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निजी क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाओं के लिए बेरोजगारों का कौशल विकास व कैरियर कांउसिलिंग कर उन्हें अधिक से अधिक रोजगार दिलाया जाए: स्वामी प्रसाद मौर्य

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रदेश में 02 करोड़ से अधिक श्रमिक है, जिसमें से मात्र 42 लाख श्रमिकों का ही अभी तक पंजीयन हुआ है। अधिकारियों की यह कार्यशैली विभाग व प्रदेश के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि 40 प्रकार की मजदूरी करने वाले व्यक्तियों को श्रमिक के रुप पंजीयन व नवीनीकरण होना है, लेकिन  कार्यों में आपेछित तेजी न होने से श्रमिक लाभ से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि मजदूरों के हितार्थ चलाई जा रही योजनाओं का लाभ व्यावहारिक रुप से समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की माली हालात सुधारने के लिए पहंुचाए, नहीं तो जिम्मेदारी न निभाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया की प्रदेश के सभी ईंट-भट्टों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए महिला एवं पुरुष हेतु अलग-अलग शौचालय बनाने की व्यवस्था बने, इस हेतु ईंट-भट्टा मालिकों से वार्ता की जाए। महिलाओं की सुरक्षा एवं स्वच्छता अभियान की सफलता के लिए यह अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अधिकारी  ईंट-भट्टा स्थल में जाकर मजदूरों का पंजीयन के लिए कैम्प करें और मजदूरों के लिए पानी और शौचालय की व्यवस्था अनिवार्य रुप से कराएं।
श्रम मंत्री श्री मौर्य आज यहां विधान भवन स्थित तिलक हाॅल में श्रम एवं सेवायोजन विभाग की समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए की 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे कहीं पर भी कार्य करते हुए न मिलें। साथ 14 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को खतरनांक कार्य करने से पूर्णतया रोका जाए। बच्चे दोबारा कार्य पर न आयें और उनकी शिक्षा आदि सुनिश्चित इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। खतरनाक कार्यों में लगाए गए बच्चों के नियोक्ता के प्रति दण्डात्मक कार्यवाही भी की जाए। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद किसी राज्य व देश का मैं पहला श्रम मंत्री हूँ जो 20 जिलों के लेबर चैराहों पर श्रमिकों के पंजीयन व नवीनीकरण एवं योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतुु जा चुका हूँ। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि 15 दिन में एक बार लेबर चैराहों पर श्रमिकों के पंजीयन व नवीनीकरण हेतु जरुर जाएं। साथ ही योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए रेलवे  व बस स्टेशनों, लेबर चैराहों, सार्वजनिक स्थलों पर होर्डिंग लगाई जाए।
श्री मौर्य ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी बहुत है। 19 मार्च, 2017 से अभी तक सेवायोजन वेब पोर्टल पर 20.94 लाख बेरोजगार अभ्यर्थियों तथा 8813 नियोजकों का पंजीकरण किया जा चुका है। इस दौरान प्रदेश भर में आयोजित 132 रोजगार मेलों में 70 हजार से अधिक बेरोजगार बच्चों को रोजगार दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, इसके लिए हमें बेरोजगारों का कौशल विकास तथा कैरियर कांउसिलिंग कर उन्हें अधिक से अधिक रोजगार दिलाया जा सकता है। उन्होंने श्रमिकों के अध्ययनरत बच्चों की शुल्क प्रतिपूर्ति शत-प्रतिशत करने के निर्देश दिए। सरकारी स्कूलों में मेडिकल व इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले श्रमिकों के बच्चों को भी इसका लाभ दिया जाए। उन्होंने श्रमिकों की बच्चियों के विवाह कार्यक्रम को पहले चरण में मण्डल स्तर पर, दूसरे चरण में जिला स्तर पर तथा तीसरे चरण में तहसील स्तर पर करने के निर्देश दिए, जिससे श्रमिक की कोई  भी बच्ची पैसे के अभाव में बगैर शादी के न रह सके। उन्होंने लेबर सेस कर वसूली मकान निर्माण हेतु नक्शा पास कराते समय ही कर लेने के भी निर्देश दिए।
बैठक में प्रमुख सचिव श्रम श्री सुरेश चन्द्रा, श्रमायुक्त श्री अनिल कुमार, विशेष सचिव श्रीमती संगीता सिंह व श्री मुनीन्द्र कमार, निदेशक सेवायोजन के साथ अपर श्रमायुक्त, सहायक श्रमायुक्त, उप निदेशक कारखाना, सहायक निदेशक सेवायोजन के साथ श्रम पर्वतन अधिकारी उपस्थित थे।

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