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राज्य स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुएः ग्राम्य विकास मंत्री प्रीतम सिंह

उत्तराखंड

देहरादून: सचिवालय स्थित सभागार में उत्तराखण्ड के ग्राम्य विकास मंत्री प्रीतम सिंह की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक संपन्न हुई।
ग्राम्य विकास मंत्री प्रीतम सिंह ने उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जहां ग्राम विकास संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी हम सबकी है वहीं हमारा दायित्व हैं कि योजनाओं पर कार्य उचित तरीके से हो। उन्होंने कहा कि अभी भी 1 हजार तथा 500 की बसावट वाले क्रमशः 8 एवं 45 गांवों का प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना(पी0एम0जी0एस0वाई0) से आच्छादित न होना चिंता का विषय है। उनका कहना था, कि सम्भवतः इन गांवों का पी0एम0जी0एस0वाई0 से आच्छादित न होने की वजह वन अधिनियम अथवा समरेखण हो सकती है, किन्तु इसपर ध्यान देने की आवश्यकता है, कि पी0एम0जी0एस0वाई0 में हम फेज-14 में चल रहे है, तथा अब भी 1000 आबादी के 8 गांव योजना से आच्छादित नहीं हुए है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा 2019 तक 250 आबादी की बसावट को पी0एम0जी0एस0वाई0 से आच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बैठक में सांसदों के प्रतिनिधि से अपेक्षा कि, वह मनरेगा सहित अन्य ग्राम्य विकास योजनाओं में केन्द्रीय सरकार से वांछित मांग के अनुरूप धन दिलाने के लिए प्रभावी पैरवी करें। उन्होंने समस्त अधिकारियों को निर्देश दिए, कि वे अपने दायित्वों का निर्वहन निष्ठा से करें।
इन्दिरा आवास योजना में भारत सरकार द्वारा कराए गए एस0ई0सी0सी0-2011 के सर्वेक्षण को नाकाफी बताते हुए छूट गए पात्र परिवारों को भी इसमें सूचीबद्व करने के निर्देश ग्राम विकास मंत्री द्वारा दिए गए, जिसपर प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास द्वारा मंत्री के संज्ञान में लाया गया, कि केन्द्र द्वारा स्वीकार किया गया है कि एस0ई0सी0सी0-2011 के सर्वे के अनुसार सूचीबद्व परिवारों को आच्छादन के पश्चात् छूट गए अवशेष पात्र परिवारों को भी इन्दिरा आवास योजना में सूचीबद्व किया जाएगा। एस0ई0सी0सी0-2011 के डाटा के अंतर्गत प्रदेश के 13 जनपदों के 21 हजार 930 परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण) से लाभान्वित किया जाना है जबकि वर्ष 2011 से 4 हजार 33 पात्र लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण) से लाभ दिया जा चुका है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में ग्राम जेंदू विकासखण्ड विकासनगर में ‘‘ग्राम्य‘‘ योजना के अंतर्गत दोहरे भुगतान की जांच के कैबिनेट मंत्री के पूर्व के निर्देशों के क्रम में अवगत कराया गया कि शासन द्वारा गठित जांच कमेटी में ग्राम जेंदू में कराए गए कार्य में 22 लाख रूपए की वसूली की संस्तुति की गई है। ग्राम्य विकास मंत्री द्वारा योजनाओं में डुप्लीकेसी रोकने के लिए ग्राम स्तर पर संचालित होने वाली कार्यो का विवरण ग्राम सभा, क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए, जिससे ग्रामीणों को अपने क्षेत्र में संचालित योजनाओं के बारे में पूर्ण जानकारी उपलब्ध रहें। ज्ञातव्य है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में कोर नेटवर्क के अनुसार वर्तमान में 1000 आबादी के 8 तथा 500 से 999 आबादी के 45 एवं 250 से 499 आबादी के 686 बसावटों को 2019 तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित है। पी0एम0जी0एस0वाई0 की समीक्षा के दौरान कैबिनेट मंत्री द्वारा लाखामण्डल-भंकोली मार्ग का को ठीक कराने के निर्देश अधीक्षण अभियंता को दिए गए। उन्होंने समरेखण को लेकर लम्बित परियोजना आमसौड़-जमरगड्डी(कोटद्वार) मोटर मार्ग के संबंध में गांव वालों के साथ बैठक करने के निर्देश अधीक्षण अभियंता को दिए।
प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण) के संबंध में आयुक्त ग्राम्य विकास ने अवगत कराया कि योजना में प्रथम किशत 60 करोड़ की प्राप्त हो चुकी है तथा योजना में केन्द्र के मार्गदर्शन मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब इस योजना में प्रति लाभार्थी परिवार 1.30 लाख प्रति आवास की धनराशि निश्चित की गई है। इन्दिरा आवास योजना के आपदा के अंतर्गत 307.12 लाख रूपए प्राप्त हुआ है जिसमें से अबतक 238.84 लाख रूपए का उपयोग किया जा चुका है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना की समीक्षा के दौरान नोडल अधिकारी द्वारा बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में 533.32 करोड़ रूपए परिव्यय के सापेक्ष्य 403.93 करोड़ रूपए की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। योजना में पिछली अवशेष धनराशि को जोड़ते हुए अब तक 442.94 करोड़ रूपए उपयोग कर 121 लाख मानव दिवस सृजित किए जा चुके है।
दीन दयाल राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन(डे-एन.आर.एल.एम.) की समीक्षा के दौरान कैबिनेट मंत्री के संज्ञान में लाया गया कि योजना में 20 करोड़ का लक्ष्य दिया गया है जबकि योजना में 6 करोड़ 10 लाख की धनराशि स्वीकृत है।
स्वच्छ भारत मिशन(ग्रामीण) योजना की समीक्षा के दौरान कैबिनेट मंत्री के संज्ञान में लाया गया कि प्रदेश में लगभग 5 लाख शौचालय बनाए जाने थे, जिनमें से 3 लाख शौचालय बनाए जा चुके हैं। अब 2 लाख शौचालय बनने है जिसमें से 50 हजार शौचालय मनरेगा द्वारा बनाए जाएंगे तथा अवशेष 1 लाख 50 हजार शौचालयों के लिए 180 करोड़ रूपए धन की आवश्कता होगी।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की समीक्षा के दौरान नोडल अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया, कि योजना में 36 परियोजना जिनकी निर्माण लागत लगभग 100 करोड़ है केन्द्र को भेजी गई। योजना में 11.23 करोड़ रूपए प्राप्त हुआ है।
ग्राम्य विकास मंत्री द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम(एन.आर.डी.डब्यू.पी.), वृद्वावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन, की भी विस्तार से समीक्षा की गई।
बैठक में प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्रीमती मनीषा पंवार, आयुक्त ग्राम्य विकास युगल किशोर पंत, अपर सचिव ऊर्जा ज्योति नीरज खैरवाल, सांसद प्रतिनिधि मोहन लाल कोठियाल, सदस्य उमा प्रकाश, सुनीता धारिया, रेखा तथा नवीन पनेरू सहित ग्राम्य विकास योजना के नोडल अधिकारी उपस्थित थे।

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