36 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

प्रदेश सरकार किसानों की खुशहाली और बेहतरी के लिए लगातार कार्य कर रही है

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: प्रदेश सरकार किसानों की खुशहाली और बेहतरी के लिए लगातार कार्य कर रही है। राज्य सरकार द्वारा विभिन्न नीतियों के

माध्यम से किसानों को उद्योगों से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसके दृष्टिगत अनेक फैसले भी लिए गए हैं, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिल रहा है।
प्रदेश में अण्डे की खपत को देखते हुए कुक्कुट उद्यमिता विकास को बढ़ावा देने तथा मध्यम एवं लघु उद्यमियों की भागीदारी भी अन्य उद्यमियों के साथ-साथ सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश कुक्कुट विकास नीति-2013 के अन्तर्गत 10,000 पक्षी क्षमता के काॅमर्शियल लेयर्स इकाइयों की स्थापना का निर्णय प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया है। इससे प्रदेश में कुक्कुट पालकों को प्रोत्साहन के साथ ही, कुक्कुट उद्योग को बढ़ावा मिलेगा एवं प्रदेश में कुक्कुट तथा कुक्कुट उत्पादों के लिए आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा।
यह जानकारी देते हुए आज यहां सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि उ0प्र0 कुक्कुट विकास नीति-2013 के तहत एक लाभार्थी अधिकतम दो इकाइयों का लाभ प्राप्त कर सकता है तथा योजनान्तर्गत एन0आर0आई0, उत्तर प्रदेश अथवा अन्य प्रदेशों के लाभार्थी व्यक्तिगत/कम्पनी/ग्रुप के रूप में पात्र होंगे। 30,000 पक्षियों की काॅमर्शियल लेयर्स इकाइयां संचालित कर रहे लाभार्थी भी 10,000 काॅमर्शियल लेयर्स की अधिकतम दो इकाइयां प्राप्त कर सकते हैं तथा लाभार्थी के परिजन भी अधिकतम दो इकाइयां प्रति व्यक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि इस योजना में प्रदेश में प्रचलित अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास नीति-2012 के अनुसार छूट का प्रावधान है। प्रस्तावित योजना के अन्तर्गत किसी भी स्रोत से एक इकाई के लिए एक एकड़ भूमि क्रय पर प्रदेश के समस्त जनपदों में स्टाम्प ड्यूटी पर 100 प्रतिशत छूट भी दी जा रही है। इसके साथ ही, कुक्कुट आहार उत्पादन हेतु आहार इनग्रीडिएन्ट्स के लिए प्रदेश में इन्ट्री टैक्स की छूट वाणिज्य कर विभाग द्वारा दी जा रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि ऊर्जा सम्बन्धी वित्तीय प्राविधान 10,000 काॅमर्शियल लेयर्स की एक इकाई के लिए 400 रुपये प्रतिमाह की दर से 10 वर्षाें के लिए इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी में छूट भी अनुमन्य है। 10,000 काॅमर्शियल लेयर्स की एक इकाई के लिए अधिकतम 49 लाख रुपये पर अथवा वास्तविक बैंक ऋण पर 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से अधिकतम 5 वर्षाें तक ब्याज की प्रतिपूर्ति अधिकतम 13.33 लाख रुपये प्रति इकाई देय होगी।
प्रवक्ता ने बताया कि इसके साथ ही, अतिरिक्त मण्डी शुल्क एवं विकास सेस तथा निवेश प्रोत्साहन योजना का विस्तार करते हुए अन्य वित्तीय प्राविधान भी सम्मिलित हैं। इस योजना से प्रदेश में 10,000 पक्षी क्षमता की कुल 630 इकाइयां (कुल 123 लाख पक्षी) स्थापित किए जाने का प्राविधान है।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More