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राज्य सूचना आयुक्त ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एंव उनके आश्रितों को चिकित्सा सम्बंधी सुविधायें शासनादेश के अनुसार उपलब्ध कराने के आदेश सचिव स्वास्थ्य विभाग को दिए

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने श्री शाद उस्मानी बनाम अपर निदेशक चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मुरादाबाद मण्डल द्वारा आर0टी0आई0 के तहत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एंव उनके आश्रितों को चिकित्सा सुविधा में उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में जारी शासनादेश उपलब्ध कराने तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित बीमार व्यक्ति के इलाज हेतु शासनादेश के अनुसार प्रदत्त की जाने वाली सुविधाओं को उपलब्ध कराने के आदेश सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण, अपर निदेशक, तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी संभल तथा सी0एच0सी0 के चिकित्सा अधीक्षक को दिए है।       राज्य सूचना आयुक्त ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित रोगी का इलाज करने में कोताही बरतने के मामलों को गम्भीरता से लेते हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवार की उपेक्षा करने वाले सम्बन्धित चिकित्सा अधिकारियों के विरूद्ध सख्त वैधानिक विभागीय कार्रवाई करने के साथ चिकित्सा सुविधायें दिये जाने के आदेश दिये हैं।
सूचना आयुक्त श्री उस्मान ने बताया कि प्रार्थी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का पुत्र है और वह काफी समय से मधुमेह रोगसे पीडित चला आ रहा है। दिनांक 24 सितम्बर 2013 को जब वह अपनी बीमारी का इलाज कराने नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गया तो चिकित्सा अधीक्षक डाॅ कप्तान सिंह के द्वारा उसके उपचार के कोताही बरती गयी। शासनादेश के अनुसार प्रेस्कराईब्ड मेडिसिन न तो अस्पताल की डिस्पेन्सरी से दी गई और न ही लोकल परचेस करके उपलब्ध करायी गई। इसके सम्बन्ध मंे मुुख्य चिकित्साधिकारी सम्भल को वादी ने अपने पंजीकृत पत्र दिनांक 25 सितम्बर 2013 को शिकायत दर्ज कराई गयी थी। मगर अभी तक उसका कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। उपचार के अभाव में प्रार्थी का स्वास्थ्य दिनों दिन गिरता जा रहा है जिसको लेकर वह बेहद चिन्तित है।
श्री उस्मान ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व उनके परिवार के आश्रित सदस्यों को चिकित्सा संबंधी सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए समय-समय पर शासनादेश जारी किए है किन्तु इन शासनादेशों को जनपद सम्भल के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में गंभीरता के साथ पालन नहीं किया जा रहा है। आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है, क्योंकि यह मामला स्वातंत्रता संग्राम सेनानियों से जुड़ा हुआ है। इसलिए आयोग इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए सचिव, स्वास्थ्य विभाग उ0प्र0 शासन लखनऊ को वादी एवं प्रतिवादी दोनों के बयान कलम बन्द करने के साथ संबंधित अभिलेखों एवं जांच आख्या आयोग को 30 दिन के अन्दर प्रस्तुत करने के आदेश दिये है।

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