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T20 WC: टीम इंडिया ने आखिरी मैच में नामीबिया के खिलाफ क्यों बांधी है काली पट्टी?

खेल समाचार

भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) आज यानी सोमवार को आईसीसी टी20 विश्व कप-2021 (ICC T20 World Cup) में अपना आखिरी मैच खेल रही है. भारत का सामना है नामीबिया से. इस मैच में भारत के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया.

भारतीय टीम जब फील्डिंग के लिए मैदान पर आई तो सभी खिलाड़ियों ने अपने बाजुओं पर काली पाट्टी बांधी हुई है. भारतीय खिलाड़ियों ने ये काली पट्टी देश को कई महान खिलाड़ी देने वाले कोच तारक सिन्हा (Tarak Sinha) को श्रद्धांजलि देने के लिए बांधी है. द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित कोच सिन्हा का शनिवार को निधन हो गया था. उन्होंने सुबह तीन बजे अंतिम सांस ली थी.

तारक सिन्हा दिल्ली में सोनेट क्रिकेट क्लब चलाते थे. बीसीसीआई ने भी इस बात की जानकारी दी है. बीसीसीआई ने ट्वीट करते हुए बताया, ‘टीम इंडिया आज द्रोणाचार्य अवार्डी और बेहद सम्मानित कोच तारक सिन्हा को श्रद्धांजलि देने के लिए मैदान पर काली पट्टी बांध कर उतरी है. सिन्हा का शनिवार को निधन हो गया था.’

देश को दिए कई शानदार क्रिकेटर

तारक ने भारत को 12 इंटरनेशनल क्रिकेटर दिए जिनमें मौजूदा भारतीय टीम के अहम सदस्य विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत भी शामिल हैं. पंत के अलावा, शिखर धवन, आकाश चोपड़ा, आशीष नेहरा, अतुल वासन, संजीव शर्मा, केपी भास्कर, अजय शर्मा, मनोज प्रभाकर, रमन लांबा, रंधीर सिंह, सुरिंदर खन्ना के नाम शामिल हैं. इसके अलाबा देश की बेहतरीन महिला खिलाड़ियों में शुमार और पूर्व कप्तान अंजुम चोपड़ा के कोच भी तारक सिन्हा थे.

दिल्ली की टीम को भी दी कोचिंग

तारक दिल्ली की टीम के भी रह चुके थे. वह वो कोच हैं जिनके रहते दिल्ली ने रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता था. वह जब 1985-86 में दिल्ली के कोच थे तब यह टीम रणजी ट्रॉफी विजेता बनी थी. इसके अलावा वह महिला टीम के कोच भी रहे. 2001-02 में उन्हें महिला टीम के मुख्य को की जिम्मेदारी दी गई. ये वो समय था तब मिताली राज और झूलन गोस्वामी जैसी खिलाड़ी निखर कर सामने आ रही थीं. उनकी ही कोचिंग में महिला टीम ने विदेश में अपना पहला टेस्ट साउथ अफ्रीका की धरती पर जीता था. इसके बाद इंग्लैंड को घरेलू जमीन पर 4-0 से हराया था. 2002 में जब वो दिल्ली की जूनियर टीम के कोच बने तो उसने स्टेट टूर्नामेंट में अंडर-15, अंडर-19 और अंडर -22 का खिताब जीता. साफ है बतौर कोच तारक सिन्हा ना सिर्फ देश को इंटरनेशनल खिलाड़ी देने में ही सफल रहे बल्कि टीमों को खिताबी जीत का दीदार कराने में भी कामयाब रहे. भारतीय महिला क्रिकेट टीम के प्रदर्शन को संवारने में तारक सिन्हा का योगदान बड़ा है.

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