41 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

‘स्वराज’ स्वतंत्रता संग्राम के हमारे नायकों पर हमारे गर्व की अभिव्यक्ति है: अनुराग ठाकुर

देश-विदेश

 केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण (आईएंडबी) मंत्री ने आज आकाशवाणी भवन में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन, सूचना एवं प्रसारण सचिव श्री अपूर्व चंद्रा और प्रसार भारती के सीईओ श्री मयंक अग्रवाल की उपस्थिति में एक धारावाहिक ‘स्वराज- भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा’ का शुभारंभ किया।

केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि दूरदर्शन और आकाशवाणी ने 550 से भी अधिक स्वतंत्रता सेनानियों के अदम्‍य साहस की गाथाओं को पुन: जीवंत करने और इन गुमनाम नायकों से युवा पीढ़ी को परिचित कराने का अत्‍यंत सराहनीय कार्य किया है।

इस धारावाहिक का उल्‍लेख करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि इसका उद्देश्य ‘स्वराज’ के अद्भुत विचार के पीछे के मूल विजन की फिर से कल्पना करना और उस विचार को वास्तविकता में ढालने वाले समस्‍त नायकों की गाथाओं को प्रस्‍तुत करना है। यह धारावाहिक अतीत के इन समस्‍त वीरों पर हमारे गर्व की अभिव्यक्ति है। अपनी अभिव्यक्ति में पूर्ण संतोष के साथ मंत्री महोदय ने कहा कि धारावाहिक बनाने से पहले गहन शोध किया गया है और हमारे स्वतंत्रता संग्राम की इन गाथाओं को जीवंत करने के लिए देश के सभी कोनों से जानकारियां और दस्तावेज एकत्र किए गए हैं।

केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने सार्वजनिक प्रसारक द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में बोलते हुए, उस समय को याद किया जब पंडित जसराज और उस्ताद बिस्मिल्लाह खान जैसे दिग्गजों ने कहा था कि अगर यह आकाशवाणी नहीं होता, तो उनका अस्तित्व नहीं होता। उन्होंने कहा, “दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो के बिना भारतीयता के सार-तत्व की अभिव्यक्ति का प्रसार संभव नहीं है।”

केन्द्रीय गृह मंत्री ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के अर्थ की व्याख्या की और कहा कि यह सिर्फ हमारे स्वतंत्रता संग्राम का उत्सव नहीं है, बल्कि आजादी के बाद से पिछले पचहत्तर वर्षों की उपलब्धियों, हमारे स्वतंत्रता संग्राम के प्रख्यात एवं गुमनाम नायकों के बलिदान को याद करने का उत्सव भी है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मौका भी है जब हम भारत के भविष्य की रूपरेखा की कल्पना कर रहे हैं और भारत यहां से बस उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयों को छूने जा रहा है।

स्वराज एक जटिल अवधारणा है और श्री अमित शाह ने इस विचार का विश्लेषण करते हुए कहा कि स्वराज केवल स्व-शासन के विचार तक ही सीमित नहीं है। यह हमारे अपने अनूठे तरीके से देश का शासन चलाने की प्रक्रिया है और इस प्रक्रिया में हमारी अपनी भाषाएं एवं संस्कृति शामिल है और जब तक हम स्वराज के इस व्यापक विचार को आत्मसात नहीं करते, भारत इसे वास्तव में हासिल नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि इस शताब्दी वर्ष में अपनी भाषाओं को संरक्षित करना और अपनी ऐतिहासिक विरासतों एवं संस्कृति को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना महत्वपूर्ण होगा।

मंत्री महोदय ने सीरियल निर्माण की टीम को उनकी मेहनत का श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा से समृद्धि तक, संस्कृति से शासन तक, ऐतिहासिक रूप से भारत औपनिवेशिक शक्तियों की तुलना में बहुत अधिक उन्नत था, लेकिन भारत के बारे में एक झूठी कहानी  गढ़ी गई थी और लोगों में एक हीन भावना पैदा की गई थी। उन्होंने कहा कि धारावाहिक स्वराज देश के लोगों के सामूहिक अंतःकरण से सभी हीन भावनाओं को दूर करेगा।

इस अवसर पर संसद सदस्य एवं मंत्रालय, दूरदर्शन और आकाशवाणी समाचार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री मयंक अग्रवाल ने कहा कि दूरदर्शन के साथ आकाशवाणी पर भी इस धारावाहिक का प्रसारण किया जाएगा। श्री अग्रवाल ने इस धारावाहिक के निर्माण के पीछे व्यापक शोध और परिश्रम के लिए पूरी टीम के प्रति आभार व्यक्त किया।

स्वराजके बारे में – स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा

स्वराज एक 75 एपिसोड्स का धारावाहिक है जिसे 4के/एचडी गुणवत्ता में बनाया गया है और 14 अगस्त से हर रविवार, रात 9 से 10 बजे ये दूरदर्शन पर प्रसारित होगा। इसे अंग्रेजी के साथ नौ क्षेत्रीय भाषाओं में डब किया जा रहा है। ये धारावाहिक तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम, मराठी, गुजराती, उड़िया, बंगाली और असमिया क्षेत्रीय भाषाओं में 20 अगस्त से प्रसारित होगा। 1498 में वास्को-डी-गामा के भारत आने से शुरू होकर ये सीरियल इस धरती के वीरों की एक समृद्ध गाथा प्रस्तुत करेगा। इसमें रानी अब्बक्का, बख्शी जगबंधु, तिरोट सिंग, सिद्धू मुर्मू और कान्हू मुर्मू, शिवप्पा नायक, कान्होजी आंग्रे, रानी गाइदिन्ल्यू, तिलका मांझी जैसे कई गुमनाम नायक नायिकाओं से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, महाराज शिवाजी, तात्या टोपे, मैडम भीकाजी कामा जैसे मशहूर स्वतंत्रता सेनानी शामिल हैं।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More