39 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

सफलता की कहानी-उम्मीदो की रेलगाडी

देश-विदेश

कोविड-19 की दूसरी लहर ने देश के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।जिस तरीके से करोना वायरस ने समाज मे कहर बरपाया उसकी मिशाल इतिहास में नहीं है।लेकिन इस चुनौती का सामना पूरे देश ने एकजुट होकर बहादुरी के साथ किया और आज भी यह लड़ाई जारी है ।प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को करोना वायरस के खिलाफ कामयाब लड़ाई लड़ने के तीन मंत्र दिये थे- मास्क पहनना, समय समय पर हाथ धोते रहना और सामाजिक दूरी का पालन करना।इन तीन मंत्रों ने करोना के खिलाफ लड़ाई को काफी मजबूती प्रदान की ।चूंकि चुनौती ब़ड़ी थी इसलिये उससे निपटने में भी सरकार को बड़े कदम उठाने पड़े।एक ओर जहां सरकार ने आक्सीजन और दवाइयों जैसी जरुरी चीजे लोगों को मुहैया करायी वहीं दूसरी ओर इस बात का भी ध्यान रखा गया कि लाकडाउन जैसी स्थिति होने के बावजूद लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।

समाज के कमजोर तबके को भोजन मिलें और ज़रुरी सेवायें बहाल हो।भारत के विदेशों से बेहतर सम्भन्धों का नतीजा है कि दुनिया के कई देशों ने संकट की इस घड़ी में भारत की खुलकर मदद की ।बड़ी संख्या में आक्सीजन और दवाइयां भारत पहुंचायी गयी ।प्रधानमंत्री ने एक बड़ी पहल के तहत पीएम केअरस फंड से पूरे देश में 500से भी ज्यादा आक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला किया।आश्चर्य है कि प्रधानमंत्री जी के इस फैसले के बाद से ही इस दिशा में जोर शोर से काम शुरु हो गया और ज्यादातर प्लांट लगा दिए गये।भारतीय रेलवे ने भी करोना के खिलाफ इस जंग में बढचढ़कर अपनी भूमिका निभाई।अगर रेलवे ने समय से इतनी सक्रियता न दिखाई होती तो आक्सीजन की कमी को खत्म करते हुए सामान्य स्थिति को बहाल कर पाना मुमकिन नहीं था।भारतीय सेना ने भी इस मुहिम में बढचढ कर अपना योगदान दिया ।रेलवे द्वारा आक्सीजन एक्सप्रेस रेलगाड़ियां शुरु की गयी ।पूरे देश में अब तक उम्मीदों की इन्ही एक्सप्रेस रेलगाड़ियो द्वारा कुल 7115 मीट्रिक टन आक्सीजन भेजी जा चुकी है।

तमिलनाडु के लिये अभी हालहिं में पहली आक्सीजन एक्सप्रेस रेलगाड़ी 80 मीट्रिक टन आक्सीजन लेकर पहुची।इसी तरीके से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कुल तीन हजार नौ सौ मीट्रिक टन आक्सीजन की आपूर्ति की गयी ।आक्सीजन एक्सप्रेस रेलगाडियों को लोग आशा भरी निगाह  से देखते है।इस समय पूरे देश में आक्सीजन एक्सप्रेस रेलगाडियों द्वारा 800 मीट्रिक टन आक्सीजन की रोजाना आपूर्ति की जा रही है।इस अभियान में अभी तक कुल 115 आक्सीजन एक्सप्रेस रेलगाडिया अपनी सेवायें दे चुकी है और अस्पतालों में आक्सीजन की मांग को पूरा कर रही है।अभी तक के जो आंकड़े उपलब्ध हुये है उसके मुताबिक महाराष्ट्र को 407 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश को 361 मीट्रिक टन,हरियाणा को 1165 मीट्रिक टन,तेलंगाना को 188 मीट्रिक टन,राजस्थान को 72 मीट्रिक टन,कर्नाटक को 120 मीट्रिक टन और दिल्ली 2748 मीट्रिक टन आक्सीजन पहुचायी जा चुकी है।

बात अगर उतर प्रदेश की करे तो यहां पर अब तक कुल 1960 मीट्रिक टन आक्सीजन की आपूर्ति की जा चुकी है।उतर प्रदेश में मुख्य रुप से लखनऊ,बरेली ,कानपुर, वाराणसी,प्रयागराज ,मेरठ ,मुरादाबाद,आगरा और गोरखपुर में आक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा आक्सीजन की आपूर्ति की गयी । वाराणसी  में 57.15 मीट्रिक टन आक्सीजन की आपर्ति की गयी। इस बात का पूरा प्रयास रखा गया कि हर ज़रुरतमंद तक आक्सीजन पुहचे।प्रदेश सरकारों ने केंद्र द्वारा भेजे गये आक्सीजन टैंकरों का सही ढंग से इस्तेमाल किया ।उतर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं आक्सीजन की आपूर्ति की मानिटरिंग कर रहे हैं।

एसे कोविड-19 संक्रमित मरीज जो घरों पर ही आइसोलेशन में हैं उन्हें भी आक्सीजन दी जाये इस बात का पूरा प्रबंध किया गया है।सरकार द्वारा सरकारी और निजी दोनों ही क्षेत्रों के अस्पतालों में आक्सीजन पहुचायी जा रही है। सरकार के इस बड़े प्रयास से प्रदेश में आक्सीजन की किल्लत लगभग खत्म हो गयी है।सरकार ने आक्सीजन और कोविड-19 के इलाज में काम आने वाली जरुरी दवाइयों की कालाबाजारी रोकने के भी विशेष रुप से प्रबंध किये है।जगह जगह छापेमारी से कालाबाजारी करने वाले लोगों में दहशत है।प्रदेश में कई जगहों से आक्सीजन के सिलेंडर जब्त किये गये ।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More