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इस्‍पात एवं खान मंत्री ने राजस्‍थान की मुख्‍यमंत्री से भेंट करके 28 खान ब्‍लॉकों की विस्‍तृत अन्‍वेषण रिपोर्ट सौंपी

देश-विदेश

नई दिल्ली: इस्‍पात एवं खान मंत्री श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने राजस्‍थान की मुख्‍यमंत्री श्रीमती वसुन्‍धरा राजे से कल जयपुर में मुलाकात की। बैठक में इस्‍पात और खान क्षेत्र के विकास सम्‍बन्‍धी विषय पर चर्चा की गई।श्री तोमर ने मुख्‍यमंत्री से आग्रह किया ‍कि खान ब्‍लॉकों की नीलामी के लिए अधिसूचना प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। श्री तोमर ने एमएल और पीएल-कम-एमएल के तीस से अधिक ब्‍लॉकों की नीलामी के लिए चिन्हित करने के संबंध में राज्‍य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। इन ब्‍लॉकों में चूना-पत्‍थर, मैगनीज, पोटाश और लौह-अयस्‍क की खाने शामिल हैं। इन ब्‍लॉकों के अलावा मंत्री महोदय ने 28 ब्‍लॉकों की विस्‍तृत अन्‍वेषण रिपोर्ट मुख्‍यमंत्री को सौंपी। इन रिपोर्टों में जी2-जी1 स्‍तर की धातु, सोना और फोस्‍फोराईट शामिल हैं जिन्‍हें एमईसीएल ने तैयार किया है। खान मंत्रालय ने 60 करोड़ रुपये की लागत से इन तथ्‍यों को तैयार किया है। हाल में मंत्रालय ने बिना किसी खर्च के राज्‍य सरकार को एमईसीएल की अतिरिक्‍त अन्‍वेषण रिपोर्ट सौंपने का निर्णय किया है। इन अतिरिक्‍त विवरणों के साथ राजस्‍थान सरकार के पास अब 38 ब्‍लॉक तैयार हो गए हैं जो एमएल तथा पीएल-कम-एमएल के 24 ब्‍लॉकों की नीलामी से संबंधित हैं। उन्‍होंने एमएसटीसी द्वारा नीलामी प्रक्रिया चलाने के लिए मदद का भी प्रस्‍ताव किया।

इसके पहले जीएसआई ने राज्‍य में लगभग 35 ब्‍लॉकों का अन्‍वेषण किया था और अपनी रिपोर्ट सरकार को दी थी। श्री तोमर ने ब्‍लॉकों के विस्‍तृत अन्‍वेषण के लिए जीएसआई, एमईसीएल और सेल की मदद का भी प्रस्‍ताव किया ताकि नीलामी के लिए अतिरिक्‍त खानों की पहचान की जा सके। उन्‍होंने चुने हुए जिलों में जल्‍द ही जिला खनिज फाउंडेशन के गठन पर बल दिया। बैठक के दौरान भीलवाड़ा में लौह अयस्‍क को सेल को आवंटित करने के मामले में एमएल की प्रगति का जायजा लिया गया। इसके अलावा आरआईएनएल को बनेरा लौह अयस्‍क खान और जहाजपुर लौह अयस्‍क ब्‍लॉक दिए जाने के संबंध में भी चर्चा की गई।

श्रीमती राजे ने मंत्री महोदय को बताया कि राजस्‍थान ने नीलामी और अन्‍वेषण तथा डीएमएफ के गठन जैसी सम्‍बन्धित गतिविधियां चलाने के लिए तैयारी कर ली है। उन्‍होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह खनन प्रस्‍तावों को पर्यावरण अनुमति जल्‍द प्रदान करें ताकि खानकर्मियों की आजीविका सुरक्षित हो सके। मुख्‍यमंत्री ने खान मंत्रालय और मंत्री महोदय को धन्‍यवाद दिया कि उनकी पहल से राज्‍य को नि:शुल्‍क विस्‍तृत अन्‍वेषण रिपोर्ट उपलब्‍ध हो सकी है।

बैठक में इस्‍पात एवं खान मंत्रालय और राज्‍य सरकार के आला अधिकारी भी मौजूद थे।

उल्‍लेखनीय है कि इस साल के आरम्‍भ में केंद्र सरकार ने एमएमडीआर अधिनियम को संशोधित किया था और इस तरह पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए खानों का आवंटन नीलामी द्वारा तय करने का निर्णय किया था। संशोधन विधेयक ने डीएमएफ को अधिकृत किया कि वह खानों और प्रभावी क्षेत्रों के आसपास रहने वाले निर्धन लोगों और जनजातीय आबादी के हितों की रक्षा करे।

विधेयक में राष्‍ट्रीय खनिज अन्‍वेषण न्‍यास की अभिनव अवधारणा प्रस्तुत की गई है। आने वाले दिनों में नियमों की अधिसूचना के साथ यह एक ठोस आकार ले लेगा। सितम्‍बर, 2014 में केंद्र सरकार ने पांच सालों के अन्‍तराल के बाद रॉयल्टी दरों में वृद्धि की है। इसके कारण राज्‍यों को प्राप्‍त होने वाले समेकित रॉयल्‍टी आय में लगभग 41 प्रतिशत इजाफा होगा। राजस्‍थान के मामले में वार्षिक रॉयल्‍टी 18 प्रतिशत बढ़कर 1533 करोड़ रुपये हो जाएगी।

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