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‘पी0एम0 गति शक्ति’ का उद्देश्य सम्पूर्ण अवस्थापना सुविधाओं का विकास: सीएम

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 13 अक्टूबर, 2021 को देश की पहली महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय अवस्थापना महायोजना ‘पी0एम0 गति शक्ति’ लाॅन्च की गई। ‘पी0एम0 गति शक्ति-नेशनल मास्टर प्लान फाॅर मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी’ का उद्देश्य सम्पूर्ण अवस्थापना सुविधाओं का विकास तथा मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी को एक प्लेटफाॅर्म पर लाकर विभिन्न योजनाओं हेतु क्लीयरेन्स प्रदान करना है, जिससे संसाधनों का पूर्ण उपयोग, क्षमता का पूर्ण विकास तथा विभिन्न कार्यों का तुरन्त समाधान हो सके। राज्य स्तर पर ‘गति शक्ति पोर्टल’ को लाॅन्च किए जाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न एजेन्सियों को आपसी समन्वय स्थापित करते हुए डाटा एकत्र करने और उसे अद्यतन किए जाने के सम्बन्ध में प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज का यह आयोजन इस अभियान को अलग-अलग जोन में गति देने के लिए आयोजित किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में केन्द्रीय दूर संचार विभाग और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित पी0एम0 गति शक्ति नाॅर्थ रीजन काॅन्फ्रेन्स को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में उत्तर प्रदेश द्वारा 16 विभागों/एजेन्सियों की परियोजनाओं का एकीकरण किया जा रहा है। द्वितीय चरण में राज्य सरकार के 11 विभागों/एजेन्सियों को ‘गति शक्ति पोर्टल’ पर एकीकृत किए जाने हेतु चिन्हित किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा, भास्कराचार्य नेशनल इन्स्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशन्स एण्ड जियो इनफॉरमेटिक्स तथा रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन सेण्टर से समन्वय कर, ए0पी0आई0/लिंक पर वर्तमान में उपलब्ध डाटाबेस को ‘गति शक्ति पोर्टल’ पर तेजी से लिंक किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने विकास को गति देने के लिए सेक्टरवार आकर्षक नीतियों को लागू किया है। कानून व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ बिजली, मोबिलिटी आदि की बेहतरीन सुविधा उपलब्ध करायी है। प्रधानमंत्री जी के दूरदर्शी मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश सरकार रोजगार के नए अवसरों का सृजन करने एवं नागरिकों की आर्थिक स्थिति के उत्थान के लिए राज्य में औद्योगीकरण जनित विकास को गति प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप प्रदेश में निवेश लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई सुधार किए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के संकल्प ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के अनुरूप राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ रैंकिंग में जहां 16वें स्थान पर था, वहीं विगत चार वर्षों में वर्तमान राज्य सरकार के प्रयासों से इसने 12 स्थानों की अभूतपूर्व प्रगति करते हुए ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ रैंकिंग में देश में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश में तेजी से सृजित हो रहे उत्तम कारोबारी माहौल का यह एक स्पष्ट प्रमाण है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज देश की बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश का कुल वार्षिक बजट 02 लाख करोड़ रुपए था। आज राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के संसाधनों को बढ़ाया गया है। प्रदेश की राजस्व प्राप्तियों में वृद्धि हुयी है। सुदृढ़ कानून-व्यवस्था के चलते प्रदेश मंे निवेश आकर्षित हो रहा है। वर्तमान राज्य सरकार के गठन के एक वर्ष के अन्दर ही प्रदेश में प्रथम इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की गयी। जिसमें 05 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले, जिनमें से 03 लाख करोड़ रुपए के प्रस्ताव धरातल पर भी उतर रहे हैं।
कोरोना कालखण्ड का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने इस चुनौती का डटकर सामना किया। कोरोना काल के दौरान सभी इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स चलते रहे। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में जीवन और जीविका दोनों को बचाने का कार्य किया। गरीब कल्याण योजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 के पहले जहां उत्तर प्रदेश इन योजनाओं के क्रियान्वयन में पीछे था, वहीं आज यह इनके क्रियान्वयन में आगे है। आज प्रदेश विभिन्न केन्द्रीय विकास योजनाओं में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत लगभग 05 वर्षों में सम्पूर्ण राज्य में अवस्थापना विकास ने एक नई गति पकड़ी है। पूरे प्रदेश में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे और त्वरित कनेक्टिविटी का विकास किया जा रहा है। पी0एम0 गति शक्ति अवस्थापना विकास को समयबद्धता के साथ आगे बढ़ाने का एक बेहतरीन माध्यम है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश के अधिकांश राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों से जुड़ा है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाने तथा प्रदेश को अवस्थापना एवं औद्योगिक हब बनाने के उद्देश्य से कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी द्वारा दिनांक 25 नवम्बर, 2021 को जेवर, जनपद गौतमबुद्धनगर में नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लखनऊ एवं वाराणसी में पूर्व से संचालित अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों के अलावा, कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का संचालन प्रधानमंत्री जी द्वारा दिनांक 20 अक्टूबर, 2021 को लोकार्पित किए जाने के उपरान्त प्रारम्भ हो गया है। इसके अतिरिक्त, अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को स्थापित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इस प्रकार वर्ष 2023 तक उत्तर प्रदेश 05 अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला, देश का प्रथम राज्य बन जाएगा। राज्य सरकार ने  प्रदेश में 09 एयरपोर्ट्स को फंक्शनल किया है। इसके चलते आज प्रदेश 80 से अधिक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्थलों से एयर कनेक्टिविटी से जुड़ा हुआ है। वर्तमान में प्रदेश में 11 स्थलों पर एयरपोर्ट स्थापित करने की दिशा में कार्य चल रहा है। इनमें चित्रकूट, ललितपुर, सोनभद्र, आजमगढ़, सहारनपुर, अलीगढ़, मुरादाबाद तथा श्रावस्ती सहित अन्य जनपद शामिल हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश ‘एक्सप्रेसवेज का प्रदेश’ है। प्रधानमंत्री जी द्वारा 16 नवम्बर, 2021 को लखनऊ से गाजीपुर को जोड़ने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण किया गया। यह एक्सप्रेस-वे पूर्वांचल की अर्थव्यवस्था को गति देगा। इसके दोनों ओर 07 स्थानों पर औद्योगिक क्लस्टर स्थापित किए जाएंगे। यह एक्सप्रेस-वे प्रदेश में पहले से उपलब्ध यमुना एक्सप्रेस-वे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे तथा दिल्ली-मेरठ लिंक एक्सप्रेस-वे की नवीनतम कड़ी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य अन्तिम चरणों में है। इस एक्सप्रेस-वे को दिसम्बर, 2021 में पूरा कर लिया जाएगा। यह एक्सप्रेस-वे बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपद चित्रकूट सहित अन्य जिलों को इटावा होते हुए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से जोड़ेगा। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना पर युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। यह एक्सप्रेस-वे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार पश्चिमी उत्तर प्रदेश को पूर्वी उत्तर प्रदेश से जोड़ने के लिए मेरठ से प्रयागराज तक लगभग 600 कि0मी0 लम्बे गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारम्भ कराने जा रही है। इसके लिए 96 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है। इसी माह गंगा एक्सपे्रस-वे का शिलान्यास प्रधानमंत्री जी द्वारा सम्भावित है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 1947 से वर्ष 2017 तक प्रदेश में मात्र डेढ़ एक्सप्रेस-वे ही थे, जबकि आज प्रदेश में 06 एक्सप्रेस-वे पर कार्य चल रहा है, जिसमें से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण किया जा चुका है। वर्तमान में राज्य की इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी फोर लेन है। प्रदेश के हर जनपद मुख्यालय को फोर लेन और तहसील मुख्यालय को 02-लेन से जोड़ा गया है। प्रदेश में विद्युत की आपूर्ति में व्यापक सुधार हुआ है। गांवों को 16 से 18 घण्टे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है कि प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में इस माह से निर्बाध 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के 04 नगरों में मेट्रो रेल सेवाएं संचालित की जा रही हैं, जबकि कानपुर, आगरा में मेट्रो रेल विकास का कार्य तेजी से चल रहा है। दिसम्बर, 2021 में कानपुर मेट्रो का शुभारम्भ किया जाएगा। गोरखपुर मेट्रो के लिए पी0आई0बी0 ने अपनी सहमति दे दी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में अपनी अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाओं को स्थान दिया गया है। इन परियोजनाओं में ईस्टर्न एवं वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर, मल्टी मोडल लॉजिस्टिक्स/ट्रांसपोर्ट टर्मिनल्स, रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आर0आर0टी0एस0), दिल्ली-जेवर-वाराणसी हाई स्पीड रेल लिंक मार्ग, प्रयागराज-वाराणसी-हल्दिया राष्ट्रीय जल मार्ग आदि सम्मिलित हैं। ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर तथा वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर, जो ग्रेटर नोएडा के दादरी से गुजरेगा, इससे उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र को लॉजिस्टिक लाभ मिलेगा। इन परियोजनाओं के लिए ग्रेटर नोएडा के दादरी/बोराकी में मल्टी मोडल लाॅजिस्टिक हब/मल्टी मोडल ट्रांसपोर्ट हब बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रयागराज से हल्दिया पोर्ट (पश्चिम बंगाल) को जाने वाला भारत का पहला जल मार्ग हल्दिया-वाराणसी (लगभग 1,100 कि0मी0) राष्ट्रीय जल मार्ग (एन0डब्ल्यू0-1) वर्ष 2018 से ही संचालित किया जा रहा है। वाराणसी में भारत का पहला ‘फ्रेट विलेज’ विकसित किया जा रहा है, जो लगभग 100 एकड़ क्षेत्र में स्थापित होगा। इससे प्रदेश के उत्पादों को निर्यात हेतु पूर्वी भारत के बन्दरगाहों तक भेजा जा सकेगा। प्रधानमंत्री जी ने नवम्बर, 2018 में वाराणसी में देश का पहला मल्टी-मोडल टर्मिनल राष्ट्र को समर्पित किया।
उत्तर प्रदेश को भारत में सर्वाधिक ‘स्मार्ट’ एवं ‘अमृत’ योजना के अन्र्तगत शहर प्राप्त होने का गौरव हासिल है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत प्रदेश के 10 नगर निगमों का चयन किया गया है। यह संख्या पूरे देश में सर्वाधिक है। प्रदेश सरकार अपने संसाधनों से 07 नगर निगम को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित कर रही है। स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत राज्य को ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य’ के रूप में चयनित किया गया है। ‘अमृत योजना’ के अन्तर्गत प्रदेश के 60 शहरों में परियोजनाएं संचालित हो रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने फरवरी, 2018 में लखनऊ में उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट के शुभारम्भ अवसर पर प्रदेश में उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर की स्थापना की घोषणा की थी। यह काॅरिडोर रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री जी की ‘मेक इन इण्डिया’ संकल्पना को साकार करने में भी काॅरिडोर का बड़ा योगदान होगा। इस काॅरिडोर में 06 नोड्स (अलीगढ़, आगरा, झांसी, चित्रकूट, कानपुर और लखनऊ) बनाये गये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने फरवरी, 2019 में जनपद झांसी में उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर का शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री जी ने 14 सितम्बर, 2021 को जनपद अलीगढ़ भ्रमण के अवसर पर उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर के अलीगढ़ नोड की प्रगति का अवलोकन किया। प्रधानमंत्री जी द्वारा 19 नवम्बर, 2021 को डिफेंस काॅरिडोर के झांसी नोड में 183 हेक्टेयर भूमि में स्थापित होने वाली भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बी0डी0एल0) की मिसाइल प्रोपल्शन सिस्टम इकाई का शिलान्यास किया गया। लखनऊ नोड में 200 एकड़ भूमि पर नेक्स्ट जेनरेशन ब्रह्मोस-एनजी मिसाइल परियोजना की स्थापना प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती प्रदान की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1947 से वर्ष 2017 तक जहां प्रदेश में मात्र 12 मेडिकल काॅलेज थे। वर्तमान में प्रदेश में 33 मेडिकल काॅलेज बन रहे हैं, जिनमें 17 मेडिकल काॅलेज विगत वर्षों मंे प्रारम्भ किए जा चुके हैं। शेष मेडिकल काॅलेजों पर युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश के 59 जनपदों में कम से कम एक मेडिकल काॅलेज मौजूद है, जबकि बचे हुए 16 जनपदों में मेडिकल काॅलेजों की स्थापना के लिए पी0पी0पी0 मोड पर कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश में 02 एम्स भी बनकर तैयार हैं, जिनमें से गोरखपुर एम्स का लोकार्पण प्रधानमंत्री जी द्वारा 07 दिसम्बर, 2021 को किया जाना प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उद्यमियों की सहायता के लिए उत्तर प्रदेश में ‘निवेश मित्र’ पोर्टल स्थापित किया गया है, जो भारत के सबसे बड़े डिजिटल सिंगल विण्डो पोर्टल्स में से एक है। ‘निवेश मित्र’ उद्यमियों तथा निवेशकों को 340 से अधिक ऑनलाइन सेवायें प्रदान कर रहा है। राज्य सरकार द्वारा निवेशकों को सुविधा एवं सहायता प्रदान करने के लिए ‘इन्वेस्ट यू0पी0‘ नामक एक समर्पित संस्था स्थापित की गयी है। यह संस्था निवेशकों को निवेश जीवन चक्र की पूर्व अवधि में सहायता प्रदान करती है।
ज्ञातव्य है कि ‘पी0एम0 गति शक्ति’ पोर्टल के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा अवस्थापना परियोजनाओं के विकास में अन्तर्विभागीय समन्वय द्वारा तीव्र गति से कार्य किया जा सकेगा। इसकी मदद से परियोजना के क्रियान्वयन की सम्भावित कठिनाइयों की तेजी से पहचान करते हुए, समय से इनका समाधान भी सुनिश्चित किया जा सकेगा। ‘पी0एम0 गति शक्ति’ के माध्यम से प्रदेश में परियोजनाओं के क्रियान्वयन को गति मिलेगी और अधिक निवेश को आकर्षित करने के साथ ही रोजगार सृजन के अवसर भी उत्पन्न हांेगे। ‘पी0एम0 गति शक्ति’ योजना के माध्यम से देश में एकीकृत अवस्थापना विकास को नई दिशा और गति मिलेगी।
कार्यक्रम को केन्द्रीय संचार मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव तथा केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री श्री देवु सिंह चैहान ने वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित किया। कार्यक्रम को राज्य के औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना ने भी सम्बोधित किया।
कार्यक्रम के दौरान औद्योगिक विकास राज्य मंत्री श्री धर्मवीर सिंह, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास श्री अरविन्द कुमार, डाॅट के मेम्बर सर्विसेज (टेलिकाॅम) श्री ए0के0 मित्तल सहित भारत सरकार के 16 मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे। इसके अलावा उत्तरी क्षेत्र के 08 राज्यों दिल्ली, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चण्डीगढ़, हरियाणा, जम्मू कश्मीर और लद्दाख के अधिकारी भी मौजूद थे।

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