नई दिल्ली: विदेशों में छुपाकर रखे गये कालेधन का अब तक आधिकारिक अनुमान नहीं लगाया जा सका है, फिर भी देश के भीतर और बाहर बेहिसाबी आय और सम्पत्ति के संबंध में एक अध्ययन कराया गया है तथा इसे संसद की वित्त संबंधी स्थायी समिति को सौंप दिया गया है।

वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि विदेशों में रखे गये कालेधन का आधिकारिक अनुमान नहीं लगाया गया है, लेकिन देश के बाहर और भीतर बेहिसाबी आय एवं सम्पत्ति को लेकर राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान, राष्ट्रीय अनुप्रयुक्त आर्थिक संस्थान परिषद तथा राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान से अध्ययन कराया गया है। सरकार के उत्तर के साथ अध्ययन रिपोर्ट संसद की वित्त संबंधी स्थायी समिति को दे दिया गया है। श्री गोयल ने कहा कि दो लाख शेल कम्पनियों का पंजीयन रद्द कर दिया गया है, जिनमें से केवल 5000 कम्पनियां वापस आ सकी हैं। इसके बाद 80000 शेल कम्पनियों को नोटिस जारी किया गया है तथा बेनामी सम्पत्तियों का पता लगाया जा रहा है। शेल कम्पनियों के खिलाफ आयकर भी कार्रवाई कर रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि स्विटजरलैंड में जमा कालेधन के बारे में जानकारी मिलनी शुरु हो गयी हैं।

एचएसबीसी बैंक से कालेधन को लेकर जो सूची आयी है उसकी जानकारी मिलने में दिक्कत आ रही है। स्विटजरलैंड की उच्चतम न्यायालय में एक मामला चल रहा था जिसने दस दिन में जानकारी देने का आदेश दिया है। एचएसबीसी बैंक की सूजी मामले में 199 शिकायतें दर्ज करायी गयी है। पनामा मामले में 426 नाम आये हैं, जिनमें से 62 के खिलाफ जांच की जा रही है तथा कालेधन को लेकर नोटिस जारी किये गये हैं।

श्री गोयल ने कहा कि सरकार के प्रयासों से आयकर देने वाले लोगों की संख्या बढी है और पिछले चार साल में यह वृद्धि 75 प्रतिशत की वृद्धि हुयी है। कालेधन के मामलों पर कठोर कार्रवाई की जा रही है और विदेश में इससे प्रतिष्ठा बढी है। पिछले चार साल के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढा है। रॉयल बुलेटिन

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