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मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव ने प्रदेश में जे0ई0/ए0ई0एस0 संवेदनशील जनपदों में रोग की रोक-थाम एवं नियंत्रण के लिए प्रभावी कार्यवाही एवं अनुश्रवण सुनिश्चित किए जाने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने प्रदेश में जापनीज़ इंसेफ्लाईटिस (जे0ई0)/एक्यूट इंसेफ्लाईटिस सिंड्रोम (ए0ई0एस0) संवेदनशील जनपदों में रोग की रोक-थाम एवं नियंत्रण के लिए प्रभावी अन्तर्विभागीय कार्यवाही एवं नियमित रूप से अनुश्रवण सुनिश्चित किए जाने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए हैं। यह निर्देश गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, सन्तकबीरनगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, बहराईच, गोण्डा, बलरामपुर, श्रावस्ती, हरदोई, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, रायबरेली, कानपुर देहात एवं सहारनपुर के जिलाधिकारियों को दिए गए हैं।

यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि ए0ई0एस0/जे0ई0 रोग नियंत्रण हेतु प्रदेश के विभिन्न विभागों जैसे- चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण, ग्राम्य विकास/जल निगम, नगर विकास, पंचायती राज, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, विकलांग कल्याण, मत्स्य, बेसिक शिक्षा द्वारा जनपद स्तर पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है, जिनका प्रभावी क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण नियमित रूप से प्रत्येक माह जिलाधिकारी स्तर पर किया जाए एवं जनपद में कृत कार्यवाहियों की संकलित रिपोर्ट प्रमुख सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उ0प्र0 शासन एवं महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, उ0प्र0 को प्रेषित की जाए।
गोरखपुर एवं बस्ती मण्डल के समस्त जनपद एवं जनपद बहराईच के जिला चिकित्सालयों एवं ओपेक चिकित्सालय, कैली बस्ती में 10 शैय्यायुक्त पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 स्थापित एवं क्रियाशील है, जिनमें जनपद के मस्तिष्क ज्वर रोग के रोगी अधिक से अधिक संख्या में भर्ती एवं उपचारित किए जाएं एवं बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर में अतिविशिष्ट उपचार की आवश्यकता होने पर ही चिकित्सकों द्वारा रोगी सन्दर्भित किए जाएं।
प्रवक्ता ने कहा कि गोरखपुर एवं बस्ती मण्डल के समस्त जनपदों में मस्तिष्क ज्वर रोगी की शीघ्र पहचान एवं निवास के निकट ही त्वरित उपचार उपलब्ध कराने के लिए ब्लाॅक स्तर पर 104 इन्सेफ्लाईटिस ट्रीटमेन्ट सेण्टर (ई0टी0सी0) स्थापित एवं क्रियाशील हैं, जिनमें उपचार कराने के लाभ के सम्बन्ध में जनता को व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से जागरूक किया जाए।
प्रवक्ता के अनुसार जनपद लखीमपुरखीरी के जिला चिकित्सालय में पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 का भवन निर्माण पूर्ण हो चुका है एवं क्रय किए जा चुके उपकरणों की स्थापना का कार्य अवशेष है, जिसको तत्काल पूर्ण कराकर आई0सी0यू0 क्रियाशील की जाए। ए0ई0एस0/जे0ई0 से प्रभावित 20 जनपदों के जिला पुरुष चिकित्सालय में कम से कम एक बालरोग विशेषज्ञ अवश्य उपलब्ध रहे। इसकी पूर्ति हेतु चिकित्सकों की आवश्यकता की मांग करते हुए इसका अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
मस्तिष्क ज्वर रोगियों को उपचार केन्द्र/सन्दर्भित उपचार केन्द्र तक पहुंचाने के लिए निःशुल्क एवं समस्त आवश्यक उपकरणों से सुसज्जित एम्बुलेन्स (‘108’ एवं ‘102’) की सुविधा के उपयोग हेतु जनता को जागरुक एवं प्रेरित किया जाए।
मस्तिष्क ज्वर से उत्पन्न हुई विकलांगता के उपचार एवं काउन्सिलिंग हेतु विकलांग कल्याण विभाग द्वारा जनपद मुख्यालय में डिस्ट्रिक्ट डिस्एबिलिटी रिहैबिलिटेशन सेण्टर (डी0डी0आर0सी0) की स्थापना की गई है। कुछ जनपदों में इनकी क्रियाशीलता आरम्भ नहीं हो सकी है, जिससे विकलांग के उपचार एवं प्रशिक्षण में व्यवधान आ रहा है। डी0डी0आर0सी0 की स्थापना एवं क्रियाशीलता हेतु भारत सरकार द्वारा विभाग को उपलब्ध कराई गई धनराशि का पूर्ण उपयोग एवं डी0डी0आर0सी0 की क्रियाशीलता सुनिश्चित की जाए।
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय (एम0ओ0डी0डब्लू0एस0), भारत सरकार द्वारा प्रभावित जनपदों में शुद्ध एवं गुणवत्तापरक पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए वित्तीय वर्ष 2014-15 में धनराशि 125.53 करोड़ रुपए की धनराशि अनुमोदित एवं 57.07 करोड़ रुपए की धनराशि अवमुक्त की गई, जिसका जनपद स्तर पर उपयोग सुनिश्चित कर शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
प्रवक्ता ने बताया कि भारत सरकार द्वारा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आई0सी0एम0आर0) को पेयजल की गुणवत्ता के मूल्यांकन में सहयोग हेतु निर्देशित किया गया है, अतः जनपदों में पेयजल के गुणवत्ता के मूल्यांकन की कार्यवाही में जिलाधिकारी समुचित सहयोग उपलब्ध कराते हुए इसके परिणाम का अनुश्रवण कर आवश्यक कार्यवाही करें एवं शासन को अवगत कराएं।
जनपद के घरों, स्कूल, विद्यालय, आंगनबाड़ी केन्द्र में स्वच्छ शौचालय की स्थापना के लक्ष्य के सापेक्ष उपलब्धि एवं पूर्व से स्थापित स्वच्छ शौचालय के रख-रखाव का नियमित अनुश्रवण कर इनके उपयोग हेतु जनता को जागरुक एवं प्रेरित किया जाए।
प्रवक्ता ने बताया कि भारत सरकार द्वारा ए0ई0एस0/जे0ई0 रोग के नियंत्रण एवं रोक-थाम हेतु उपलब्ध कराई गई स्वास्थ्य शिक्षा सामग्री राज्य मुख्यालय से जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को ई-मेल के माध्यम से प्रेषित की जा चुकी है। जनपद में आम बोल-चाल में प्रयुक्त होने वाले शब्दों का समावेश करते हुए स्वास्थ्य शिक्षा सामग्री तैयार कर व्यापक स्तर पर सभी अन्तर्विभागीय कार्याें की जानकारी देते हुए जन-समुदाय को मस्तिष्क ज्वर रोग से बचाव हेतु ‘क्या करें’ एवं ‘क्या न करें’ की स्वास्थ्य शिक्षा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना सुनिश्चित करें।
गोरखपुर एवं बस्ती मण्डल के जनपदों में मत्स्य विभाग के सहयोग से लार्वाभक्षी गम्बूशिया मछली का संचयन किया गया है। जनपद में वर्तमान में ये कितनी संख्या में उपलब्ध हैं तथा इनका अग्रतर संचयन जिन जलाशयों में किया जाना है। जिलाधिकारी उनका चिन्हीकरण तथा संचयन करवाएं एवं इसकी प्रगति जनपद की संकलित रिपोर्ट में सम्मिलित करें।
पशुपालन विभाग के सहयोग से जनपद में स्थापित सूकर बाड़ों को जाली से ढकने, साफ-सफाई एवं कीटनाशक छिड़काव हेतु सूकर पालकों को समुचित जानकारी, प्रशिक्षण उपलब्ध कराते हुए प्रेरित किया जाए। पशु-पालन विभाग द्वारा सूकर में सीरो-सर्विलेन्स कर इसके परिणामों से स्वास्थ्य विभाग को अवगत कराते हुए मच्छर निरोधक कार्यवाहियां सुनिश्चित कराएं। बच्चों में कुपोषण की रोक-थाम एवं प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों को पुष्टाहार/टेक होम राशन उपलब्ध कराए जाने का विशेष अनुश्रवण कर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
प्रवक्ता ने कहा कि जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि मच्छर जनित जापानी इन्सेफ्लाईटिस की रोक-थाम के लिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत जे0ई0 टीकाकरण जे0ई0 वैक्सीन की दो डोज़ देकर 02 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों को प्रतिरक्षित किए जाने के लक्ष्य निर्धारित हैं। जे0ई0 टीकाकरण के लक्ष्य के सापेक्ष विशेष प्रयास करते हुए शत-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की जाए।
जनपद की चिन्हित नगर पालिका की मलिन बस्तियों में पेयजल की उपलब्धता हेतु नगर विकास विभाग एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए इण्डिया मार्क-प्प् हैण्डपम्प एवं टैंक टाइप स्टैण्ड पोस्ट (टी0टी0एस0पी0)/मिनी पब्लिक वाटर सप्लाई (एम0पी0डब्लू0एस0) की स्थापना एवं पंचायती राज विभाग द्वारा वातावरणीय स्वच्छता के दृष्टिगत घरों में तथा बेसिक शिक्षा विभाग एवं आई0सी0डी0एस0 विभाग द्वारा स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर स्वच्छ वाटर सील्ड शौचालयों के निर्माण हेतु लक्ष्यों के अनुरूप उपलब्धि एवं उपलब्ध कराई गई धनराशि का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, उ0प्र0 द्वारा निदेशक, नगर विकास विभाग, पशुपालन विभाग, एस0सी0ई0आर0टी0, विकलांग कल्याण विभाग, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग एवं मुख्य अभियन्ता (ग्रामीण), उ0प्र0 जल निगम को सम्बन्धित बिन्दुओं पर कार्यवाही किए जाने एवं कृत कार्यवाही का विवरण प्रेषित किए जाने का अनुरोध किया गया है। अपेक्षित है कि सम्बन्धित विभागों की नियमित समीक्षा में जिलाधिकारी यह सुनिश्चित कर लें कि विभिन्न विभागों द्वारा किए गए कार्याें की अद्यतन सूचना नियमित रूप से शासन को तथा निदेशक/राज्य कार्यक्रम अधिकारी, ए0ई0एस0/जे0ई0, उ0प्र0, स्वास्थ्य भवन, लखनऊ के ई-मेल ंमेरमेजंजम/हउंपसण्बवउ पर प्रेषित की जा रही है।

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