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राज्य स्तरीय स्टीयरिंग समिति को सुदृढ़ बनाने से परियोजनाओं के अनुमोदन प्रक्रिया में आयेगी सरलता: सिद्धार्थ नाथ सिंह

उत्तर प्रदेश

 लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों के विकास को और अधिक गतिशील बनाने के लिए तथा भारत सरकार की एमएसई-सीडीपी (माइक्रो एण्ड स्माल इन्टरप्राइजेज क्लस्टर डेवलपमेंट) योजना को मूर्तरूप देने के लिए आज केन्द्रीय मंत्री एमएसएमई तथा सड़क परिवहन श्री नितिन गडकरी से वर्चुअल संवाद किया।
श्री सिंह ने श्री गडकरी को यह भी अवगत कराया कि वाराणसी में ग्लास बीड्स क्लस्टर की स्थापना हेतु भारत सरकार की सहयोग राशि अपेक्षित है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार संतकबीर नगर में ब्रासवेयर यूटेनशिल्स क्लस्टर एवं गोरखपुर में टेराकोटा व पाटॅरी परियोजना को भी अंतिम स्वीकृति दी जानी है। इसके अतिरिक्त सहारनपुर में लेदर फुटवियर, सम्भल एवं मुरादाबाद में वुडेन प्रोसेसिंग कार्विंग तथा शीट मेंटल, लखीमपुर खीरी एवं बाराबंकी में चिकनकारी, झांसी में हैण्डलूम एवं स्पाईस ग्रेन प्रोसेसिंग पैकेजिंग, चन्दौली में राइस, मेरठ में लेदर गुड्स, आजमगढ़ में जूट रोप यार्न, गाजीपुर में जूट वाल हैंगिग, बदायूं में जरी-जरदोजी, गौतमबुद्धनगर में मोल्ड डिजाइन डेवलेपमेंट प्लास्टिक, मथुरा में मेटलार्जिकल तथा कानपुर में रेडीमेड गारमेंट आदि औद्योगिक क्लस्टर भारत सरकार के सहयोग से विकसित किये जाने हैं।
श्री सिंह ने कहा कि इसी प्रकार पारंपरिक एवं आधुनिक खिलौना उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए झांसी, वाराणसी, गोरखपुर एवं चित्रकूट में ट्वाय कल्सटर का विकास किया जाना हैं। इसके लिए शीघ्र ही डीपीआर तैयार कर भारत सरकार को प्रेषित की जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास के अन्तर्गत प्रयागराज, कानपुर देहात, फर्रूखाबाद, लखनऊ, सीतापुर एवं जौनपुर सहित छः जनपदों में औद्योगिक आस्थानों को विकसित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित है। इसके अलावा आगरा एवं कानपुर में फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स की स्थापना हेतु भारत सरकार से सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। लखनऊ, गोरखपुर, अलीगढ़ तथा गाजियाबाद में भी फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स की स्थापना के प्रस्ताव का डीपीआर बनाकर भारत सरकार को भेजा जायेगा।
श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि स्फूर्ति योजनान्तर्गत प्रदेश में परंपरागत उद्योगों को विकसित किया जा रहा है। जिसके तहत उ0प्र0 खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड को नोडल एजेंसी बनाया गया है। खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा इसके लिए 168 प्रस्तावों पर कार्य किया जा रहा है, इनमें से 37 प्रस्तावों पर प्रिल्मेनरी सेलक्शन कमेटी द्वारा परीक्षण किया जा चुका है तथा 33 प्रस्तावों में आंशिक कमियों को दूर कर शीघ्र ही प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा 04 पूर्ण प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे जा चुके है, जिनमें से एक प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है तथा तीन प्रस्ताव अभी प्रक्रियाधीन है।
सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री श्री सिंह ने अनुरोध किया कि एमएसईसीडीपी योजना के अन्तर्गत परियोजनाओं की स्वीकृति की प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाया जाय, इससे कम समय में परियोजनाआंे को पूर्ण करने में सहायता मिलेगी तथा परियोजनाओं की लागत में वृद्धि भी नहीं होगी। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि राज्य स्तरीय स्टीयरिंग समिति को और अधिक सुदृढ़ बनाने से परियोजनाओं के अनुमोदन प्रक्रिया में सरलता आयेगी तथा इसे कम समय में पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने भारत सरकार को भेजे गये प्रस्तावों को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया।
श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की मंशानुरूप प्रदेश को औद्योगिक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। इससे जहां बड़े स्तर पर लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं कुशल/अकुशल श्रमिकों का पलायन भी रूकेगा। उन्होंने कहा कि देश को पांच ट्रिलियन डालर की इकाॅनामी बनाने में उत्तर प्रदेश का भी महत्पूर्ण योगदान रहेगा। उन्होंने प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम को बढ़ावा देने हेतु प्रस्तावित योजनाओं के संबंध में विस्तार से चर्चा की और भारत सरकार की तरफ से मिलने वाली सहायता तथा स्वीकृतियों को यथाशीघ्र उपलब्ध कराने का अनुरोध भी किया।

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