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रक्षाबन्धन के के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संम्बोधित करते हुएः मुख्यमंत्री

उत्तराखंड
देहरादून: इस बार रक्षाबन्धन का त्यौंहार उत्तराखण्ड की बहनों के लिए सौगात लेकर आया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने देहरादून में  विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का शुभारम्भ किया। इसके अन्तर्गत रक्षाबन्धन से पूर्व 28 अगस्त को वृक्षारोपण के लिये सैंकड़ों महिलाओं को अधिकतम 5 वृक्ष उद्यान विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गए। इन वृक्षों के एवज में वन विभाग द्वारा प्रति वृक्ष 300 रूपए की दर पर देय धनराशि का भुगतान एफडी के रूप में मौके पर किया गया।

जबकि जन धन से जन सुरक्षा योजना के अन्तर्गत बीमा योजना की भी शुरूआत की गई। इसकी पाॅलिसी के प्रीमियम की धनराशि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से वहन की जायेगी। इसमें नोमिनी, परिवार की महिला को ही बनाया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। आंगनबाङी कार्यकत्री सुरक्षा योजना में भी लाभार्थी द्वारा देय प्रीमियम की राशि भी राज्य सरकार देगी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि इस योजना में अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करने वाली महिलाओं, महिला स्वंय सहायता समूहों, महिला मंगल दलो को 10 रू0 प्रति पाॅलिसी की दर पर प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जायेगी। जो महिला मंगल दल या महिला स्वयं सहायता समूह सबसे अधिक पाॅलिसी करवायेगा उसे 1 लाख रूपए, दूसरे स्थान पर चार समूहों को 50-50 हजार रूपए जबकि अन्य 8 महिला स्वयं सहायता समूहों या महिला मंगल दलों को 25-25 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह धनराशि भी मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से ही दी जायेगी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि देश को महाशक्ति बनाने के लिए पहली शर्त ये है कि महिलाओं को सशक्त व आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाया जाए। यह तभी हो सकता है जबकि हम सभी की मानसिकता में परिवर्तन आए। इसके लिए समाज को भी आगे आना होगा। हमने तय किया है कि जन धन से जन सुरक्षा योजना के अन्तर्गत बीमा योजना में नाॅमिनी किसी महिला को ही बनाया जाए। आशा है कि उŸाराखण्ड द्वारा योजना में किए गए इस सुधार को राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनाया जाएगा। इसमें प्रत्येक नागरिक जिसका कि बैंक खाता हो का बीमा कराया जाएगा। इसमें वार्षिक प्रीमियम की राशि का भुगतान राज्य सरकार की ओर से स्वतः ही प्रत्येक वर्ष कर दिया जाएगा। लाभार्थी को केवल एक सहमति पत्र अपने बैंक में जमा कराना होगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि विकास की प्रक्रिया में महिलाओं को भागीदार बनाने के लिए अभियान चलाना होगा। राज्य सरकार ने इसकी शुरूआत कर दी है। 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को पोष्टिक आहार उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिलाधिकारियो को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी वृद्ध या विकलांग महिला पेंशन से वंचित न रहे। आवासहीन व भूमिहीनों की योजनाओं में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। परित्यक्ता महिलाओं के लिए पेंशन की व्यवस्था की गई है जबकि विकलांग बच्चा होने पर भी महिला को भरण पोषण राशि का प्राविधान किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण के लिए हमने अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। जो महिला स्वयं सहायता समूह ऋणग्रस्त हैं उनको पुनर्जीवन दिया जाएगा। महिलाएं अपने स्वयं सहायता समूह बनाएं। सरकार उन्हें गांवों की परती जमीन कृषि, बागवानी, पशुपालन के लिए प्रयोग करने का अधिकार देगी। हमने ऐसी व्यवस्था कर दी है कि जो भी उत्पादन गांवों में किया जाएगा, उसकी खपत सुनिश्चित होगी। महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों के लिए राज्य के प्रमुख स्थानों,तीर्थ स्थलों व पर्यटन स्थलों के साथ ही दिल्ली, मुम्बई व लखनऊ के उŸाराखण्ड भवनों में विपणन के लिए स्थान उपलब्ध करवाया जाएगा। देहरादून में प्रारम्भ किए गए इंदिरा अम्मा भोजनालय को राज्य के सभी जिलों में प्रारम्भ किया जाएगा। ये भी निर्णय लिया गया है कि महिला स्वयं सहयता समूहों के गेप फण्डिंग सहकारी बैंकों के माध्यम से किया जाएगा।
इस अवसर पर केबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रारम्भ किए गए जनकल्याणकारी कार्यक्रमों की श्रंखला में ही आज का कार्यक्रम है। जिस बड़ी संख्या में आज के कार्यक्रम में महिलाओं ने प्रतिभाग किया है, उससे जाहिर होता है कि महिलाओं का राज्य सरकार में कितना विश्वास है।

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