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आईओटी और एआई जैसी प्रौद्योगिकियां, सामान्य रूप से प्रौद्योगिकी परिदृश्य और अर्थव्यवस्था के भविष्य को गहराई से आकार देने जा रही हैं: राजीव चंद्रशेखर

देश-विदेश

नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (नैस्कॉम) ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) और आंध्र प्रदेश सरकार के साथ साझेदारी में आज विशाखापत्तनम में आंध्र विश्वविद्यालय परिसर में ‘आईओटी और एआई पर उत्कृष्टता केंद्र’ का उद्घाटन किया। इसका उद्देश्य आईओटी, एआई, रोबोटिक्स इत्यादि के क्षेत्र में उभरती प्रौद्योगिकियों में नवाचार को बढ़ावा देना है। इस केंद्र का उदघाटन केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर और आंध्र प्रदेश राज्य सरकार के उद्योग और वाणिज्य, सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास मंत्री श्री मेकापति गौतम रेड्डी ने किया। इस अवसर पर अजय प्रकाश साहनी, आईएएस, सचिव, एमईआईटीवाई, भारत सरकार, श्री पी. वी. जी. डी. प्रसाद रेड्डी, कुलपति, आंध्र विश्वविद्यालय और श्रीमती जी. जयलक्ष्मी, आईएएस, प्रधान सचिव, आईटीई एंड सी, आंध्र प्रदेश सरकार भी उपस्थिति थे।

नया केंद्र नवाचार को आम नागरिकों तक पहुंचाने के लिए डिजाइन से लेकर प्रोटोटाइप तक समाधान उपलब्ध कराने और मान्यता प्रदान करने के लिए मुक्त प्रयोगशाला और बुनियादी ढांचा प्रदान करके प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की डिजिटल इंडिया की परिकल्पना को आगे बढ़ाएगा। यह एक दूसरे से सीखने और औद्योगिक वातावरण के लाभ के लिए एक इंक्यूबेशन सुविधा प्रदान करके उद्यमिता को भी बढ़ावा देता है। राज्य में नए केंद्र के शुभारंभ के माध्यम से स्टार्ट-अप्स को भी उनके विकास, परामर्श, वित्त पोषण और उद्योग में उनके समाधानों को अपनाने के क्षेत्रों में नए अवसरों के साथ लाभान्वित होने की उम्मीद है। उत्कृष्टता केंद्र वर्तमान में नए अभिनव समाधानों के लिए स्टार्ट-अप्स के साथ सहयोग करने में रुचि रखने वाले उद्यमों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

आईओटी और एआई का उत्कृष्टता केंद्र वास्तविक दुनिया की चुनौतियों को हल करने और प्रभाव डालने की दिशा में एक प्रयास है। यह एक उत्प्रेरक बनने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो उद्योग को प्रौद्योगिकी को अपनाने और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने में मदद करेगा। यह केंद्र उद्योग, स्टार्ट-अप्स और शिक्षाविदों के लिए अभूतपूर्व अवसर प्रदान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स की शक्ति का उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने समारोह को नई दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। श्री चंद्रशेखर ने अपने संबोधन में वर्ष 2021 को संक्रामण बिंदु बताया। उन्होंने कहा, “वर्ष 2021 का जब भारत के इतिहास में ज़िक्र किया जाएगा तो निश्चय ही दुनिया देखेगी कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने, कोविड महामारी से संघर्ष में बेजोड़ लचीलापन, और क्षमता का प्रदर्शन किया और एक मजबूत और आत्मविश्वासी राष्ट्र के रूप में उभर कर सामने आया।”

उभरती प्रौद्योगिकियों पर बातचीत करते हुए, श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि अगले 25 वर्षों में हमारे राष्ट्र की यात्रा को डिजिटल और उभरती प्रौद्योगिकियों द्वारा आकार दिया जाएगा। श्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा, “आईओटी जैसी तकनीकें, एआई जैसी प्रौद्योगिकियां सामान्य रूप से प्रौद्योगिकी परिदृश्य और अर्थव्यवस्था के भविष्य को गहराई से आकार देने जा रही हैं। यह अत्यंत आवश्यक है कि यह उत्कृष्टता केंद्र केवल विश्वविद्यालय का शैक्षिक विस्तार ना बने, बल्कि आने वाले वर्षों में वे एक जीवंत, ऊर्जावान, गतिशील, उद्यमिता और प्रौद्योगिकी का केंद्र भी बनें।” श्री चंद्रशेखर ने भारत सरकार, आंध्र प्रदेश सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत द्वारा इस उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना में अपनाए गए सहयोगात्मक दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों के बीच इस तरह के सहयोग से उस अवसर का एहसास करने के लिए सही तालमेल होगा जो कोविड के बाद वैश्विक व्यवस्था द्वारा पेश किया गया है। दुनिया अब भारत को एक विश्वसनीय और भरोसेमंद आपूर्ति श्रृंखला के भागीदार के रूप में देख रही है। उन्होंने कहा कि 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था का लक्ष्य वास्तविक और हासिल करने योग्य है। हम सभी को इस दिशा में सहयोगात्मक तरीके से काम करने की जरूरत है।

आंध्र प्रदेश सरकार के उद्योग और वाणिज्य, सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास मंत्री श्री मेकापति गौतम रेड्डी ने कहा, “हम अपने आप में आंध्र प्रदेश सरकार का एक बड़ा इंक्यूबेशन केंद्र बनाने जा रहे हैं। हमारे पास 9 प्रौद्योगिकियां हैं, हमने जो कहा है वह विश्व की घटनाओं के लिए एक उदय होती प्रौद्योगिकियां होने जा रही हैं। एक है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग, दूसरा है रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन, तीसरा है एज कंप्यूटिंग, जो क्लाउड कंप्यूटिंग का विस्तार है, चौथा क्वांटम कंप्यूटिंग है, पांचवां वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी है, छठा ब्लॉकचैन है, सातवां इन्टरनेट ऑफ थिंग्स है, आठवां है 5जी और नौवां साइबर सुरक्षा है। अगर हम इन नौ तकनीकों में से किसी एक में विश्व स्तरीय नेतृत्व कर सकते हैं, तो हम आंध्र प्रदेश राज्य में आने वाली एक ट्रिलियन-डॉलर की अर्थव्यवस्था के बारे में बात कर रहे हैं।”

नैसकॉम के अध्यक्ष देबजानी घोष ने कहा, “उत्कृष्टता केंद्र एक ऐसी जगह बन गए हैं, जो बड़ी समस्याओं को समझने के लिए विभिन्न ईकोसिस्टम को खूबसूरती से जोड़ता है जिन्हें प्रौद्योगिकी हल कर सकती है, इन चुनौतियों या समस्याओं का समाधान करने के लिए सर्वोत्तम उपयोग प्रौद्योगिकी पर विचार-मंथन करती है और संयुक्त रूप से समाधानों का सह-निर्माण करती है। एक शानदार उदाहरण यह था कि महामारी के दौरान, हमने महसूस किया कि भारत के हर एक नागरिक को दूरस्थ स्वास्थ्य सेवा को सफलतापूर्वक देश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए, हमें ऐसे समाधानों की आवश्यकता थी जो उन जगहों पर काम करें जो संसाधनों में बहुत सीमित थे जैसे कम- बैंडविड्थ वाले स्थान, बिना बिजली व्यवस्था वाले स्थान आदि और बहुत जल्दी ही डीबीटी, एमईआईटीवाई, नैसकॉम, ने स्वास्थ्य सेवा उद्यमियों को एक साथ लाने के लिए स्टार्टअप्स को एक साथ लाने के लिए, तकनीकी उद्योगों को एक साथ लाने के लिए और उन तरीकों का पता लगाने के लिए व्यवस्था बनाई जो इस महत्वपूर्ण मुद्दे का समाधान कर सकते हैं। ऐसी व्यवस्था तैयार की गई कि हर भारतीय की स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच सुनिश्चित हो चाहे वह देश के किसी भी कोने में बैठा हो।”

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